राजनांदगांव. शिक्षा विभाग में फर्जीवाड़ा और भ्रष्ट्राचार चरम सीमा पर पहुंच गया है, क्योंकि विगत 18 माह से एक के बाद एक घोटाले से शिक्षा विभाग सुर्खियों में है।
पैसे लेकर नियम विरूद्ध दिया गया, ट्रांसफर, पोस्टिंग से विभाग की किरकिरी हुई तो अब अनुमति मान्यता में फंसते नजर आ रहे है। जिला शिक्षा अधिकारी हेतराम सोम क्योंकि जो सूचना का अधिकार से दस्तावेज प्राप्त हुआ है उसको लेकर छत्तीसगढ़ पैरेंट्स एसोसियेशन ने कलेक्टर और संभागीय संयुक्त संचालक दुर्ग को पत्र लिखकर हेतराम सोम के खिलाफ एफआईआर दर्ज कराने की मांग किया गया है।

ऐसा कोई स्कूल ही संचालित नहीं...
बताया जा रहा है कि जिला शिक्षा अधिकारी राजनांदगांव के अनुसार अल्फा एज्युकेशन एण्ड़ वेलफेयर सोसायटी, बालोद के द्वारा अल्फा नेशनल स्कूल अंग्रेजी माध्यम का संचालन खैरागढ़ के दाऊचौरा में किया जा रहा है, लेकिन जिस नाम से इस संस्था को स्कूल संचालित करने की अनुमति मान्यता दिया गया है, वह चौकाने वाला है, क्योंकि अल्फा एजुकेशन एंड वेलफेयर सोसायटी, बालोद को गंडई में अजीज पब्लिक अंग्रेजी माध्यम स्कूल प्री-नर्सरी से लेकर कक्षा आठवीं तक संचालित करने दो वर्षो की अनुमति मान्यता दी गई है, जबकि गंडई में अल्फा एजुकेशन एंड वेलफेयर सोसायटी, बालोद के द्वारा अजीज पब्लिक अंग्रेजी माध्यम स्कूल का संचालन ही नहीं किया जा रहा है। गंडई में इस स्कूल का संचालन अजीज एजुकेशन सोयासटी, राजनांदगांव के द्वारा किया जा रहा है।

यूडाईस कोर्ड दिया, लेकिन स्कूल ही नहीं...
इतना ही नहीं शिक्षा विभाग के द्वारा अल्फा एजुकेशन एंड वेलफेयर सोसायटी, बालोद को जिस नाम से खैरागढ़ में स्कूल संचालित करने हेतु यूडाईस कोर्ड 22090812633 जारी किया गया, उस स्कूल का नाम अल्फा इंटरनेशनल मॉडल स्कूल है, लेकिन इस नाम से खैरागढ़ में कोई स्कूल संचालित नहीं है, लेकिन इस मामले में भी जिला शिक्षा अधिकारी अपने डिलिंग क्लर्क को दोषी मान रहे है, इसलिए उसे कारण बताओं नोटिस थमा दिया गया है।
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सरकार और कलेक्टर की छवि हो रही खराब
शिक्षा विभाग में जिस प्रकार पैसे लेकर खुलेआम फर्जीवाड़ा और भ्रष्ट्राचार किया जा रहा है, इससे ना सिर्फ सरकार की, बल्कि कलेक्टर की भी छवि खराब हो रही है, क्योंकि कलेक्टर से लगातार यह मांग किया जा रहा है कि शिक्षा विभाग में लिप्त भ्रष्ट्राचारियों पर सख्त कार्यवाही किया जाए, लेकिन शिक्षा विभाग में ना फर्जीवाड़ा रूक रहा है और ना भ्रष्ट्राचार, बल्कि एक के बाद एक लगातार खुलेआम फर्जीवाड़ा और भ्रष्ट्राचार की पोल खुल रही है, लेकिन कार्यवाही नहीं होने से भ्रष्ट्राचारियों के हौसले बुलंद है।