खैरागढ़. हिन्दुस्तानी शास्त्रीय एवं उपशास्त्रीय गायन शैली के विद्वान कलाकार पंडित सतीष राव इंदुरकर को "पंडित राम प्रकाश मिश्र संगीत सम्मान" से सम्मानित किया गया। इस अवसर पर आपकी धर्मपत्नी श्रीमती संगीता सतीष इंदुरकर की उपस्थिति भी गरिमामयी रही। यह सम्मान दिनांक 25 अगस्त 2021 को पं. राम प्रकाश मिश्र के सुपुत्र डॉ. दिवाकर कश्यप (कश्यप बंधु) एवं डॉ. श्रुति कश्यप (पुत्रवधु) द्वारा पं. इंदुरकर के निज निवास स्वराभिषेक, दुर्ग (छत्तीसगढ़) में दिया गया। प्रसिद्ध गायक पं. इंदुरकर की गणना संगीत जगत के श्रेष्ठ कलाकारों में की जाती है।

30 वर्षों से विवि में दे रहे सेवाएं
वे एक निःस्वार्थ संगीत सेवक एवं कुशल संगीत गुरू के रूप में ख्यातिलब्ध हैं। वे विगत 30 से अधिक वर्षों से संगीत नगरी खैरागढ़ के इंदिरा कला संगीत विश्वविद्यालय में सेवारत हैं । और उनकी समृद्ध गायकी से अनेकों शिष्य लाभान्वित होते रहे हैं। श्री इंदुरकर ने देश - विदेश के अनेक मंचों पर अपनी प्रस्तुति दी हैं। तथा राष्ट्रीय एवं अंतर्राष्ट्रीय स्तर पर अनेक पुरस्कारों से अलंकृत किया गया है।

सम्मानित कर हुए कृतार्थ
डॉ. दिवाकर कश्यप ने कहा कि आप जैसे सहज, सुविज्ञ संगीतज्ञ को सम्मानित कर हम स्वयं को कृतार्थ महसूस कर रहे हैं। परम पिता परमेश्वर से प्रार्थना है कि आप स्वस्थ एवं सृजनधर्मी रहते हुए दीर्घायु हो तथा आपके सात्विक व्यक्तित्व की सुगंध से दसों दिशाएं सदैव सुगंधित हों।
डॉ. दिवाकर कश्यप ने दी प्रस्तुति
इस अवसर पर सांस्कृतिक संध्या का आयोजन किया गया। जिसमें प्रथम प्रस्तुति मास्टर दिव्यांश कश्यप द्वारा राग बागेश्री में ख़्याल गायन की दी गई, तत्पश्चात संगीत विश्वविद्यालय खैरागढ़ के गायन विभाग के सहा. प्राध्यापक डॉ. दिवाकर कश्यप द्वारा कई प्रचलित - अप्रचलित रागों की प्रस्तुति दी गई। उनके साथ तबले पर संगति अवनद्ध वाद्य विभाग के सहायक प्राध्यापक एवं बनारस घराने के प्रसिद्ध तबला वादक हरिओम हरी द्वारा एवं हारमोनियम पर संगति किशन प्रकाश व तानपुरे पर सुमांशू रावनहत्थे और ऋषभ मिस्त्री ने प्रदान की। इस सुरमई संध्या पर संगीत नगरी खैरागढ़ के कई संगीत साधक उपस्थित रहे।
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