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92 वां पड़ाव : 22 जनवरी को बने ऐतिहासिक,हर घर में दीवाली Featured

छुईखदान / ख़ैरागढ़ 00 टिकरीपारा में मंगल भवन के पास स्थित सुरसा मुंह वाले हनुमान मंदिर में धर्मयात्रा अपने 92 वें पड़ाव में पहुंचीं। जहां देवांगन समाज,पाल समाज व कुंभकार समाज सहित अन्य समाजों के विशाल जन समूह के बीच में सुंदरकांड व हनुमान चालीसा का सामूहिक पाठ किया गया। पड़ाव को संबोधित करते हुए धर्मयात्रा प्रमुख भागवत शरण सिंह ने कहा कि 22 जनवरी को ऐतिहासिक पल आ रहा है। हमें इसे ऐतिहासिक बनाना है। इसके लिए किसी आमंत्रण की आवश्यकता नहीं होनी चाहिए। यह अवसर दूसरी दीवाली जैसा है। इसलिए घर - घर में रंगोली बनें। दीप जलें। भगवान अयोध्या में बाल रूप में विराजमान होने जा रहे हैं। यह वह स्वरूप है जिसके दर्शन के लिए स्वयं भगवान देवाधिदेव महादेव को धरती पर आना पड़ा था। भागवत शरण ने कहा कि प्रभु श्री राम हम सभी के हैं। इसलिए इस अवसर को ऐतिहासिक बनाने के लिए हर अवसर पर प्रयास होना चाहिए। धर्मयात्रा में देवराज किशोर दास, मनोज वैष्णव,आलोक बक्शी, बसंत यादव, संजय महोबिया, विजय दुबे, पीयूष महोबिया, प्रेम श्रीवास, कमलेश यादव, अपुर्व भद्र,शिवेन्द्र किशोर दास,शुभम चंद्राकर,माना बाई पाल,सोहन पाल,भूषण देवांगन,रविन्द्र देवांगन,टीकाराम देवांगन,धनीराम पाल,चंद्रशेखर देवांगन,पंकज पाल,नितिन देवांगन,अजय देवांगन, शैलेश देवांगन,बसंत देवांगन, धन्नाराम देवांगन,लक्ष्मी नाथ पाल,अशोक पाल,आशीष चंद्राकर,नारायण पाल, सोनू देवांगन सहित अन्य मौजूद रहे।


विधा और राम के भजनों से झूमें रामभक्त


पाठ के बाद सुप्रसिद्ध भजन गायक डॉ.विधा सिंह राठौर ने मेरी झोपड़ी के भाग भजन से रामभक्तों को झूमने पर मजबूर कर दिया। जिसके बाद गायक राम भवसार ने हनुमान जी के भजनों की प्रस्तुति दी। जिनका साथ ललित राजवंशी ने दिया। बेंजो पर छन्नू दास मानिकपुरी सहित अन्य शामिल रहे। 


विशाल भंडारे का किया आयोजन


पाठ व भजन के बाद विशाल भण्डारे का आयोजन किया गया। जिसमें हर वर्ग के भक्तजन शामिल हुए। देर रात तक प्रसादी का वितरण किया गया। 


100 वां पड़ाव को ऐतिहासिक बनाने की तैयारी


छुईखदान में धर्मयात्रा का संयोजन कर रही जय जगन्नाथ सेवा समिति के अध्यक्ष आदित्य देव वैष्णव ने बताया कि धर्मयात्रा के 100 वें पड़ाव को ऐतिहासिक बनाने की कार्ययोजना पर कार्य किया जा रहा है। जिसमें हर वर्ग की भागीदारी सुनिश्चित की गई है। खासकर महिलाओं से अनुरोध किया गया कि वे धर्मयात्रा के प्रत्येक पड़ाव में अपनी उपस्थिति दर्ज कराए।


धर्मांतरण प्रभावित टिकरीपारा में आयोजित हुए 5 पड़ाव


पर्यावरण संरक्षण,गौ संरक्षण,धार्मिक जन जागरण के उदेश्यों को लेकर 2 वर्ष पूर्व निकली धर्मयात्रा के केंद्र धर्मांतरण को भी रखा गया। और धर्मांतरण का गढ़ बन चुके टिकरीपारा वार्ड में सर्वाधिक 5 पड़ाव आयोजित किए गए। जिसमें समाज के प्रत्येक वर्ग को जोड़ने का प्रयास किया गया।

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