भारत में क्रिकेट के बाद सबसे ज्यादा क्रेज फुटबॉल का है। क्रिकेट में IPL और फुटबॉल में इंडियन सुपर लीग (ISL) का लोग बेसब्री से इंतजार करते हैं। लेकिन एक इसके फैंस के लिए एक निराशाजनक खबर यह है कि पांच महीने के लंबे इंतजार के बाद वे इसके फ़ाइनल मैच को नहीं देख पाएंगे।
आईएसएल के इस छठें सीजन में पांच महीने के लंबे इंतजार के बाद अब जब एटीके और चेन्नईयिन एफसी के बीच 14 मार्च को गोवा में होने वाला फाइनल नजदीक आया तो खबर आई कि आईएसएल का फाइनल खाली स्टेडियम में खेला जाएगा।
24 अक्टूबर को भव्य अंदाज में शुरू हुए इस टूर्नामेंट का समापन खाली स्टेडियम में दर्शकों की गैर मौजूदगी में खेला जाएगा। कोरोना के बढ़ते मामलों को देखते हुए खिलाड़ी, फैंस और स्टाफ की सुरक्षा के लिए यह कदम उठाया गया है। इससे पहले भी कई देशों में कुछ और फुटबॉल लीग का आयोजन भी खाली स्टेडियम में किया जा रहा है। वहीं जिन लोगों ने पहले ही टिकट बुक करवा ली थी, उन्हें उनके पैसे वापस भी किए जाएंगे।
जॉर्डन से लौट रही भारतीय मुक्केबाजी टीम को घर में अलग से रहने को कहा
जॉर्डन से एशियाई ओलिंपिक क्वालीफायर में भाग लेकर लौट रही भारतीय मुक्केबाजी टीम को कोरोना वायरस के खतरे को देखते हुए घर पर ही अलग रहने को कहा जाएगा। हालांकि टीम के सभी सदस्यों को स्वास्थ्य संबंधित जरूरी मंजूरी मिल गई है। भारतीय मुक्केबाजी महासंघ ने यह जानकारी दी।
गुरुवार को 13 मुक्केबाज और इतनी ही संख्या में कोचिंग स्टाफ स्वदेश लौटेंगे। जॉर्डन के अम्मान में बुधवार को समाप्त हुए क्वालीफायर में भारतीय मुक्केबाजों ने नौ ओलिंपिक कोटे हासिल किए। बीएफआई के कार्यकारी निदेशक आर के साचेती ने कहा कि उन्हें कुछ दिनों के लिए अपने घरों या हॉस्टल में अलग रहने को कहा जाएगा। हालांकि जॉर्डन ओलिंपिक संघ से उन्हें जरूरी स्वास्थ्य संबंधित मंजूरी मिल गई है।
मुक्केबाज 26 फरवरी तक इटली में ट्रेनिंग कर रहे थे, जो कोरोना वायरस से सबसे ज्यादा प्रभावित देशों में से एक है। वे 27 फरवरी को असिसी से अम्मान पहुंचे और उन्हें अनिवार्य स्क्रीनिंग के बाद ही भाग लेने की मंजूरी मिली। जॉर्डन में अभी तक एक ही पाॅजिटिव मामला सामने आया है। साचेती ने कहा कि उन्हें स्वास्थ्य संबंधित प्रमाण पत्र मिल गए हैं। साथ ही हमें सरकार द्वारा दिए गए दिशानिर्देशों का भी पालन करना होगा। उनके यहां पहुंचने के बाद स्क्रीनिंग की जाएगी।