The RAGNEETI is periodical magazine and the news portal of central India with the political tone and the noise of issues. Everything is in this RAGNEETI. info@ragneeti.co.in
Owner/Director : Bhagwat Sharan Singh
Office Address : New Bus Stand, Shiv Mandir Road, Khairagarh. C.G
बैराज में भ्रष्टाचार: इंजीनियर कह रहे कि डाउन स्ट्रीम में नहीं किया प्रोटेक्शन वर्क
नियाव@खैरागढ़
प्रधानपाठ बैराज का फ्लोर क्या उखड़ा भ्रष्टाचार की परतें खुलने लगी। इंजीनियर कह रहे कि 59 करोड़ के प्रोजेक्ट वर्क में डाउन स्ट्रीम (निचले प्रवाह) के लिए प्रोटेक्शन वर्क का प्रावधान ही नहीं रखा गया। यानी 11 साल में दो बार इस्टीमेट रिवाइज्ड होकर 18 करोड़ का प्रोजेक्ट 59 करोड़ जा पहुंचा, लेकिन इतने महत्वपूर्ण काम को लेकर घोर लापरवाही बरती गई। जबकि छोटे-छोटे एनीकट में भी इस पर विशेष ध्यान दिया जाता है। इस वजह से नदी के नीचे का किनारा उखड़ रहा है।
दो पहाड़ों के बीच हेड वर्क का काम तकरीबन 44 करोड़ में पूरा हुआ। यानी प्रोजेक्ट के लिए स्वीकृत 59 करोड़ में से लगभग 15 करोड़ रुपए अभी भी बाकि हैं। इसके बावजूद अफसरों ने प्रधानपाठ बैराज के डाउन स्ट्रीम में प्रोटेक्शन वर्क के लिए 2 करोड़ 63 लाख 89 हजार का टेंडर निकाला है। एसडीओ एसएन शर्मा का कहना है कि डाउन स्ट्रीम में प्रोटेक्शन वर्क नहीं होने से नदी का बैंक (किनारा) उखड़ रहा है। उन्होंने बताया कि इस प्रोजेक्ट के एस्टीमेट में प्रोटेक्शन वर्क का प्रावधान ही नहीं रखा गया था, जबकि ये बेहद जरूरी है। इस्टीमेट में इतनी बड़ी गलती के बावजूद किसी भी अफसर की जिम्मेदारी तय नहीं की गई, बल्कि चुपके से टेंडर निकालकर खामी छिपाने का प्रयास किया गया।
इसलिए है प्रोटेक्शन वर्क की जरूरत
विभाग के तकनिकी जानकार बताते हैं कि छोटे से छोटे एनीकट या बैराज में प्रोटेक्शन वर्क कराने की जरूरत होती है अौर यह प्रोजेक्ट का हिस्सा भी है। प्रोटेक्शन वर्क होने से किनारा प्रभावित नहीं होता। इससे स्ट्रक्चर भी सुरक्षित रहता है। हालांकि अफसरों का कहना है कि प्रोटेक्शन वर्क का नया काम बैराज का हिस्सा नहीं है।
पेमेंट रुकने के डर से काटा पांच करोड़ का चेक
उधर बैराज का फ्लोर उखड़ चुका है। विंग वाल और बेसिन से पानी निकल रहा। इतनी बड़ी गड़बड़ी के बाद कार्रवाई रुकने और पेमेंट रुकने के डर से 15 दिन पहले ही ठेकेदार को पांच करोड़ का चेक दिया गया है। पता चला है कि ठेकेदार सिक्याेरिटी डिपॉजिट भी निकालने की फिराक में है।
जानिए बैराज को लेकर किस अफसर ने कहां की गड़बड़ी
एसडीओ एके गावंडे: वर्ष 2006 में प्रधानपाठ बैराज की तकनिकी स्वीकृति और सिविल वर्क से पहले गेट के सामान की खरीदी इन्हीं के कार्यकाल में हुई।
एसडीओ वायके शर्मा: गावंडे के बाद शर्मा ने ही चार्ज संभाला। बैराज का पूरा निर्माण इन्हीं की मॉनिटरिंग में हुआ है।
एसडीओ एसएन शर्मा: इनके कार्यकाल में ही मुख्यमंत्री ने बैराज का लोकार्पण किया और तकरीबन दो माह बाद फ्लोर उखड़ गया।
ईई एम कुजूर: बैराज के ठेकेदार विनित कंस्ट्रक्शन के मैनेजर की शिकायत पर एसीबी इन्हें सिविक सेंटर भिलाई में रिश्वत लेते पकड़ा। कोर्ट ने पांच साल की सजा सुनाई।
ईई ए ग्राहम: वर्तमान में छुईखदान जल संसाधन विभाग में पदस्थ हैं। हालही में बैरात के उखड़े फ्लोर और रिसती विंग वाल को नजरअंदाज करते हुए पांच करोड़ का चेक विनिज कंस्ट्रक्शन को दिया गया।
यह बैराज का हिस्सा नहीं है
अभी ये प्रोटेक्शन है तो उसी प्रोजेक्ट में, लेकिन बैराज से हटकर है। यह प्रधानपाठ का हिस्सा नहीं है। फिलहाल टेंडर की प्रक्रिया चल रही है।
एसएन शर्मा, एसडीओ
इसे भी पढ़ें:-
59 करोड़ के प्रधानपाठ बैराज का गेंट्री क्रेन भी खराब