ख़ैरागढ़ 00 संगीत नगरी की प्यास बुझाने की आकांक्षा के साथ शुरू हुई जल आवर्धन योजना पालिका के गैर जिम्मेदाराना रवैये की वजह से धराशाही होती नज़र आ रही है। 32 करोड़ की लागत के साथ शुरू हुई इस योजना के माध्यम से छिंदारी बांध के पानी को गंजीपारा में निर्माणधीन डब्लूटीपी से शुद्धिकरण कर घर घर तक पहुंचाना था। साल 2019 में शुरू हुआ निर्माण का काम 4 साल बाद भी अधर में है। डब्लूटीपी का काम हुए बिना ही पूरे नगर की सड़कों को खोदकर पाइप लाइन विस्तार का काम किया गया। सिंचाई विभाग से एनओसी मिले बिना ही करोड़ों की लागत से पाइप लाइन विस्तार का काम कर दिया गया। लेकिन इन सबके बावजूद शहर वासियों को इस वर्ष भी पानी की कमी से जूझना पड़ेगा। यह नियत है।
बिना प्लानिंग के हुआ निर्माण
तत्कालीन भाजपा कार्यकाल के दौरान भी इसी तरह से पीएचई के माध्यम से 85 लाख की लागत से जल शोधन संयंत्र का निर्माण किया गया था। जिसमें अब ताला लटका हुआ है। अब फिर से उसी व्यवस्था को दोहराया जा रहा है। जल आवर्धन योजना का पूरा काम ही बिना प्लानिंग के किया गया है।
कमीशन खोरी की भेंट चढ़ रही महत्वाकांक्षी योजनाएं
नगर की ज़्यादातर महत्वाकांक्षी योजनाएं पालिका में जारी भ्रष्टाचार की भेंट चढ़ रही हैं। पालिका के अधिकारी कर्मचारियों से लेकर पक्ष - विपक्ष के जनप्रतिनिधियों तक कमीशन खोरी की लपटें पहुंचती हैं। जिसकी वजह से ज्यादातर योजनाएं धराशाही हो रही हैं।
जल आवर्धन योजना में भी गड़बड़ियों की लंबी फेहरिस्त
जल आवर्धन योजना के काम में शुरुवात से ही खेल जारी है। जबकि इस पर शुरू से ही सवाल खड़े किए जा रहे हैं। खासकर बिना डब्लूटीपी वर्क के पाइपलाइन विस्तार के काम हो जाने में भी सवाल खड़े होते रहे हैं। पर पालिका के भ्रष्ट अधिकारियों ने तमाम उठे रहे सवालों को दरकिनार कर इस बेतरतीब निर्माण में कोई सुधार नहीं किया।
लिया जाएगा सीएमओ से जवाब - राकेश गुप्ता,सांसद प्रतिनिधि
नगर पालिका के सांसद प्रतिनिधि राकेश गुप्ता ने कहा जल आवर्धन योजना की लेटलतीफी को लेकर आम जन मानस के मन में काफी सारे सवाल हैं। इन सभी का जवाब सीएमओ से लिया जाएगा।