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मनरेगा कर्मियों को मृत्यु उपरांत भी नहीं मिलता सम्मान

 

 

मनरेगा महासंघ 25 मई को मनाएगा श्रद्धांजलि दिवस

 

खैरागढ 00 दिवंगत हुए मनरेगा कर्मचारियों के लिए छत्तीसगढ़ मनरेगा कर्मचारी महासंघ बूढ़ापारा तालाब धरना स्थल, रायपुर पर 25 मई को श्रद्धांजलि सभा का आयोजन कर रहा हैं, इस दिवस को महासंघ श्रद्धांजलि दिवस के रूप में मनाने का फैसला लिया है। धरना स्थल पर इनके परिवार के सदस्यो के द्वारा प्रशासन द्वारा अभी तक उन्हें प्राप्त सहायता का अवलोकन किया जाएगा, साथ ही उनके परिवार को यह विश्वास दिलाया जायेगा कि 15 हजार मनरेगा कर्मचारी इस कठिन समय मे आपके परिवार के साथ है। 

विगत वर्षो में लगभग 150 से अधिक मनरेगाकर्मी दिवंगत हुए है। अवगत हो कि कोरोना काल में महात्मा गांधी नरेगा योजना अंतर्गत कार्यरत अधिकारी कर्मचारियों ने स्थानीय स्तर पर काम उपलब्ध कराने के लिए जी तोड़ मेहनत की, जिसके फलस्वरुप कोराेना काल में सबसे अधिक काम दिलाने के मामले में छत्तीसगढ़ राज्य देशभर में अव्वल स्थान पर रहा। इस दौरान मनरेगा योजना में कार्य करने वाले जमीनी स्तर के कर्मचारी अधिकारी दिवंगत भी हुए। किसी भी कारण से दिवंगत हुए साथियों की याद में महासंघ ने श्रद्धांजलि सभा का आयोजन किया है। छत्तीसगढ़ में मनरेगा कर्मचारियों की स्थिति बहुत ही दयनीय है, ना ही उन्हें किसी प्रकार मृत्यु उपरांत सम्मानजनक अनुदान राशि दिया गया है और ना ही परिवार के पालन के लिए अनुकंपा नियुक्ति का प्रावधान । जिसके कारण मृत्यु उपरांत उनके आश्रित परिवार को सड़क पर आने की स्थिति बन गई है। मनरेगा कर्मचारियों के दिवंगत हो जाने पर अनुदान राशि के रूप में मात्र 1लाख रूपए दिए जाने के प्रावधान है, किंतु अधिकांश दिवंगत कर्मचारी के परिवार को यह राशि भी उपलब्ध नहीं कराई गई है। जिसके कारण दिवंगत कर्मचारी के परिवार में प्रशासन के खिलाफ आक्रोश व्याप्त है।

 

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