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नदियों के किनारे अतिक्रमण बढ़ता जा रहा है। बड़ी बात ये कि खुद नगर पालिका के अधिकारी-कर्मचारी अतिक्रमण को बढ़ावा दे रहे हैं। इसका ताजा उदाहरण है दाऊचौरा पुलिया के पास मौर्या कृषि केंद्र के बाजू में निर्मित अवैध दुकान। पहले तो नगर पालिका ने संबंधित कब्जाधारी को अवैध निर्माण का नोटिस दिया। बाद में उसी से संपत्ति व समेकित कर लेकर अतिक्रमण पर वैधता की मुहर लगा दी।
नियाव@ खैरागढ़
अब कब्जाधारी सुनील पिता फूलचंद मौर्य सीना ठोक कर दावा कर रहे कि यह जगह उनकी हो गई। क्योंकि वे नगर पालिका को टैक्स दे रहे हैं। उन्होंने सितंबर 2018 की रसीद भी दिखाई, जिस पर संपत्तिकर 2012-13 से 2015-16 तक अंकित है। नगर पालिका ने उनसे 1200 रुपए लिए हैं। दूसरी रसीद में 2016-17 से 2017-18 तक समेकित और संपत्ति कर के चार हजार 116 रुपए अंकित हैं। मौर्या कृषि केंद्र के ठीक सामने फर्निचर की दुकान भी सुुनील की ही है, जहां उनके पिता बैठते हैं। अब इसे लेकर नगर पालिका के अफसर गोलमोल जवाब दे रहे हैं।
नपा कर्मचारी ने टैक्स लेकर काटी रसीद / मौके पर पहुंचे सहायक राजस्व निरीक्षक मनोज शुक्ला ने कब्जाधारी के सामने कहा कि उन्होंने निर्माण से मना किया था। सुनील ने हामी भी भरी। लेकिन दलील ये दी कि उनसे टैक्स मांगा गया तो उन्होंने जमा कर दिया। नपा कर्मचारी पीयूस यदु ने बाकायदा इसकी रसीद भी दी।
पुल से पांच फीट भीतर डाला है कालम / कब्जाधारी सुनील मौर्या ने दुकान बनाने के लिए पुल से नदी की तरफ पांच फीट भीतर तीन कॉलम डाला है। आसपास के लोगों ने बताया कि पहले केवल कॉलम डाला गया था। बाद में रातों रात दुकान खड़ी कर दी गई। सारा खेल नपा अधिकारियों की मिलीभगत से खेला गया।
कार्रवाई नहीं होने से बढ़ रहा हौसला / मौर्या कृषि केंद्र से लगी 16 दुकानें भी अवैध हैं। तकरीबन ढाई साल पहले तत्कालीन एसडीएम पीएस ध्रुव ने इन दुकानों में ताला लगाकर सील कर दिया था। बाद में बिना किसी वैधानिक प्रक्रिया के इन्हें खोल दिया गया। इसके बाद अवैध कब्जाधारियों को हिम्मत मिली।
नदी किनारे अवैध कब्जों के दो उदाहरण ऐसे भी
केस-1: जमीन घेर कर किया पक्का निर्माण / दाऊचौरा क्षेत्र में नदी किनारे बने मकानों के मालिकों ने नदी तक की जमीन अपने कब्जे में ले रखी है। कुछेक ने तो पक्का निर्माण भी कर लिया है। पायल सिनेमा से लेकर जैन मुक्तिधाम तक का मुआयना किया जाए तो कई अवैध निर्माणों का पता चलेगा। इससे पर्यावरण को काफी नुकसान हो रहा है।
केस-2: घाट के रास्ते पर कबाड़ी का कब्जा / सोमवार दोपहर तकरीबन 12 बजे इतवारी बाजार में स्थित कबाड़ी की दुकान के पीछे घाट के रास्ते पर कबाड़ पड़ा मिला। दोनों तरफ टूटी-फूटी गाड़ियां, कूलर, फ्रीज, लोहे के सामान आदि पड़े दिखे, जिससे बचकर निकलने के बाद नदी तक पहुंच सके। नपा ने अब तक किसी तरह की कार्रवाई नहीं की है।
जानिए क्या कह रहे हैं प्रशासन के जिम्मेदार अफसर
कार्रवाई करना राजस्व विभाग का काम है / सीएमओ पीएस सोम का कहना है कि निर्माण हुआ है तो टैक्स तो लेंगे ही। हम तो केवल ये देखते हैं कि उस मकान या दुकान का मालिक कौन है। उसके नाम से रसीद काटते हैं। अतिक्रमण के खिलाफ कार्रवाई करना राजस्व विभाग का काम है। नगर पालिका तो केवल टैक्स लेती है।
सीएमओ कर सकते हैं कार्रवाई / तहसीलदार नेहा भेड़िया का कहना है कि नगर पालिका क्षेत्र में अतिक्रमण हटाने का पॉवर सीएमओ को है और वे कार्रवाई कर सकते हैं। अगर उनको हमारे कोई सहयोग की जरूरत होती है तो हमेशा सहयोग करते हैं। जब नोटिस दिया गया है तो उनके अधिकार क्षेत्र में है। मैं इस संबंध में सीएमओ से बात करती हूं।
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