होली के इस खास पर्व पर हरे-भरे पेड़ों को बचाने और शहर के वातावरण को स्वच्छ बनाने के लिए रायपुर के कई जगहों पर इको-फ्रैंडली होलिका दहन का आयोजन किया जा रहा है। जिसमें गाय के गोबर से तैयार गौ-काष्ठ और कंडों का इस्तेमाल किया जाएगा।
आयोजन में निगम भी शामिल
रायपुर नगर निगम, स्मार्ट सिटी और सामाजिक संस्था एक साथ मिलकर इको-फ्रैंडली तरीके से होलिका दहन के आयोजन में जुटे हैं। होली के मौके पर हरे-भरे पेड़ों को बचाने और शहर के वातावरण को स्वच्छ बनाने के लिए ज्यादातर इलाकों में इको-फ्रैंडली होलिका दहन का आयोजन किया जा रहा है।
इको-फैंडली तरीके से होलिका दहन के लिए लोगों को किया जा रहा जागरूक
रायपुर के गोकुल नगर स्थित गौठान में देसी गाय के गोबर से तैयार गौ-काष्ठ और कंडे से होलिका दहन का आयोजन ज्यादातर इलाकों में किया जाएगा। साथ ही इको-फैंडली तरीके से होलिका दहन के लिए लोगों को जागरूक किया जा रहा है। जिससे पेड़ भी बचे और वातावरण भी शुद्ध हो।
गौ-काष्ठ-कंडे की बढ़ रही डिमांड
पहल सेवा समिति के उपाध्यक्ष रितेश अग्रवाल ने बताया कि स्मार्ट सिटी में स्मार्ट तरीके से होलिका दहन किया जाएगा और उनकी समिति के पास 1000 से भी ज्यादा होलिका दहन के लिए गौ-काष्ठ और कंडों के ऑर्डर आये हैं।
विक्रम आडवानी एक समिति के सदस्य हैं। उनका कहना है कि रायपुर में इको-फ्रैंडली होलिका का आयोजन पहली बार हो रहा है और लोग उन्हें गौ-काष्ठ और कंडों खरीदने के लिए खुद कॉल कर रहे हैं। विक्रम आडवाणी ने आगे कहा कि इससे पहले होलिका दहन समितियों के पास ये खुद जाकर गौ-काष्ठ देने की पेशकश कर चुके हैं लेकिन अब लोग खुद ही उनके पास गौ-काष्ठ लेने के लिए पहुंच रहे हैं।
गौ-काष्ठ और कंडे की कीमत लकड़ी से बिलकुल आधी
डीडीयू नगर से गौ-काष्ठ खरीदने पहुंचे अजय रजक बताते हैं कि उन्हें लकड़ियों से आधी कीमत पर गौ-काष्ठ और कंडे होलिका दहन के लिए उपलब्ध हो रहे हैं। साथ ही गौ-काष्ठ और कंडे की राख का उपयोग खाद के तौर पर किया जा रहा है।