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भ्रष्टाचार की भेंट चढ़ा बैतालरानी घाटी में हुआ प्लाण्टेशन, टूटे पड़े हैं लाखों के ट्री गार्ड Featured

 
खैरागढ़. रानी रश्मि देवी जलाशय से लेकर बैताल रानी घाटी तक वन विभाग में कुल 4000 से अधिक पौधे रोपे। पर अब 50 फीसदी ही हैं। जंगल में रोड साइड प्लांटेशन और उस पर बेतरतीब प्लांटेशन की वजह से अब इन पौधों के बचने की संभावना भी क्षीण नज़र आ रही है। पौधों को लगाने के बाद न पौधों की सतत मोनिटरिंग की गई। और न ही पौधों में खाद इत्यादि डाले गए। सूत्रों की माने तो खाद के लिए आए हुए पैसे वन विभाग के अधिकारियों के भ्रष्टाचार की भेंट चढ़ गए। और एक साल में जितनी ग्रोथ होना था। वह भी पौधों में नहीं हुआ है। जो पौधे बचे हैं वे भी पर्याप्त ग्रोथ नहीं कर रहे हैं।
 
ट्री गॉर्ड बनाने में ही खर्च डाले लाखों,एक साल में टूटे
वन विभाग ने प्लांटेशन में ट्री गॉर्ड लगाने लाखों रुपये खर्च कर डाले। ट्री गॉर्ड बनाने का  काम सीधे समूहों के माध्यम से किया जाना था। लेकिन वन विभाग के अधिकारियों ने  उक्त कार्य ठेकेदारी पद्धति से करवाया। एक ट्री गॉर्ड के एवज में 4 से 450 रुपए का भुगतान किया गया। मतलब ट्री गॉर्ड बनाने के नाम पर ही 4000 पौधों के लिए 18 लाख रुपए से अधिक का भुगतान किया गया।
 
न खाद डाले,न अन्य पोषक तत्व
वन विभाग के अधिकारियों ने ट्री गॉर्ड में तो खेल खेला ही है,पौधों के खाद और अन्य पोषक तत्वों का पैसा भी अधिकारियों की जेब में चला गया है। क्योंकि अब मज़दूरी ऑनलाइन होने को वजह से मज़दूरी में तो हेरफेर संभव नहीं है। पर अन्य कार्यों में खेल जारी है। खासकर इस मार्ग में लगाए पौधों में बिलकुल भी खाद न डाले जाने सूचना मिली है।
 
गलत साइड पर लगाए पौधे 
विशेषज्ञों की माने तो बैतालरानी घाटी तक किया गए प्लाण्टेशन का स्थल चयन ही गलत किया गया है। जंगल में रोड साइड प्लाण्टेशन की कार्ययोजना भी विशेषज्ञों की समझ से परे है। क्योंकि जिन जगहों में पौधे लगाए भी गए हैं। वे पूरी तरह से असुरक्षित नज़र आ रहे हैं।
 
इधर भी इतने ही पौधे ...
  •  गंडई से कवर्धा मार्ग में भी लगाए गए हैं इतने ही पौधे
  •  बेतरतीब प्लांटेशन की वजह से आधे से ज्यादा मर चुके हैं
  •  ट्री गॉर्ड खराब क़्वालिटी की वजह से टूट रहे हैं
  •  संरक्षण को लेकर कोई उपाय नहीं किए गए हैं
 
अधिकारी दे रहे गोलमोल जवाब 
छुईखदान वन परिक्षेत्र के अधिकारी दिलीप बंजारी ने रानी रश्मि देवी जलाशय से बैतालरानी घाटी तक हिस्से को गंडई रेंज का हिस्सा बताया है। वहीं गंडई के वन परिक्षेत्र अधिकारी अशोक गड़पायले ने बताया कि वे नए हैं। पर वो हिस्सा छुईखदान वन परिक्षेत्र आता है। रेंजर गड़पायेले ने गंडई से आगे के प्लाण्टेशन पर भी नया होने का हवाला दिया।
 
पौधारोपण में गड़बड़ी की हो जांच - नवनीत जैन
छुईखदान युवा मोर्चा के पूर्वअध्यक्ष नवनीत जैन ने कहा कि  दुर्भाग्यजनक है,जहां एक ओर हम प्रकृति वंदना का पर्व मना रहे हैं । वहीं दूसरी ओर वन विभाग के अधिकारी प्रकृति संरक्षण और पौधारोपण के लिए आने वाली राशि में भी हेर फेर कर रहे हैं। दोनों क्षेत्र के प्लाण्टेशन की जांच की जानी चाहिए। और दोषियों पर कार्यवाही की जानी चाहिए।
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