×

Warning

JUser: :_load: Unable to load user with ID: 807

सीएम विष्‍णुदेव साय सरकार में शिक्षा विभाग में नियुक्ति उद्योग चल रहा - यशोदा वर्मा Featured

 

मांग : रद्द की जाए प्रभारी डीईओ की नियुक्तियों की सूची, इसमें गंभीर अनियमितताएं की गई

 

र्थिक अनियमितता के दोषी कनिष्‍ठ प्राचार्य को प्रभारी डीईओ बनाए जाने पर जताई नाराजगी

 

 

खैरागढ़ 00 आर्थिक अनियमितता के मामलों में दोषी रहे प्राचार्य को जिला शिक्षा अधिकारी का प्रभार सौंपे जाने पर विधायक यशोदा निलांबर वर्मा ने कड़ी आपत्ति जताई है। उन्‍होंने कहा कि – मुख्‍यमंत्री विष्‍णुदेव साय की सरकार की नीयत तीन महिनों में ही साफ हो गई है। पूरे प्रदेश में कनिष्‍ठ प्राचार्यों को प्रभारी जिला शिक्षा अधिकारी नियुक्‍त किया जाना ही अनुचित है। इस सूची को तत्‍काल रद्द किया जाना चाहिए। 

 

 

आर्थिक अनियमितताओं के दोषी हैं लालजी द्विवेदी

 

 

विधायक वर्मा ने कहा कि : खैरागढ़-छुईखदान-गंडई जिले के शिक्षा अधिकारी का प्रभार प्राचार्य लालजी द्विवेदी को सौंपा गया है जो कि राजनांदगांव जिले के छुरिया बीईओ रहते आर्थिक अनियमितताओं के दोषी रहे हैं। ऐसे लोकसेवक को बड़ी जिम्‍मेदारी दिया जाना अनुचित है। इससे उन दूसरों को भी संरक्षण मिल जाएगा जो इस तरह के मामलों में आरोपी हैं या दोषी हैं। इस नियुक्ति से गलत संदेशा जाएगा। शिक्षा विभाग को अपनी यह नियुक्ति बिना देर किए वापस लेनी चाहिए। 

 

 

वरिष्ठता क्रम की उपेक्षा

 

 

खैरागढ़-छुईखदान-गंडई जिले में प्रभारी जिला शिक्षा अधिकारी की नियुक्ति पर खैरागढ़ विधायक ने कहा कि - शासकीय उच्‍चतर माध्‍यमिक विद्यालय, खैरागढ़ के प्राचार्य लालजी द्विवेदी काफी कनिष्‍ठ हैं। डीईओ जैसी बड़ी जिम्‍मेदारी वाला पद वरिष्‍ठता क्रम और पदोन्‍नति से भरा जाना चाहिए था जिसकी सरकार ने घोर उपेक्षा की है। उन्‍होंने कहा कि – नए प्रभारी जिला शिक्षा अधिकारी की नियुक्ति का हम विरोध करते हैं और उनके स्‍थान पर काबिल अफसर की तैनाती की मांग करते हैं। इस मामले में उन्‍होंने शिकायत की बात भी कही है। 

 

 

नियुक्ति को बनाया उद्योग

 

 

विधायक यशोदा वर्मा ने कहा कि – एक ओर मुख्‍यमंत्री विष्‍णुदेव सरकार के नुमाईंदे भ्रष्‍टाचार, अनियमितता मुक्‍त सुशासन का दावा कर रहे हैं। वे विभागों को ऑनलाईन करने और कई सब्‍जबाग दिखा रहे हैं जबकि उनके इस दावे के एक दिन पहले ही अनियमितताओं से अटी पड़ी शिक्षा विभाग की सूची जारी हो रही है। इसे लेकर पूरे प्रदेश में हल्‍ला है लेकिन सरकार चुप्‍पी साधे हुए है। उन्‍होंने मांग करते हुए कहा कि – इन नियुक्तियों को रद्द कर तत्‍काल जांच कमेटी बनाकर इसकी जांच करवाई जानी चाहिए। स्‍पष्‍ट नज़र आ रहा है कि इसमें गंभीर गड़बड़ी की गई है। शिक्षा विभाग में जिम्‍मेदारों ने नियुक्ति को उद्योग बना दिया है। जिम्‍मेदारों पर कड़ी कार्रवाई की जानी चाहिए।

Rate this item
(0 votes)

Leave a comment

Make sure you enter all the required information, indicated by an asterisk (*). HTML code is not allowed.