ख़ैरागढ़. पॉलिटेक्निक परिसर में चुनाव बाद तोड़फोड़ और गाली गलौच के मामले में पुलिस ने जिला पंचायत उपाध्यक्ष विक्रांत सिंह और अन्य को फरार घोषित कर दिया है। और तहसीलदार से चल अचल सम्पत्ति का ब्यौरा मांगा है। पुलिस ने 23 दिसंबर 2021 को शासकीय पॉलिटेक्निक कॉलेज के मतगणना स्थल में बलात प्रवेश करने सहित अन्य पंजीबद्ध अपराध के मामले में जिला पंचायत उपाध्यक्ष विक्रांत सिंह,भाजपा शहर मंडल अध्यक्ष अनिल अग्रवाल,भाजयुमो उपाध्यक्ष अभिषेक सिंह,अंकित अग्रवाल,नरहर देव सिंह,भाजपा नेता किशोर सिंह,मंडल उपाध्यक्ष प्रफुल्ल ताम्रकार,पार्षद प्रत्याशी कैलाश नागरे,भाजयुमो जिला मंत्री आयश सिंह सभी को फरार घोषित किया है। और इन सभी के चल अचल संपत्ति का ब्यौरा तहसीलदार से मांगा है।
इन धाराओं में है मामला पंजीबद्ध
पुलिस ने इन सभी के खिलाफ अपराध क्रमांक 494/21,आईपीसी की धारा 186,147,294,506,353,427 के तहत मामला पंजीबद्ध किया है।
हाइकोर्ट की शरण में आरोपी
मामले में एडीजे कोर्ट से 3 आरोपियों की जमानत याचिका खारिज़ हो चुकी है। और हाइकोर्ट में अग्रिम जमानत के लिए प्रयासरत हैं। लेकिन हाइकोर्ट में केस डायरी पेश न होने की जानकारी मिली है।
सभी आरोपी हैं फरार - एसडीओपी
एसडीओपी दिनेश कुमार सिन्हा ने कहा कि सभी अभियुक्त मामला पंजीबद्ध होने के बाद से ही फरार हैं। और सभी कार्यवाही विधि सम्मत की जा रही है। सम्पत्ति का ब्यौरा लेना भी उसी प्रक्रिया का हिस्सा है।
ब्यौरा लेना कानूनी प्रक्रिया - टीआई
थाना प्रभारी नीलेश पांडेय ने चल अचल संपत्ति का ब्यौरा लिए जाने को कानूनी प्रक्रिया बताते हुए कहा कि सभी अभियुक्तों की प्रॉपर्टी का ब्यौरा लिया जा रहा है। मामले में जांच जारी है।
राजनैतिक दुराग्रह से प्रेरित होकर काम कर रही पुलिस - घम्मन
मामले में अधिवक्ता घम्मन साहू ने कहा कि पुलिस राजनैतिक दुराग्रह से प्रेरित होकर काम कर रही है। जान बूझकर केस डायरी उपलब्ध न कराकर स्वाभाविक न्याय में बाधा डाल रही है। विक्रांत सिंह कोई पेशेवर अपराधी नहीं है। बल्कि जनता के चुने हुए प्रतिनिधि है। और एक निर्वाचित जनप्रतिनिधि के खिलाफ इस तरह की कार्यवाही बदलापुर की मंशा को दर्शाती है।