×

Warning

JUser: :_load: Unable to load user with ID: 807

खैरागढ़ विश्वविद्यालय : कुलपति डाॅ. ममता चंद्राकर के दो वर्ष पूरे, कोरोना के बावजूद उपलब्धियों से भरा कार्यकाल Featured

 

खैरागढ़. इंदिरा कला संगीत विश्वविद्यालय खैरागढ़ की वर्तमान कुलपति, प्रख्यात लोकगायिका, पद्मश्री से सम्मानित डाॅ. ममता (मोक्षदा) चन्द्राकर ने 24 जुलाई 2022 को अपने कार्यकाल के दो वर्ष पूर्ण कर लिए हैं। उनका दो सालों का यह कार्यकाल कोरोना जैसी विपदा के बावजूद सफलता व उपलब्धियों से भरा रहा।

विश्वविद्यालय के कुलसचिव प्रो. डाॅ. इन्द्रदेव तिवारी ने बताया कि इन दो वर्षों के दौरान विश्वविद्यालय में अकादमिक, प्रशासनिक, अधोसंरचना व सामाजिक उत्तरदायित्व के क्षेत्र में अनेक उल्लेखनीय कार्य हुए हैं। कोरोना के भीषण प्रकोप के बावजूद कुलपति पद्मश्री डाॅ. ममता (मोक्षदा) चन्द्राकर के कुशल मार्गदर्शन और मजबूत संरक्षण में विश्वविद्यालय परिवार ने शैक्षणिक गुणवत्ता को बेहतर बनाने की दिशा में सतत रूप से कार्य किया। कोविड-19 के प्रोटोकाॅल का समुचित पालन करते हुए हरसंभव गतिविधियां संचालित की गई। इस दौरान छात्रावास, लाइब्रेरी, कम्प्युटर आदि के लिए विश्वविद्यालय में बेहतर व्यवस्था सुनिश्चित की गई। कुलपति डाॅ. चंद्राकर के कार्यकाल में कैरियर एडवांसमेंट स्कीम के अंतर्गत शिक्षक, प्राध्यापक व अन्य पात्र कर्मचारियों को पदोन्नति आदि का लाभ दिया गया। कुछ लंबित प्रकरणों पर भी त्वरित निर्णय लेते हुए पात्र कर्मचारियों को लाभान्वित किया गया।

 

कुलसचिव डाॅ. तिवारी ने बताया कि कुलपति डाॅ. ममता (मोक्षदा) चन्द्राकर के इन दो वर्षों के कार्यकाल में रंगमंडल की स्थापना, दीक्षांत समारोह व खैरागढ़ महोत्सव का भव्य आयोजन, अंतरराष्ट्रीय योग दिवस पर विशाल आयोजन, गोदग्रामों में विभिन्न प्रकार की गतिविधियों का संचालन आदि शामिल हैं। इसके अतिरिक्त देश के तमाम प्रतिष्ठित संस्थानों के साथ एमओयू भी बड़ी उपलब्धि है। कुलसचिव ने कहा कि सरगुजा-बस्तर की लोककला, थिएटर में नए पाठ्यक्रम की शुरूआत तथा साउंड इंजीनियरिंग के लिए नए कोर्स प्रारंभ करने का निर्णय आने वाले समय के लिए भी यहां के छात्र-छात्राओं के लिए कैरियर का मार्ग प्रशस्त करेगा। 

 

कुलसचिव डाॅ. तिवारी ने बताया कि सामाजिक उत्तरदायित्व के तहत विश्वविद्यालय प्रबंधन ने न केवल नागारिक गतिविधियों में उल्लेखनीय भूमिका दर्ज कराई है, बल्कि नगर के प्रतिष्ठित सामाजिक संगठनों के साथ मिलकर जनहित के कार्य किए हैं। डाॅ. तिवारी ने कुलपति डाॅ. चन्द्राकर के दो वर्षों के कार्यकाल की उपलब्धियों पर प्रकाश डालते हुए यह भी बताया कि शैक्षणिक सत्र् 2022-2023 से इंदिरा कला संगीत विश्वविद्यालय में सेमेस्टर प्रणाली समाप्त कर दी जाएगी। इसके लिए विश्वविद्यालय की कुलाधिपति व राज्यपाल सुश्री अनुसुइया उइके ने आर्डिनेंस पास कर दिया है। उन्होंने बताया कि विश्वविद्यालय के इतिहास में संभवतः यह पहली बार होगा कि राजभवन ने एक साथ 10 आर्डिनेंस को अनुमोदित किया है। सेमेस्टर प्रणाली को लेकर उन्होंने कहा कि वार्षिक परीक्षा प्रणाली से विद्यार्थियों के धन की बचत होगी। विशेषकर खैरागढ़ विश्वविद्यालय के संदर्भ में विद्यार्थियों के लिए बेहतर यह होगा कि वे परीक्षा प्रक्रिया की जटिलताओं से मुक्त होंगे। उन्होंने बताया कि सेमेस्टर प्रणाली की जगह वार्षिक परीक्षा प्रणाली लागू करते हुए इस बात का भी पूर्णतः ध्यान रखा गया है कि इससे नई शिक्षानीति - 2020 की मंशा कहीं भी प्रभावित ना हो। खैरागढ़ विश्वविद्यालय की कुलपति डाॅ. ममता (मोक्षदा) चन्द्राकर स्वयं कला-संगीत के क्षेत्र की एक सुप्रसिद्ध व्यक्तित्व हैं। उनके दो वर्ष के उपलब्धियों से भरपूर कार्यकाल पूर्ण होने पर विद्यार्थी, शिक्षक, कर्मचारी, अधिकारी, पत्रकार, कलाकार, जनप्रतिनिधि समेत विभिन्न वर्ग के शुभचिंतकों ने बधाई और शुभकामनाएं व्यक्त की हैं।

Rate this item
(0 votes)

Leave a comment

Make sure you enter all the required information, indicated by an asterisk (*). HTML code is not allowed.