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वर्ग संघर्ष का इतिहास सदियों पुराना - विप्लव Featured

 
 

बालोद. ओबीसी महासभा द्वारा प्रदेश स्तरीय रैली, धरना, ज्ञापन और आमसभा, 15 दिसम्बर को बालोद के सरदार वल्लभभाई पटेल मैदान में आयोजित हुई. प्रदेश भर के अन्य पिछड़ा वर्ग के नेताओ के साथ दुर्ग संभाग अध्यक्ष और राजनांदगांव जिला पंचायत के सहकारिता सभापति विप्लव साहू भी संभाग महासचिव महेंद्र कुमार, प्रभारी खिलेश्वरी साहू, जिला महासचिव खिलेश्वर पाल, एड. शेखू वर्मा, बौद्धिक सेल से रिटायर्ड प्रिंसिपल एस एल बंछोर, जिला सचिव भूषण सिन्हा शामिल हुए. रैली में शामिल होने के बाद सभा को संबोधित करते हुए विप्लव ने कहा कि किसी भी आंदोलन को सफलता यूं ही नही मिलती, इसके लिए जनता और पूरे समुदाय को लगातार संघर्ष करना होगा. क्योकि सफलता का कोई शॉर्टकट नही होता, और यह वर्ग संघर्ष का इतिहास तो सदियों का है. छत्तीसगढ़ में शुरू हो रहे इस महान आंदोलन को शुरू करने वाले बहुत तारीफ और बधाई के पात्र हैं, जिनके नेतृत्व में आप लोग भारी तादात में आये हैं. हो सकता है कि आप सिर्फ उमंग और सामूहिक उत्साह में आये होंगे, लेकिन इस रैली-आंदोलन को आपको समझना ही होगा.

 

इसी विचार-बीज से ही अन्य पिछड़े वर्ग के भविष्य का निर्धारण होगा. अगर बातें हमारी समझ मे नही आती तो शुद्ध रूप से संघर्ष कर रहे ओबीसी नेताओं का सान्निध्य और नेतृत्व हमें हमारा मार्गदर्शन करता रहेगा. अन्य पिछड़ा वर्ग समुदाय पूरी तरह खेती-किसानी, मेहनत-मजदूरी बिल्डिंग बनाने और आदि छोटे-मोटे काम में ही संलग्न है. और जब तक हमें अच्छी शिक्षा और बड़े अवसर नही मिलेगा तक हम, समानता और संवैधानिकता से दूर ही रहेंगे. ओबीसी महासभा का यह प्लेटफार्म और पूरा संगठन आपके साथ, संघर्ष की महान गाथा लिखने के लिए उपलब्ध है, समर्पित है. अपने उद्धार के लिए आपको पूरी मेहनत करनी होगी. महान दार्शनिक अरस्तू ने कहा था- अपनी क्षमता पूरा इस्तेमाल न करना, सबसे बड़ा अपराध होता है. सभा में प्रदेश अध्यक्ष राधेश्याम जिला अध्यक्ष यज्ञदेव पटेल सहित अन्य पिछड़ा वर्ग समुदाय के अंतर्गत आने वाले कई समाज तेली, कुर्मी, कलार, केंवट, धोबी, कुम्हार, लोहार, मुस्लिम पिछड़ा, गडरिया, लोधी, कसेर, मरार, कोष्टा, यादव, सोनी, नाई, चारण, पनिका, लारिया, सोनकर, वैष्णव, नामदेव, बरई, रजवाड़े आदि 24 से अधिक समाज के प्रतिनिधि और समाज के विभिन्न पदाधिकारियों ने आंदोलन का नेतृत्व और सभा को संबोधित किया.

 

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Last modified on Monday, 20 December 2021 12:47

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