ख़ैरागढ़:विवादित पदोन्नति सूची में गलतियों की फेहरिस्त थमने का नाम नहीं ले रही है। जारी सूची में कुछ नाम ऐसे शिक्षकों की भी जिनकी वरीयता को जान बूझकर कम कर दिया है। शिक्षक विभाग का आदेश जारी करने में संलग्न बाबुओं का कारनामा ऐसा है कि जिस शिक्षक को पदोन्नति सूची में शामिल करना था उनके नियुक्ति आदेश तिथि को वरीयता का आधार बनाया गया। वहीं जिस शिक्षक को पदोन्नति सूची से बाहर करना था। उस शिक्षक के जॉइनिंग डेट को पदोन्नति का आधार बनाया गया। और वरीयता सूची से बाहर कर दिया। इसको लेकर बीईओ कार्यालय में शिक्षकों ने नाराजगी भी जाहिर की है।
चली जा रही संशोधन की चाल
विवाद के निपटारे के लिए प्रशासनिक अधिकारी से लेकर शिक्षा विभाग के अधिकारी संशोधन की चाल चलने पर आमादा हैं। बकायदा ऐसे शिक्षकों से संपर्क साधा जा रहा है। जिसके लिए सत्ताधारी पार्टी के नेताओ का सहारा लिया जा रहा है। ताकि संसोधन आदेश में आपत्ति करने वाले शिक्षकों के आदेश में मन माफ़िक संशोधन कर विवाद का खात्मा किया जा सके।
संशोधन बढ़ाएगा विवाद
एक ओर जहां शिक्षा संशोधन आदेश जारी करने की फिराक में हैं वहीं जो शिक्षक संसोधन से प्रभावित होंगें। वे न्यायालय की शरण ले सकते हैं। इससे विवाद बढ़ सकता है।
उच्च कार्यालय पहुंचीं विवाद की आंच,और जिलों की तरह रद्द हो सकती है सूची !
वहीँ विवाद की आंच शिक्षा विभाग नके उच्च कार्यालय तक पहुंच चुकी है। बताया जाता है कि प्रदेश के कुछ अन्य जिलों में इसी तरह के प्रकरण सांमने आने के बाद सूची रद्द हो चुकी है। ऐसे में पूरे राजनांदगांव जिले की पदोन्नति सूची रद्द होने की संभावना व्यक्त की जा रही है।
जानिए पूरा विवाद ?
00 पैसे व राजनीतिक प्रभाव में पदोन्नति देने का है आरोप
00 पदोन्नति के लिए एक एक शिक्षक से 30 से 40 हज़ार तक लिए जाने का आरोप
00 विकलांग और महिला शिक्षकों को जान बूझकर वनांचल भेजने का है आरोप
00 बदले की भावना से सूची बनाने का आरोप
00 संशोधन में भी पैसे के खेल की जताई जा रही संभावना
कलेक्टर कर रहे हैं जांच,वे ही बता पाएंगे - राजेश कुमार सिंह डीईओ
मामले में जिला शिक्षा अधिकारी राजनांदगांव राजेश कुमार सिंह ने बताया कि जांच कलेक्टर कर रहे हैं। इसलिए इस बारे में वे ही बता पाएंगे।
मामले में कलेक्टर ख़ैरागढ़ - छुईखदान - गंडई डॉ. जगदीश सोनकर से दूरभाष पर संपर्क का प्रयास किया गया। लेकिन उन्होंने फ़ोन रिसीव नहीं किया।