घम्मन के बाद अब टिलेश्वर की भी मज़बूत दावेदारी
बिशेसर,हेमू और नूनकरण के नामों की भी चर्चा
ख़ैरागढ़. सत्ता के बाद अब भाजपा में संगठन का प्रमुख पद भी सोशल इंजीनियरिंग की भेंट चढ़ सकता है। जिसको लेकर अब भाजपा के सामान्य वर्ग के पदाधिकारियों में राजनीतिक कुलबुलाहट तेज़ हो चुकी है। दरअसल,भाजपा में जिलाध्यक्ष के पद के लिए अंदरूनी खींचतान जारी है। दावेदारों में जो नाम सबसे मज़बूती से सामने आए हैं। उनमें सबसे प्रमुख नाम जिला पंचायत सदस्य और साहू समाज के कद्दावर नेता घम्मन साहू का है। आशंका जताई जा रही है। कि लोधी के बाद सबसे अधिक संख्या साहू समाज की है। चूंकि लोधी समाज को लगातार जातीय बाहुल्यता के आधार पर भाजपा ने सत्ता में भागीदारी दे दी है। तो संतुलन के लिहाज से संगठन में साहू समाज की भागीदारी सुनिश्चित मानी जा रही है। हालांकि घम्मन की चुनौती को अब साहू समाज से ही तगड़ी टक्कर मिल रही है। साहू समाज के नवनियुक्त जिला अध्यक्ष टिलेश्वर साहू के भी भाजपा जिला अध्यक्ष के लिए दावेदारी रखने की बात सामने आई है। बताया जाता है कि टिलेश्वर ने साँसद संतोष पांडे से लेकर प्रदेश के अध्यक्ष अरुण साव तक अपनी दावेदारी रखी है। इसके अलावा साहू समाज से ही एक नाम और सामने आ रहा है। जो पूर्व जिला पंचायत सदस्य और वर्तमान में सांसद प्रतिनिधि बिसेशर साहू का है। हालांकि बिशेसर साहू ने सीधे तौर पर कोई दावेदारी नहीं की है। लेकिन उनकी दावेदारी को नकारा नहीं जा सकता। घम्मन को राजनीति के हर प्लेटफॉर्म में चुनौती देने के लिए तैयार खड़े हेमू साहू की दावेदारी भी जिला अध्यक्ष के लिए सामने आ रही है। बदली हुई रणनीति में साहू समाज मंडल भाजपा अध्यक्ष नुनकरण साहू का नाम भी आगे कर सकता है।
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सामान्य वर्ग से भी है दावेदारों की फेहरिस्त
जिला अध्यक्ष की दौड़ में सामान्य वर्ग के भी कई पदाधिकारी शामिल हैं। जिनमें जिला भाजपा राजनांदगांव के महामंत्री सचिन बघेल,जिला उपाध्यक्ष वीरेंद्र जैन,मंडल भाजपा अध्यक्ष अनिल अग्रवाल,जिला भाजपा मंत्री अनिल अग्रवाल के नाम प्रमुख रूप से सामने आ रहे हैं।
प्रेम नारायण हैं प्रमुख दावेदार
जिला अध्यक्ष के दावेदारों में छुईखदान मंडल अध्यक्ष व वरिष्ठ भाजपा नेता प्रेम नारायण चंद्राकर का नाम भी प्रमुखता से सामने आ रहा है। प्रेम नारायण साँसद संतोष पांडे के करीबी हैं। और ऐसा अंदाज़ा लगाया जा रहा है कि वरीयता के आधार पर प्रेम नारायण के नाम पर भी सहमति बन सकती है। हालांकि पिछड़ा वर्ग से एक नाम किसान मोर्चा के जिला महामंत्री खम्मन ताम्रकार का भी है। ख़म्मन ज़मीनी स्तर पर लगातार सक्रिय हैं। और उनकी नियुक्ति से भी युवाओं का अच्छा समर्थन पार्टी को मिल सकता है।
आड़े आएगी उम्र
हालांकि पार्टी सूत्रों की माने तो जिस तरह से पार्टी ने प्रदेश संगठन की घोषणा की है। और उसमें सभी प्रमुख पदों पर युवाओं को तरजीह दी है। ऐसे में जिला पदाधिकारियों के चयन में भी उम्र का ध्यान रखा जा सकता है। यदि ऐसा हुआ तो 50 से अधिक उम्र वालों को जिला संगठन में दायित्व मिलने की उम्मीद कम ही है।
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