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राजनांदगांव. प्रदेश भर के सहकारी समितियों के साथ ही जिले के 139 समितियों के प्रबंधक, 8 नवम्बर से अनिश्चितकालीन हड़ताल पर हैं. धान खरीदी की तैयारी और समितियों द्वारा की जाने वाली सार्वजनिक वितरण प्रणाली के तहत मिलने वाले राशन दुकानों में वितरण का कार्य बन्द हो गया है, व्यवस्था बुरी तरह प्रभावित हो रही है. इस हड़ताल को अविलम्ब खत्म करना बेहद जरूरी है. उक्त महत्वपूर्ण विषय प्रेस-विज्ञप्ति जारी करते हुए जिला पंचायत राजनांदगांव के सहकारिता सभापति विप्लव साहू ने कहा है कि बीते सत्र में अव्यवस्था के बीच धान खरीदी का काम हुआ था, जिसके चलते समितियों को करोड़ो का नुकसान सहना पड़ा है. पूर्व से ही जिले की कई समितियां लाखों के कर्जे में चल रहीं है, और 2020-21 के बदहाल सत्र ने समितियों की मुश्किलें बढ़ा दी है. अब इनकी हड़ताल ने राजनांदगांव जिले के ग्रामीणों की मुश्किलें बढ़ा दी है.
बर्बादी के कगार पर
धान के उठाव में देरी, मौसम का प्रभाव, सूखत-सड़न की जिम्मेदारी समिति पर, मार्कफेड द्वारा उसकी वसूली समिति से किया जाना, प्रबंधको और सहायक प्रबंधकों का अल्प वेतन, कर्मचारियों का 6-8 महीने से मानदेय नही दिया जाना, ऐसे तमाम अव्यवस्था और सरकारी नियमों के कारण किसानों की समितियां घाटे में बरबाद हो रही है, या बर्बादी के कगार पर है.
भूख से मरने वालों की संख्या भारत मे अधिक
धान का कटोरा छत्तीसगढ़ किसानों पर आधारित राज्य है और पिछले सत्र में किसानों की गाढ़ी मेहनत की कमाई को बारिश-धूप में सूखते-सड़ते देखना वाकई हैरान और परेशान करने वाला था. देश का पेट भरने वाले धान-चांवल के अपमान को समझने के बाद नजरअंदाज करना इस हाल में त्रासदीपूर्ण है, कि दुनिया के सबसे अधिक भूखों की संख्या और भूख से मरने वालों संख्या भारत मे सर्वाधिक है.
बातचीत से निकले समाधान
सभापति ने कहा अब चूंकि प्रदेश भर के 2058 समिति प्रबंधक अपनी पांच सूत्रीय मांगों को लेकर अनिश्चितकालीन हड़ताल पर चले गए हैं. सहकारिता विभाग की व्यवस्था, पीडीएस राशन वितरण और धान खरीदी अधर में लटक गई है. जिसे जल्द से जल्द दूर किया जाना, जनता के हित मे होगा. सरकार को अविलंब प्रबंधक साथियों से बातचीत करते हुए समाधान निकलना ही होगा ताकि समाज के निचले-मद्धम और सभी वर्गों का भला हो और जनता को भारी समस्याओं का सामना न करना पड़े.