खैरागढ़- केसीजी पुलिस की लगातार कार्यवाही से साफ हो चुका है,कि महाराष्ट्र के गौ तस्कर वनांचल के रास्ते सीजी के तस्करों से मिलकर गौ वंशो की तस्करी का बड़ा खेल खेल रहे हैं। इसमें पांडादाहा का चांदगढ़ी ग्राम तस्करी का एपी सेंटर बनकर उभरा है। व ब्लॉक के सबसे बड़े ग्राम मुढ़ीपाऱ से भी तस्करी के तार जुड़ रहे हैं। लगातार पुलिस कार्यवाही से गौ तस्करों के हौसले पस्त हुए हैं। अब तक पुलिस ने तार से तार जोड़कर डेढ़ दर्जन से अधिक तस्करों को पकड़ा है। चांदगढ़ी से दलाल के माध्यम से कई सालों से महाराष्ट्र-मध्यप्रदेश में तस्करी के तार जूडे़ थे जिसमें इससे पहले छोटे कार्यवाही करके छोड़ दिया जाता था। लेकिन इस पुलिस ने तार-तार जोडते हुए अन्तर्राज्यीय गौ तस्कर के लिंक को तोड दिया। पूर्व में घोटिया निवासी को भी गौ तस्करी के मामले में गिरफ्तार किया गया था। जिसका तार भी चांदगढ़ी से जुड़ हुआ था। वनांचल के रास्ते और पूर्व में पुलिस की निष्क्रियता के चलते कई बार इन तस्कारो छत्तीसगढ से मध्यप्रदेश-महाराष्ट्र गौ सप्लाई करने में सफलता प्राप्त हुई थी लेकिन इस बार पुलिस ने अपनी जिम्मेदारी बखूबी निभाते हुए अन्तर्राज्यीय लिंक को ध्वस्त कर 10 आरोपी को गिरफ्तार किया गया है।

पीटते हुए ले जा रहे थे मौहाढार
30 जुलाई को पुलिस को मुखबिर से सूचना मिली की कुछ लोग मवेशियो को पिटते हुए मौहाढार की ओर ले जा रहे है। पुलिस ने मौके पर रेड कार्यवाही किया पुलिस गाडी को देखकर दो लोग भाग गए मौके पर एक व्यक्ति शिव नंदन साहू पिता स्व. खेदू राम साहू उम्र 55 साल निवासी मुढीपार को पकड़ा गया। पूछताछ के दौरान आरोपी शिव नंदन साहू ने बताया की आवारा मवेशी को मुढीपार से कटेमा की ओर पुनीत टेकाम के दैहान ले जा रहे है। साथ ही मौके से भागे व्यक्ति का नाम मौहाढार निवासी सुन्दर टेकाम, राजेश टेकाम बताया गया। आरोपियों से गाय 55 नग, बछिया 45 नग, बछडा 30 नग की जप्ती पत्रक बनाकर पुलिस कब्जा में लिया गया।

3 अगस्त को किया गिरफ्तार
पुलिस ने फरार आरोपी राजेश टेकाम व सुन्दर टेकाम का मेमोरेण्डम कथन लिया. तो उसने अपने कथन मे उक्त मवेशी को अन्तर्राज्यीय गौ तस्कर सबर अली पिता उमर खान उम्र 27 साल निवासी वार्ड नं. 19 टिमकीटोला थाना बहेला जिला बालाघाट (म0प्र0) के साथ मिलकर तस्करी करना स्वीकार किया। जिसके बाद गौ तस्कारी करने के आरोप में तीनो आरोपी को 3 अगस्त को गिरफ्तार किया गया।
बाकी आरोपी भेजे गए जेल
घटना दिनांक से मुख्य आरोपी सबर अली फरार हो गया था जिसका लगातार पतासजी की जा रही थी। जिसे 12 अक्टूबर को हिरासत में लेकर पुछताछ किया गया जिसमें उन्होने बताया की उक्त मवेशियो को ग्राम चांदगढी निवासी रूपेश कोठले पिता स्व. शिवप्रसाद उम्र 23 साल, रवि बंजारे पिता छेरकू राम बंजारे उम्र 30 साल एवं कुंवर दास उर्फ दददू पिता इंदल लाल मारकण्डे उम्र 27 साल के साथ मिलकर महाराष्ट्र ले जाकर कत्लखाना ले जाने वाले व्यापारी मनोहर मनघटे पिता भोजराज मनघटे उम्र 25 साल निवासी वार्ड नंबर 03 पानगांव पोस्ट पाउलदौना थाना साल्हेकसा जिला गोंदिया (महाराष्ट्र) को बेच देते है और प्राप्त रकम को आपस में बांट लेते है। आरोपियों का प्रकरण सलिप्तता पाये जाने पर पशु तस्करो के विरूद्व धारा 4, 6, 10 छ.ग. कृषक परीक्षण अधि 2024 एवं पशु के प्रति क्रुरता निवारण अधिनियम 1960 का धारा 11 के तहत कार्यवाही कर आरोपी सबर अली, रूपेश कोठले, रवि बंजारे, कुंवर दास को गिरफ्तार कर न्यायालय के आदेश पर जेल भेजा गया।
पहला अपराध इसलिए मुचलके में छोड़ा गया घनश्याम
पुलीस अन्तर्राज्यीय गौ तस्कर सबर अली से उक्त गायों खरीद कर महाराष्ट्र के कत्लखाना ले जाने वाले आरोपी भोजराज मनघटे की पतासाजी किया जा रहा था। प्रकरण के विवेचना के दौरान ग्राम पंचायत मुढ़ीपार के सरपंच पति घनश्याम सिन्हा की भी संलिप्तता आरोपियों को मवेशी उपलब्ध कराने में पाई गयी। जिसके बाद सोमवार को घनश्याम सिन्हा व मंगलवार को आरोपी भोजराज मनघटे को गिरफ्तार किया गया। पुलीस अधीक्षक ने बताया की सरपंच पति घनश्याम सिन्हा का पहला अपराध होने की वजह से थाना से मुचलका पर छोड़ा गया है और मुख्य आरोपी भोजराज मनघटे का न्यायालय के आदेश पर जेल भेजा गया है।

