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बांसुरी की तान और पखावज की थाप पर विश्वविद्यालय में पहला स्त्री महोत्सव 30 से

  • खैरागढ़ संगीत विश्वविद्यालय कैंपस-2 में 30 और 31 को रोजाना शाम 5.30 बजे से होगा स्त्री महोत्सव का आयोजन।

  • पखावज, बांसुरी और शास्त्रीय गायन के अंतरराष्ट्रीय महिला कलाकार देंगे प्रस्तुति।

  • सांस्कृतिक केंद्र नागपुर, संस्कृति एवं पुरातत्व विभाग और विश्वविद्यालय का खैरागढ़ में पहला आयोजन।

नियाव@ खैरागढ़

इंदिरा कला संगीत विश्वविद्यालय खैरागढ़ में पहली बार स्त्री महोत्सव 2018 का आयोजन 30 और 31 अक्टूबर को किया जा रहा है। महोत्सव में अंतरराष्ट्रीय ख्याति प्राप्त महिला कलाकार अपनी प्रस्तुति देंगे। इसमें चित्रांगना आगले- रेशवाल का पखावज वादन, मंजुषा पाटिल का शास्त्रीय गायन, सुचिस्मीता एवं देबोप्रिया का बांसुरी पर जुगलबंदी और आशा खाडीलकर का शास्त्रीय गायन सुनने को मिलेगा है।

संगीत और कला को संरक्षित करने के लिए है यह महोत्सव

  1. दक्षिण मध्य क्षेत्र सांस्कृतिक केन्द्र नागपुर, संस्कृति एवं पुरातत्व, छत्तीसगढ़ शासन रायपुर एवं इंदिरा कला संगीत विश्वविद्यालय खैरागढ़ के संयुक्त तत्वावधान में यह कार्यक्रम होगा।
  2. दक्षिण मध्य क्षेत्र सांस्कृतिक केन्द्र का उद्देश्य लोककला, आदिवासी कला, संगीत, नाटक, ललितकला एवं दृश्यकला के संरक्षण संवर्धन तथा प्रचार-प्रसार करना है।
  3. स्त्री महोत्सव का उद्देश्य भारत वर्ष की प्रतिभाशाली महिला कलाकारों की कलाओं को उजागर करना तथा उनकी कला को जनमानस तक सहज सुलभ स्वरूप पहुंचाना है ।

विश्वविद्यालय कैंपस-2, दो दिनों तक रोज शाम 5.30 बजे

  • 30 अक्टूबर:- चित्रांगना आगले- रेशवाल इंदौर का पखावज वादन तथा मंजुषा पाटिल पूणे का शास्त्रीय गायन होगा।
  • 31 अक्टूबर:- सुचिस्मीता एवं देबोप्रिया, मुंबई का बांसुरी युगल वादन तथा कार्यक्रम का समापन आशा खाडीलकर, मुंबई का शास्त्रीय गायन।

ख्याति प्राप्त कलाकारों के बारे में यहां जानिए:-

चित्रांगना आगले

चित्रांगना आगले / नाना पानसे घराना और महाराज कुदऊ सिंह घराना का पखावज सीख चुकी हैं और पखावज वादन में वे पांचवीं पीढ़ी का प्रतिनिधित्व कर रही हैं। अब तक वे नार्वे, यूके. अमेरिका, स्विट्जरलैंड, दोहा, कतर आदि देशों में पखावज वादन कर चुकी हैं।


सुचिस्मिता-देबोप्रिया

सुचिस्मिता-देबोप्रिया / इन्हें बांसुरी बहनों के नाम से जाना जाता है। ये इलाहाबाद के संगीत परिवार में पैदा हुए। मूल शिक्षा के बाद नीदर लैंड में भारतीय दूतावास से नाफिक छात्रवृत्ति दी गई। दोनों आकाशवाणी के वर्गीकृत कलाकार हैं और देश-विदेश में अपनी प्रस्तुति दे चुके हैं।


आशा खाडीलकर

आशा खाडीलकर / इन्होंने संगीत आराधना और संगीत कविराज जयदेव जैसे नए मराठी संगीतकारों के लिए संगीत बनाया है। सार्वजनिक शो के अलावा होली रंग रेंजली, सावन-रंग, सीतन-रंग, निर्माता को प्रतिमान जैसी विभिन्न अवधारणाओं के आधार पर कार्यक्रम प्रस्तुत किए हैं।


मंजुषा पाटिल

मंजूषा पाटिल /  मंजुषा को ठुमरी, भजन और नाट्य-संगीत आदि जैसे अर्ध शास्त्रीय संगीत रूपों में भी उत्कृष्टता प्राप्त है। उनमें से कुछ में सवाई गंधर्व महोत्सव, पुणे, तानसेन समारोह ग्वालियर, सभी बंगाल संगीत समारोह, कोलकाता, सहित शिकागो, बीएमएम कन्वेंशन, यूएसए में प्रस्तुति दे चुकी हैं।


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Last modified on Thursday, 09 January 2020 12:12

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