महासमुंदl सांसद चुन्नीलाल साहू ने महासमुंद में मेडिकल कॉलेज की स्वीकृति को जनता की जरूरतों की पूर्ति बताया हैl उन्होंने श्रेय की राजनीति करने वाले नेताओं को सलाह देते हुए कहा कि जनता सब जानती है कि मेडिकल कॉलेज की स्वीकृति केंद्र की सरकार देती है। केंद्र की सरकार से ही कॉलेज के लिए 60 फ़ीसदी का बजट दिया जाना है, राज्य की सरकार सिर्फ व्यवस्था का खर्च और कार्य संपादित करती है। सांसद साहू ने बताया कि सरायपाली बसना क्षेत्र में कुष्ठ रोग की स्थिति को देखकर केंद्र और राज्य की सरकार गंभीर रही है। उसी समय छत्तीसगढ़ विधानसभा में बतौर विधायक (चुन्नीलाल साहू) उन्होंने संकल्प प्रस्ताव लाया था। प्रस्ताव पारित हुआ और राज्य की स्पेशल टीम ने सरायपाली बसना क्षेत्र का भ्रमण कर एक रिपोर्ट तैयार किया जिसमें महासमुंद जिले की स्वास्थ्य सुविधा को समय रहते सुधारने की आवश्यकता बताई गई। विधायक रहते हुए उन्होंने महासमुंद जिले को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के आकांक्षी जिलों में शामिल करने की मांग रखी। प्रधानमंत्री ने इस प्रस्ताव को गंभीरता से लिया और बस्तर के 7 जिलों समेत छत्तीसगढ़ के 10 जिलों को प्रधानमंत्री आकांक्षी जिला घोषित किया गया। जिसमें महासमुंद को शामिल कर यहां की हर बुनियादी सुविधाओं का आकलन किया जाने लगा। प्रधानमंत्री ने हर 3 जिलों में एक मेडिकल कॉलेज की स्थापना का प्रस्ताव रखा है उसी को मूर्त रूप देते हुए महासमुंद जिले में भी मेडिकल कॉलेज की स्थापना की स्वीकृति दी गई है। जिन जिलों को प्रधानमंत्री ने अपनी आकांक्षी योजना में शामिल किया है उनके विकास के लिए विशेष प्रावधान तैयार किए गए हैं। उसी के तहत महासमुंद में मेडिकल कॉलेज की स्थापना की जा रही है। केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्री डॉ हर्षवर्धन के पत्र का जिक्र करते हुए उन्होंने बताया कि महासमुंद जिले में मेडिकल कॉलेज की स्थापना के लिए पूर्व से ही प्रयास किए जाते रहे हैं। पूर्वर्ती मांग पर केंद्र की सरकार गंभीर रही है। उन्होंने बताया की केंद्र सरकार ने महासमुंद में मेडिकल कॉलेज खोलने का प्रस्ताव पहले से ही पारित किया हुआ है।
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केंद्र की सरकार नेराज्य सरकार को इसके लिए व्यवस्था बनाने कहा।
केंद्र की सरकार ने महासमुंद जिले में मेडिकल कॉलेज स्थापना की स्वीकृति प्रस्ताव पारित करने के बाद राज्य सरकार को इसके लिए व्यवस्था बनाने कहा।
व्यवस्था का पत्र प्राप्त होते ही राज्य की सरकार ने श्रेय की राजनीति शुरू कर दी और यह बताने की कोशिश करने लगी कि महासमुंद में मेडिकल कॉलेज की स्थापना उनके प्रयासों से हो रहा है, जबकि राज्य की सरकार मेडिकल कॉलेज में सिर्फ और सिर्फ स्थान उपलब्धता और स्थानीय प्रबंधन का कार्य करती है। केंद्र सरकार की मंशा के बगैर किसी भी स्थिति में मेडिकल कॉलेज की स्थापना राज्य सरकार नहीं कर सकती और न ही मेडिकल कॉलेज खोलना राज्य सरकारों के जिम्में है। श्रेया की राजनीति में लगे कुछ कांग्रेसी नेता इसे अपनी उपलब्धि बताने में लगे हैं। उन नेताओं को जनता के सामने यह स्पष्ट करना चाहिए कि कब-कब उन्होंने महासमुंद में मेडिकल कॉलेज खोलने का मांग पत्र या प्रस्ताव सरकार के सामने रखा है। यह भी बताया जाना चाहिए कि क्या राज्य की सरकार मेडिकल कॉलेज खोलने की स्वीकृति देने में सक्षम है ? यदि नहीं तो इस तरह जनता को भ्रमित करने से बाज आना चाहिए। सांसद साहू ने कहा कि यह महासमुंद जिले की आवश्यकता को ध्यान में रखकर केंद्र सरकार से स्वीकृत हुआ है और इसके बेहतर संचालन के लिए केंद्र की सरकार हर संभव मदद देने को तैयार है। केंद्र की सरकार महासमुंद में मेडिकल कॉलेज की स्थापना को क्षेत्र के लिए मील का पत्थर साबित करने जा रही है। सांसद ने बताया कि स्वास्थ्य मंत्रालय में लगातार छत्तीसगढ़ की स्वास्थ्य सुविधाओं को लेकर चिंतन किया जाता रहा है, उसी चिंतन के तहत राज्य के हर हिस्से में बेहतर स्वास्थ्य सुविधा उपलब्ध कराने की कोशिशें की जा रही हैं। राज्य सरकार से केंद्र की सरकार निरंतर संपर्क में रहती है और स्वास्थ्य सुविधाएं बेहतर हो सके इसके लिए राज्य को निर्देश दिया जाता रहा है। कॉलेज के लिए केंद्र की सरकार से पत्राचार और मांग पत्रों पर चर्चा करते हुए सांसद ने बताया की जब से महासमुंद प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के आकांक्षी जिलों में शामिल हुआ है, तब से ही यहां के विकास को लेकर केंद्र की सरकार ने बड़ी-बड़ी योजनाओं को मूर्त रूप देने की दिशा में प्रयास शुरू किया है। मेडिकल कॉलेज स्थापना भी उन्हीं प्रयासों का एक हिस्सा है।
सांसद साहू में केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्री के पत्र को दिखाया जिसमें डॉक्टर हर्षवर्धन ने मेडिकल कॉलेज की स्थापना के लिए सांसद चुन्नीलाल साहू के प्रयासों का जिक्र किया है, और कहा है कि मेडिकल कॉलेज की स्थापना के लिए जिस तरह की गंभीरता सांसद चुन्नीलाल साहू ने पहले की है यह अनवरत जारी रहे। उन्होंने इस महती योजना के सफल क्रियान्वयन के लिए सतत निगरानी बनाए रखने का भी सुझाव दिया है।