खैरागढ़. खेल के लिए एक मात्र मैदान,पर हालात बहुत बुरे,व्यवस्था सुधरती भी है तो उसमें प्रशासन का कोई विशेष सहयोग नहीं रहता। एक गेट बनाने के टेंडर पालिका ने किया था वो भी पिछले 5 सालों में नहीं बन पाया। अधूरा गेट अब लोगों के लिए प्रशाधन का केंद्र है। पर्याप्त सुरक्षा न होने की वजह से मैदान के अंदर सुबह से मवेशी छोड़ दिये जाते हैं। फिर दिन भर ये मवेशी मैदान के अंदर ही रहते हैं शाम ढलते ही खिलाड़ी खुद इन मवेशियों को बाहर करते हैं। जिसके बाद खेल शुरू हो पाता है। ये रोज़ के हालात हैं।
प्रेमी जोड़े करते हैं अश्लील हरकतें
असुरक्षा का आलम ये है कि दिन भर खुलेआम मैदान के स्टेडियम में बैठकर प्रेमी जोड़े अश्लील हरकते करते हैं। जिसकी वजह से सामान्य जन मैदान के भीतर से आवाजाही नहीं करते हैं।
डस्टबिन पड़े रहते हैं इधर उधर
मैदान सहित पूरे शहर में लाखों रुपयों के खर्च से डस्टबिन की खरीदी पालिका ने की है। मैदान में ज़रूरतों को ध्यान रखते हुए डस्टबिन लगाए गए थे। जिसके ढक्कन अब इधर उधर पड़े रहते हैं।
बन जाता है शराबियों का अड्डा
शाम ढलने के बाद मैदान के स्टेडियम में शराबियों का जमावड़ा रहता है। जिसकी वजह से बैठने की जगह में शराब की बोतलें, पानी की बोतलें डिस्पोजल और खाने पीने की चीजें बिखरी पड़ी रहती हैं।
क्या सिर्फ प्रशासन दोषी ?
- खेल मैदान को अय्याशी का अड्डा बनाने वाले आम लोग
- खुलेआम शराब खोरी करने वालों में संभ्रांत घरों के लोग
- डस्टबिन को तोड़ने और फेंकने वाले आमलोग
- खुलेआम गन्दगी फैलाने वाले आम लोग
अभियान ने सँवारा था मैदान
फतेह मैदान को लगभग 4 माह पहले कड़ी मेहनत और लाखों खर्च निर्मल त्रिवेणी महाअभियान के स्वयं सेवियों ने सँवारा था। पहली बार पूरे मैदान का महंगे रंगों से रंगरोगन निजी खर्च पर किया गया था। रंग रोगन के बाद मैदान में मॉर्निंग व इवनिंग वॉक करने वालों की संख्या बढ़ चुकी थी। और महिलाओं की आवजाही भी बढ़ चुकी थी। अब हालात एक बार फिर जस कर तस हैं।
व्यवस्थित करने बनाएंगे कार्ययोजना
सीएमओ सीमा बख्शी ने बताया कि मैदान को व्यवस्थित करने के लिए निर्देश जारी किए जाएंगे। नियमित तौर पर सफाई कराई जाती है। सुरक्षा के लिए पुलिस विभाग के साथ बैठकर कार्ययोजना बनाएंगें।