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उपलब्धि : विवि की चंचल ने संस्कृत में गाया राज्यगीत,यू ट्यूब पर मिल रहा अच्छा प्रतिसाद Featured

वीडियो में नृत्य कलाकारों के साथ बीच में चंचल तिवारी वीडियो में नृत्य कलाकारों के साथ बीच में चंचल तिवारी

ख़ैरागढ़ 00 संगीत विवि के गायन विभाग में बीए की दूसरे वर्ष की छात्रा चंचल तिवारी ने राज्य गीत अरपा पैरी के धार को संस्कृत में गाया है। सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म में वीडियो ने रिलीज़ होते ही धूम मचा दिया है। वीडियो रिलीज़ होने के कुछ घंटों में ही वीडियो को राज्य भर से यहां तक विदेशों से भी अच्छा प्रतिसाद मिल रहा है। मूल रूप से छत्तीसगढ़ के बाघ बहरा निवासी चंचल के पिता पुरोहित का काम करते हैं। गीत की प्रेरणा को लेकर चंचल ने बताया कि छत्तीसगढ़ के राज्यगीत "अरपा पैरी के धार" को जब हम सुनते हैं, तो मन प्रफुल्लित हो जाता है। रोम-रोम में  छत्तीसगढ़ महतारी के लिए मातृत्व की भावना भर जाती है। डॉ नरेंद्र देव वर्मा जी ने उत्कृष्ट गीत की रचना की और यह गीत छत्तीसगढ़ का राजगीत है। इस गीत का संस्कृत में अनुवाद उसी स्वर-लय के साथ किया गया है। इस बात को बहुत कम लोग ही जानते हैं कि छत्तीसगढ़ी और संस्कृत भाषा के बहुत से शब्दों में समानता है। 


संस्कृत से लिए गए छत्तीसगढ़ी के शब्द


चंचल ने बताया कि धातु रूप, क्रिया शब्दों और दैनिक बोलचाल में ऐसे कई छत्तीसगढ़ी शब्द हैं जिनको देखने पर हम पाते हैं कि संस्कृत से ही इन्हें लिया गया है। छत्तीसगढ़ी के कई शब्द जो संस्कृत के हैं लेकिन जिनकी वर्तनी में छत्तीसगढ़ी उच्चारण के कारण थोड़ा सा ही परिवर्तन हुआ है। छत्तीसगढ़ के राज्य गीत 'अरपा पैरी के धार' का संस्कृत में अनुवाद, संस्कृत को जनभाषा, जनवाणी की ओर आगे बढ़ाने व संस्कृत के प्रति लोगों को जोड़ने का एक लघु प्रयास है।


डॉ. हेमंत शर्मा ने किया संस्कृत में अनुवाद


गीत का संस्कृत में अनुवाद डॉ.हेमंत शर्मा ने किया है। वहीं वीडियो में चंचल का साथ सुमन डांस ग्रुप भिलाई ने दिया है। संगीत विवेक नीलेश शर्मा ने दिया है। वीडियो की रिकॉर्डिंग साईं स्टूडियो रायपुर में की गई है। मिश्रण एवं मास्टरींग  पं.विवेक शर्मा, डी.ओ.पी भूमित साहू

सहायक विजय, नील, कोरियोग्राफर मनोज दीप, शृंगार हेमन्त साहू, संपादक  सौम्य रंजन राणा, ग्राफ़िक्स  सुशील यादव,निर्देशक मनोज दीप,निर्माता लखी सुंदरानी,प्रोडक्शन मैनेजर राजू छत्तीसगढ़िया,यूट्यूब का काम सौम्य रंजन राणा ने पूरा किया है। चंचल ने विशेष  डॉ. पूर्णिमा केलकर, नीलकंठ तिवारी, लकी ओम शर्मा, नीलेश साहू,कुशल सुधाकर का विशेष आभार जताया है।


कंठस्थ हैं गीता के श्लोक 


चंचल को गीता के सभी श्लोक भी कंठस्थ हैं,और वो संगीत में अपना कैरियर बनाने के लिए निरंतर प्रयासरत हैं। जिन्हें पूछे जाने पर बड़ी ही सहजता से चंचल सुनाती हैं।

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