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संक्रमण का खतरा: नदी में मांस के सड़े-गले टुकड़े और नाली का पानी

 

तीनों नदियों में शहर के 19 वार्डों की नालियों का गंदा पानी गिराया जा रहा है। मांस के सड़े-गले टुकड़े भी इसी में फेंके जा रहे। खराब दवाइयां, सीरिंज आदि भी नदियों के हवाले किए जा रहे। यही वजह है कि एनीकटों में ठहरे पानी से बदबू आने लगी है। विभिन्न घाटों में नहाने वाले खाज-खुजली से परेशान है। इस बड़ी समस्या से नगर पालिका के अफसर और जनप्रतिनिधि दोनों वाकिफ हैं, लेकिन अब तक कोई ठोस पहल नहीं की गई है।

नियाव@ खैरागढ़

शनिवार को एल्डरमैन आलोक श्रीवास अपने पिता स्व. बनवाली श्रीवास के दशगात्र कार्यक्रम से एक दिन पहले दाऊचौरा रपटा पहुंचे तो हालात देखकर दंग रह गए। घाट के किनारे मांस के सड़े-गले टुकड़े पड़े मिले। एनीकट के एक किनारे पर उपयोग के बाद फेंकी गई सीरिंज पड़ी दिखी। पास ही दवाई की शीशियां भी दिखाई दीं। एनीकट के पानी से बदबू आ रही थी। आलोक ने नगर पालिका के अफसरों पर अपना गुस्सा निकाला। तकरीबन आधे घंटे बाद दो सफाईकर्मी नदी का कचरा निकालने पहुंचे। एल्डरमैन की नाराजगी दूर हो गई, इस घटना के दूसरे दिन टीम ने तीनों नदियों पर बने घाटों का मुआयना किया तो हालात बद से बदतर नजर आए।


शहरभर की नालियों का पानी नदी में / आमनेर, पिपरिया और मुस्का, इन तीन नदियों से घिरा हुआ है खैरागढ़। शहरभर की नालियों का गंदा पानी इन्हीं नदियों में गिराया जाता है। जैसे अंबेडकर वार्ड की नाली का पानी दाऊचौरा रपटा में गिर रहा है। वहीं मटन मार्केट की सारी गंदगी भी नदी में बहाई जा रही है।


तीनों एनीकट के पानी से आ रही बदबू / दाऊचौरा, लालपुर और शनिमंदिर के पीछे तीन एनीकट बनाए गए हैं, लेकिन नालियों के गंदे पानी और अपशिष्टों की वजह से ठहरे हुए पानी से बदबू आ रही है। आसपास के वार्डों में रहने वाले इसी पानी का उपयोग नहाने व अन्य निस्तारी के लिए करते हैं।


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फोड़े-फंसी की शिकायत ज्यादा / वार्ड-2 पिपरिया के रहने वाले जहीन खान ने बताया कि छिंदारी नदी घाट का उपयोग करने वाले 150 लोग हैं। नदी में काई जमी हुई है, जिसकी वजह से नहाने वालों को फोड़े और फुंसी की समस्या ज्यादा है। नल में पानी कम आता है। मजबूरी में नदी का पानी ही उपयोग करना पड़ता है।

नाली का पानी मिलने से होती है खुजली / वार्ड-1 पिपरिया की रहने वाली मिथिला श्रीवास ने बताया कि वार्ड की एक नाली नदी में आकर मिलती है। यहां 70 से 80 लोग नहाने आते हैं। महीनों सफाई नहीं होती, जिसके कारण खुजली की समस्या हो रही है। पार्षद शैलेंद्र वर्मा से शिकायत की थी, लेकिन हल नहीं निकला।

इसी गंदे पानी से नहाते हैं 600 लोग / लालपुर घाट पर औसतन 600 लोग रोज आते हैं। यहां राजफेमिली, गंजीपारा व लालपुर की नालियों का गंदा पानी नदी में गिरता है। वार्डवासी प्रेमलाल व राजेश मार्कण्डेय ने बताया कि गंदे पानी में नहाने से कई लोगों को त्वचीय रोग हो गए हैं, लेकिन मजबूरी में सभी इसी का उपयोग कर रहे हैं।


अब 20 से 25 लोग ही नदी में आते हैं / किल्लापारा यादव मोहल्ला घाट की रहने वाली दुलारी यादव ने बताया कि पहले इसी नदी में करीब 100 से ज्यादा लोग आते थे, लेकिन नदी में नाली का पानी मिलने से बदबू आने लगी है। अब रोजाना मात्र 20 से 25 लोग ही इसका उपयोग करते हैं। शिकायत करने के बाद भी समाधान नहीं निकला।


रोज आते हैं त्वचा रोगी / मेडिकल अफसर डॉ. विवेक बिसेन का कहना है कि गंदे पानी में नहाने से त्वचा में इन्फेक्शन होता है। अस्पताल में रोज ऐसे मरीज आते ही हैं। उन्हें साफ पानी में नहाने की हिदायत दी जाती है।


नाली में लगाएंगे जाली / स्वच्छता निरीक्षक कमल नारायण जंघेल का कहना है कि अब नालियों में जालियां लगाई जाएंगी ताकि कचरा उसमें फंस जाए और केवल पानी ही नदी में गिरे। घाटों की सफाई भी नियमित रूप से होती है।


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Last modified on Thursday, 09 January 2020 12:07

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