बदनाम करने डाल दिया गौ तस्करी में नाम
गौ तस्करी में सरपंच पति घनश्याम सिन्हा के नाम आने पर बुधवार को आरोपी सरपंच पति के साथ सिन्हा समाज के जिला अध्यक्ष दीनदयाल सिन्हा, जिला महामंत्री नरोत्तम सिन्हा, मंडलेश्वर कुंभलाल सिन्हा, कार्यकरणी सदस्य भरत भूषण सिन्हा ने प्रेसवर्ता ली. इस दौरान महामंत्री नरोत्तम सिन्हा ने बताया की समाज के प्रतिष्ठित व्यक्ति घनश्याम सिन्हा को बदनाम करने के लिए पुलिस ने बिना साक्ष्य के गौ तस्करी के प्रकरण में नाम डाल दिया है। जिससे सिन्हा समाज के प्रतिष्ठित व्यक्ति की बदनामी हो रही है। उन्होने बताया की 28 जुलाई को ग्राम में बैठक रखकर बाहर गांव से आए लवारिश मवेशी को मौहाढ़ार निवासी पुनीत टेकाम के दैहान में छोडने का निर्णय लिए थे। जिसके बाद 31 जुलाई को गांव के करीब 50 लोग मवेशी को छोडने के लिए गए थे और लछना के आस-पास पुनीत टेकाम को लिखित लेकर मवेशी को सौपा गया था। इस दौरान जिला पंचायत सभापति विपलव साहू भी मौजूद रहे।

पुलिस ने नहीं लिया कथन
आरोपी सरपंच पति ने बताया की वह महाराष्ट्र, मध्यप्रदेश या चांदगढ़ी के जो आरोपी गिरफ्तार हुए है उससे उनका किसी भी प्रकार का कोई संपर्क नही है। सिर्फ पुनीत टेकाम जो जंगल में गाय चारवाहे का काम करता है सिर्फ उसे ही पहचानने की बात कही है। साथ ही प्रकरण में नाम डालने से पहले पुलिस द्वारा किसी प्रकार का कोई कथन नही लिया गया उन्होने पुलीस पर बिना साक्ष्य प्रकरण में उनका नाम दर्ज करने का आरोप लगाया है.

खड़े किए सवाल, दी आंदोलन की चेतावनी
प्रेस वार्ता में सिन्हा समाज के कार्यकारिणी सदस्य भरत भूषण सिन्हा ने प्रशासन पर सवाल खड़ा करते हुए कहा की जब 1 अगस्त को सारे मवेशी वापस मुढ़ीपार आ गए तो प्रशासन ने स्वयं ही सभी मवेशी को जंगल में छोडने आदेश दिए और पुलिस के संरक्षण में लवारिस मवेशी बकरकट्टा के जंगल में छोड़ गया। तो मुढ़ीपार के ग्रामीण भी मवेशी को लिखा पढ़ी के साथ जंगल में छोड़ रहे थे तो घनश्याम सिन्हा पर कार्यवाही क्यों किया गया। सिन्हा ने मामले की गंभीरता से जांच कर कार्यवाही करने व उक्त प्रकरण से घनश्याम सिन्हा का नाम हटाने जिला कलेक्टर व एसपी को ज्ञापन दिया गया है। प्रेसवार्ता के दौरान समाज के लोगो ने एफआईआर से सिन्हा का नाम नही हटाने पर उग्र आदोलन की करने की चेतवानी दी गई है।
