नई दिल्ली : कोरोना महामारी से बचाव के लिए जहां एक तरफ सरकार ने पूरे देश में लॉक डाउन लागू कर दिया है वहीं दूसरी ओर दिल्ली में रोजी रोटी की तलाश में आए मजदूर और गरीब वर्ग के लोग अपने घरों को लौटने के लिए बेबस और बेसहारा पाए गए क्योंकि लव डाउन के इस दौर में ना तो यातायात सुविधा है ना ही मजदूरों की रोजी रोटी का कोई साधन ऐसी संकट की घड़ी में अपने घरों को लौटना ही उनके लिए एकमात्र विकल्प है इसलिए मजदूर और गरीब लोग अपने घर अपने गांव पैदल ही निकल पड़े हैं यहां मौजूद मजदूरों में कोई उत्तर प्रदेश का है कोई मध्य प्रदेश का है कोई झारखंड का है देश के तमाम हिस्सों के लोग एक भीड़ बनाकर अपने अपने घरों को पैदल ही निकल पड़े किसी को 700 किलोमीटर जाना है किसी को 500 किलोमीटर जाना है और यह सिलसिला जारी है
लॉक डाउन की खौफ से अपने घर से निकले 13 लोग अलग-अलग हादसों में मौत के शिकार हो चुके हैं इन्हीं मजदूरों में से एक व्यक्ति ने 200 किलोमीटर पैदल चलने के बाद, अपना दम तोड़ दिया, वही 12 लोगों ने सड़क हादसे में अपनी जान गवा दी
जानकारी के मुताबिक दरअसल दिल्ली से मुरैना मध्य प्रदेश के लिए एक व्यक्ति पैदल निकला था जो कि दिल्ली में डिलीवरी ब्वॉय का काम करता था अपने घर को लौटते हुए उसने 200 किलोमीटर की यात्रा पैदल तय की 80 किलोमीटर का सफर और बाकी था पर दिल का दौरा पढ़ने से शख्स की मौत हो गई परिवार का रो रो कर बुरा हाल है परिवार का कहना है कि 35 साल का रणवीर भूखा प्यासा और डरा हुआ था
मुंबई अहमदाबाद हाईवे हाईवे पर सड़क हादसे में 4 लोग मौत के शिकार हो गए :
दूसरा मामला मुंबई-अहमदाबाद हाईवे पर हुआ जहां पैदल चल रहे मजदूरों को रास्ते में ही एक ट्रक ने टक्कर मार दी 4 लोगों ने दम तोड़ दिया 3 लोग घायल है, बताया जा रहा है कि जिस ट्रक ने टक्कर मारी वह ट्रक हॉस्पिटल के लिए मेडिकल सप्लाई लेकर जा रहा था
दिल्ली से निकली भीड़ की कुछ तस्वीरें :

यह मजदूर अपने साथ अपना परिवार, छोटे-छोटे बच्चे यहां तक कि इस भीड़ में गर्भवती महिलाएं भी शामिल है इस भीड़ के कई लोग दो-तीन दिनों से भूखे हैं रास्ते में कुछ व्यवस्था मिल जा रही है खाने की तो वहीं से पेट भर कर फिर आगे निकल जा रहे हैं कई लोगों को लाठीचार्ज का सामना भी करना पड़ रहा इस कड़कती धूप में आखिर कब तक अपने घरों तक ऐसे पैदल चलते रहेंगे।