ख़ैरागढ़ 00 श्री रुक्खड़ स्वामी महोत्सव का आगाज़ मंगलवार को धर्मयात्रा के 96 वें पड़ाव से हुआ। सिद्धपीठ श्री रुक्खड़ स्वामी मंदिर परिसर में सामूहिक रूप से सुंदरकांड व हनुमान चालीसा का पाठ किया गया। धर्म ध्वजवाहक भागवत शरण सिंह ने कहा कि धर्मयात्रा रुक्खड़ बाबा की प्रेरणा से ही गांव - गांव तक पहुंच पाई है। और हम आज 96 वें पड़ाव तक पहुंच पाए हैं। भागवत शरण ने कहा श्री रुक्खड़ स्वामी बाबा सामान्य संत नहीं थे। मध्यप्रदेश से लेकर महाराष्ट्र तक उनके द्वारा स्थापित दो दर्जन से अधिक स्थानों की जानकारी मिल रही है। जिनमें ख़ैरागढ़ में स्थापित शिव पीठ के साथ ही श्री रुक्खड़ वन ग्राम ( पेंच टायगर रिज़र्व एरिया सिवनी),पाल डोंगरी,( लांजी),नारदा,देवादा, दुल्लापुर,मध्यप्रदेश,कुही,भंडारा ( महाराष्ट्र ) सहित अन्य स्थानों पर कहीं चिमटे,खड़ाऊ व अन्य चीज़ों की पूजा होती है। पाठ के दौरान बड़ी संख्या में धर्मयात्री शामिल रहे।
धर्मयात्रियों का ट्रस्ट ने किया स्वागत
इस दौरान धर्मयात्रा का सतत संयोजन करने वाले जगन्नाथ सेवा समिति छुईखदान के अध्यक्ष आदित्य देव वैष्णव, संजीव दुबे,शरद श्रीवास्तव,राजपरिवार के देवराज किशोर दास वैष्णव,विजय दुबे,पीयूष महोबिया,शिवेंद्र किशोर दास सहित अन्य का स्वागत ट्रस्ट के अध्यक्ष रामकुमार सिंह, सचिव अनुज गुप्ता, सह सचिव राजीव चंद्राकर,श्रेयांश सिंह,उत्तम दशरिया,विजय प्रताप सिंह, लाल सागर सिंह, अंकुश सिंह,धृतेंद्र सिंह सहित पूर्व जनपद अध्यक्ष ठाकुर कमल सिंह,विद्या सिंह सहित अन्य ने स्वागत किया।
भजनों ने बांधा शमां
धर्मयात्रा में सतत सुरों का शमां बांधने वाली कलाकार डॉ. विधा सिंह राठौर और राम भवसार एक ने अपनी प्रस्तुतियों से शिव भक्तों को झूमने पर मजबूर कर दिया।
जिनका साथ संगतकार छन्नू दास मानिकपुरी व अन्य ने दिया।