
खैरागढ : राजनांदगांव जिले की सहकारी समितियों ने प्रदेश में अग्रणी रहते हुए बंपर धान खरीदी किया और सुखद के कारण धान शॉर्टेज होने पर समिति प्रबंधकों के विरुद्ध एफआईआर और निलंबर करने का आदेश जारी होना न्याय संगत नहीं है। उक्त बातें जिला पंचायत के सहकारिता सभापति विप्लव साहू ने कही। मौसम में बदलाव के साथ स्वाभाविक रूप सुखत आता है। चूहे रखरखाव आदि की दिक्कत आती है। उस पर सही तरीके से जांच होने के बाद ही किसी तरह की कार्यवाही और कारण बताओ नोटिस जारी करते हुए सुधार के लिए समय देना था ताकि समिति प्रबंधक उसकी भरपाई कर पाते। जबकि सुधार के लिए ऑनलाइन पोर्टल में भी यह व्यवस्था नहीं दिख रही है, जिसमें प्रबंधक शार्ट इसकी भरपाई भी करना चाहे तो सॉफ्टवेयर में दिक्कत पैदा हो रही है। धान खरीदी और परिवहन में सॉफ्टवेयर में ऑनलाइन एंट्री की व्यवस्था के साथ सुखत की भरपाई करने का सॉफ्टवेयर प्रावधान देने की जरूरत है। अब इसमें समिति प्रबंधक नहीं बल्कि समिति भी कंगाल हो रही है। एक समिति प्रबंधक चला जाता है, तो उसकी जिम्मेदारी वहीं पर खत्म होने जैसी हो जाती है और बचे हुए संकट मौजूदा समिति और अप्रत्यक्ष रूप से किसानों पर ही यह संकट रह जाएता है और उनकी समितियां दिवालियापन के कगार पर खड़ी हो जाती है। हालांकि अक्सर यह देखने मे आता है कि कुछ प्रबंधक और विभाग शॉर्टेज को बढ़ाचढ़ाकर बताकर लाभ कमाने की कोशिश करते रहे हैं। इन सभी मामलों पर पर एकतरफा कार्यवाही न करते हुए, शासन को सहकारिता विभाग और खाद्य विभाग को सहकारी सकमितियों का बड़े स्तर पर पड़ताल, छानबीन, पोस्टमार्टम और सुधार करते हुए ही इस समस्या के सही निदान पर लगना चाहिए।
