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कहा- देश के विकास में भरपूर सहयोग लेकिन निजी जमीन नहीं देंगे
खैरागढ़ 00 छुईखदान ब्लाॅक के ग्राम विचारपुर, भरदागोड़, बुंदेली, पंड़रिया, संडी में उच्च क्वालिटी के सीमेंट बनाने में उपयोग होने वाला हाई ग्रेड़ चूना पत्थर का अकूत भंड़ार हैं, सत्ता परिवर्तन के बाद राज्य की साय सरकार ने क्षेत्र में सीमेंट का मेगा प्लांट लगाने निविदा भी जारी किया हैं. राज्य सरकार द्वारा निविदा जारी होने के बाद देश की आधा दर्जन नामचीन कंपनियों ने सीमेंट प्लांट लगाने निविदा में भाग लिया हैं जिसमें श्री सीमेंट कंपनी को राज्य सरकार ने (एलओआई) प्लांट लगाने स्वीकृति भी दे दी हैं. राज्य सरकार के द्वारा प्लांट लगाने सैद्वांतिक निर्णय लेने के बाद पर्यावरण मंजूरी व जनसुनवाई के लिये अब प्रशासनिक स्तर पर तैयारी की जा रही हैं लेकिन विचारपुर के ग्रामीणों ने बुधवार को कलेक्टर कार्यालय पहुँचकर सीमेंट फैक्टरी नहीं खोलने का विरोध करते हुए कलेक्टर को ज्ञापन दिया हैं.
सीमेंट फैक्ट्री के लिए ग्रामीण नहीं देना चाहते अपनी निजी भूमि
ज्ञापन में ग्रामीणों ने बताया कि क्षेत्र में सीमेंट फैक्टरी लगाने श्री सीमेंट कंपनी को लीज मिलने की जानकारी मिली हैं. ग्रामीणों ने बताया कि क्षेत्र के ज्यादातर निवासी कृषक परिवार हैं जिनकी जीविका का साधन खेती-किसानी हैं. जानकारी अनुसार 404 हेक्टर जमीन को सीमेंट फैक्टरी के लिये चिन्हांकित किया गया हैं. जिसमें 53.517 हेक्टेयर जमीन सरकारी व 350.483 हेक्टेयर निजी जमीन हैं वहीं प्लांट के अफिाशियल एरिया के लिये 250 हेक्टेयर अलग से जमीन की तलाश की जा रही हैं. निजी जमीन की खरीदी भी शुरू कर दी गई हैं लेकिन ग्रामीण अपनी निजी भूमि को देने से मना कर रहे हैं. ग्रामीणों ने चिंता जाहिर की हैं कि जमीन सीमेंट फैक्टरी को देने से जीविका का साधन खत्म हो जायेगा वहीं सीमेंट फैक्ट्री लगने से आसपास की जमीन बंजर भी हो जाएगी, इसके बाद सभी ग्रामीण का कहना हैं कि इन परिस्थितियों में सभी कृषक अपनी व्यवस्था करने में सक्षम नहीं हैं.
मांग पूरी नहीं हुई तो ग्रामीण करेंगे उग्र आदोलन
कलेक्टर को ज्ञापन देने आये ग्रामीणों ने मिडिया से बात करते हुये कहा कि अगर सरकार हमारी निजी भूमि को जबरदस्ती खरीदने की कोशिश करेगी तो हम लोग सड़क पर उतर कर उग्र आदोलन करेंगे और किसी भी कीमत में हम अपनी जमीन और अपनी मातृभूमि को नहीं बेचेंगे. किसानों ने तर्क दिया है कि विकास जरूरी हैं देश की प्रगति के लिये लेकिन किसी का घर तोड़कर और उनकी जीविका का साधन छिन कर विकास करना उचित नहीं हैं.
खुलने से पहले ही विवादों में घिरी साय सरकार की सीमेंट प्लांट योजना
गौरतलब है कि जिले के छुईखदान क्षेत्र में खनिज संपदा का अकूत भंडार है. कुछ जानकारी मिलने के बाद खनिज विभाग द्वारा लंबे समय से हाई ग्रेड चूना पत्थर की खोज की जा रही थी. साल भर पहले खनिज विभाग द्वारा क्षेत्र में उच्च क्वालिटी के चूना पत्थर मिलने पर राज्य सरकार के पास उसकी जानकारी भेजी गई थी और राज्य सरकार ने प्लांट लगाने निविदा जारी किया था. जिसमें श्री सीमेंट कंपनी को शासन ने प्लांट लगाने के लिए सैद्धांतिक सहमति दे दी गई है लेकिन क्षेत्र के ग्रामीण अब अपनी निजी जमीन देने से मना कर रहे हैं जिससे सीमेंट प्लांट लगने से पहले ही पूरा मामला विवादों में घिर गया हैं.
क्षेत्र के विकास के लिये जरूरी सीमेंट प्लांट
सीमेंट प्लांट लगाने से खैरागढ़ जिले को हर साल करोड़ों का राजस्व मिलेगा. जिसमें रायल्टी और डीएमएफ मद की राशि शासन के खाते में जाएगी वहीं क्षेत्र के करीब 7 से 8 हजार लोगों को रोजगार भी मिलेगा. क्षेत्र का विकास तेजी से हो पायेगा. गौरतलब है कि राजनांदगांव लोक सभा क्षेत्र के राजनांदगांव, मोहला-मानपुर, खैरागढ़ व कवर्धा जिले में अब तक इतने बड़े प्लांट स्थापना की योजना अभी तक नहीं बन पायी है. प्लांट के खुल जाने से यह चारों जिले का सबसे बड़ा सीमेंट प्लांट होगा वहीं मेगा सीमेंट प्लांट खुलने से क्षेत्र के लोगों को बड़े स्तर पर रोजगार मिलेगा और इस क्षेत्र की जमीनों की वैल्यू भी बढ़ जाएगी. अंचल के विकास को बल मिलेगा. वर्तमान में जिले में एक भी बड़ा उद्योग नहीं है तथा क्षेत्र के लोग परंपरागत रूप से कृषि पर ही निर्भर होकर अपनी आजीविका चला रहे हैं.
ग्रामीण अपनी जमीन देने को तैयार नहीं हैं सभी व्यक्ति कृषि से जुडे़ हुये है जिसकी जीविका कृषि पर निर्भर हैं यह फैक्टरी नहीं खुलना चाहिये. प्रशासन जल्द ही निराकरण करें नही तो उग्र आदोलन करेंगे.
राजेश जंघेल, सरपंच ग्राम पंचायत विचारपुर