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सीएम घोषणाओं का हो रहा क्रियान्वयन, केसीजी में पर्यटन विकास व जीर्णोद्धार की रूपरेखा तैयार Featured

केसीजी के घास कुंआ झरना, मंडीप खोल गुफा, बैताल रानी घाटी का होगा पर्यटन विकास


डोंगेश्वर महादेव, नर्मदा मंदिर परिसर और घटियारी मंदिर का जीर्णोद्धार है शामिल


खैरागढ़ 00 छत्तीसगढ़ शासन द्वारा पर्यटन क्षेत्रों को विकसित करने के उद्देश्य से माननीय मुख्यमंत्री के द्वारा प्रवास के दौरान जिले के पर्यटन स्थलों के जीर्णोद्धार और विकास की घोषणा की गई थी। उक्त घोषणाओं के क्रियान्वयन हेतु कलेक्टर गोपाल वर्मा ने स्थलों का अवलोकन किया और पर्यटन विभाग को रूपरेखा तैयार कर शीघ्र पर्यटन विकास और जीर्णोद्धार के निर्देश दिए। मुख्यमंत्री की घोषणाओं के क्रियान्वयन हेतु कलेक्टर गोपाल वर्मा ने विगत दिनों पर्यटन विभाग के अधिकारियों को तलब कर जिले के पर्यटन स्थलों का निरीक्षण किया। इस सम्बंध में जानकारी देते हुए बताया कि सीएम घोषणा के अनुरूप जिले के पर्यटन स्थलों का  विकास व जीर्णोद्धार किया जा रहा है। इस हेतु पर्यटन विभाग ने रूपरेखा तैयार कर लिया है और विभाग को उक्त स्थलों के शीघ्र जीर्णोद्धार के निर्देश दिये गए। ज्ञात हो कि नर्मदा मंदिर प्रागण में स्वागत द्वार, सांस्कृतिक मंच निर्माण, साइनलेस बोर्ड लगाने, मंदिर परिसर में स्वच्छता आदि शामिल है।  इस सम्बन्ध में कलेक्टर ने निरीक्षण के दौरान डोंगेश्वर महादेव व नर्मदा मंदिर समिति के पदाधिकारियों से मंदिर जीर्णोद्धार कार्य के संबंध में चर्चा किया। इस दौरान अपर कलेक्टर डी.एस.राजपूत, एसडीएम रेणुका रात्रे, पर्यटन मंडल अधिकारी श्रीनिवास, तहसीलदार अमरदीप अंचल, रमेन्द्र डड़सेना, डॉ. मक़सूद, संजय देवांगन, लोक निर्माण विभाग अभियंता, सिंचाई विभाग के अधिकारी सहित मंदिर समिति के पदाधिकारी व अन्य ग्रामीण उपस्थित थे।


डोंगेश्वर महादेव, नर्मदा मंदिर और घटियारी मंदिर का जीर्णोद्धार है शामिल


मुख्यमंत्री भूपेश बघेल विधानसभा क्षेत्र खैरागढ़ प्रवास के दौरान डोंगेश्वर महादेव, नर्मदा मंदिर और घटियारी मंदिर का जीर्णोद्धार की घोषणा की गई थी। उक्त संबंध में कलेक्टर गोपाल वर्मा ने संबंधित स्थलों का भौतिक निरीक्षण किया। डोंगेश्वर महादेव केसीजी जिला मुख्यालय खैरागढ़ से लगभग 35 कि.मी. की दूरी पर स्थित है। यह स्थल अपनी प्राकृतिक सुंदरता और धार्मिक मान्यता के लिए प्रसिद्ध है। जीर्णोद्धार कर मंदिर को प्राकृति दृष्टिकोण से भव्य एवं सुन्दर स्वरूप प्रदान किया जाएगा। नर्मदा मंदिर और प्राकृतिक जल स्रोत स्थल राजकीय राजमार्ग क्रमांक 5 पर जिला मुख्यालय से 24 किमी की दूरी पर स्थित है। यहाँ माघ पूर्णिमा में नर्मदा मेला का आयोजन होता है जिसे जिला प्रशासन ने विगत वर्ष से नर्मदा महोत्सव के रूप में विकसित किया। जिले में भोरमदेव मंदिर के समकालीन प्राचीन शिव मंदिर, घटियारी में अवस्थित है, जिसका निर्माण 10वीं से 12वीं सदी के मध्य हुआ था। जो वर्तमान में उत्खनन से प्राप्त और जीर्ण-शीर्ण अवस्था में है। इसका निर्माण कवर्धा के फणीनागवंशी शासकों के द्वारा करवाया गया था। यह मंदिर जिला मुख्यालय से 41 किमी और गंडई से मात्र 7 किमी की दूरी पर स्थित है।


घास कुंआ झरना, मंडीप खोल गुफा, बैताल रानी घाटी का होगा पर्यटन विकास


मुख्यमंत्री की घोषणा के अनुरूप और कलेक्टर गोपाल वर्मा के निर्देशानुसार जिले के घास कुंआ झरना, मंडीप खोल गुफा, बैताल रानी घाटी को पर्यटन स्थल के रूप में विकसित करने की रूपरेखा बन चुकी है। मंदिर तक पहुंचने का मार्ग आम नागरिको के लिए महत्वपूर्ण है। वनविभाग के साथ मिलकर पर्यटन विकास के तहत पहुंच मार्ग का निर्माण कर रहे हैं। स्थल तक एक सुरक्षित और सुविधाजनक सड़क का निर्माण करने का कार्य प्रस्ताव सूची में शामिल है। स्थल में शेड का निर्माण, बैठक व्यवस्था, पीने के पानी की व्यवस्था दर्शकों के लिए आवश्यक है। इसका प्रस्ताव तैयार कर लिया गया है। शीघ्र ही कार्य आरम्भ कर लिया जाएगा।


कलेक्टर ने पर्यटन स्थलों का अवलोकन कर, जीर्णोद्धार हेतु विभाग को दिया निर्देश


कलेक्टर गोपाल वर्मा ने पर्यटन विभाग के  अधिकारियों को निर्देशित किया कि घटियारी मंदिर एवं डोगेश्वर महादेव मंदिर परिसर क्षेत्र में पहुँच मार्ग, पार्किंग क्षेत्र का निर्माण, सुंदर गार्डन का निर्माण करने से मंदिर परिसर को आकर्षक बनाया जाएगा। इस गार्डन में प्राकृतिक वन्य फूलों और पौधों से सुसज्जित किया जाएगा। इसके साथ गुम्बज को मंदिर में लगाने की योजना बनाई गई। पर्यटकों के विश्राम हेतु धर्मशाला का निर्माण किया जायेगा। इसी क्रम में नर्मदा मंदिर के जीर्णोद्धार करने की घोषणा को मूर्त रूप देने के लिए कलेक्टर स्थल का निरीक्षण किया। नर्मदा महोत्सव को दृष्टिगत रखते हुए मंदिर परसिर में दर्शनार्थियों को आवश्यक सुविधाएं प्रदान करने हेतु धर्मशाला का निर्माण, शेड का निर्माण, पानी टंकी, शौचालय, महिलओं एवं पुरूषों के स्नान के बाद वस्त्र पहनने के लिए अलग से कक्ष निर्माण करने प्रस्ताव तैयार किया गया। 

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