शासन को भेजा जाएगा कार्यकारिणी का प्रस्ताव
ख़ैरागढ़ 00 रायपुर में खोले गए ऑफ कैंपस सेंटर का जन विरोध कारगर साबित हुआ है। देर शाम कार्यकारिणी की बैठक में प्रस्ताव पर सहमति बनी कि इंदिरा कला संगीत विश्व विद्यालय प्रबंधन अब ऑफ कैंपस सेंटर की दिशा में कोई पहल नहीं करेगा। दरअसल,बैठक शुरू होते ही जब ऑफ कैंपस सेंटर के मसले पर चर्चा हुई तो ऑफ कैंपस सेंटर में शासन के प्रवेश स्थगन की जानकारी दी गई। जिसके बाद ख़ैरागढ़ विधायक यशोदा वर्मा ने प्रस्ताव रखा कि विश्व विद्यालय से ख़ैरागढ़ के आम जन मानस की भावनाएं जुड़ी हुई हैं।और ख़ैरागढ़ वासी नहीं चाहते हैं कि विवि का कोई ऑफ कैंपस रायपुर या अन्य कहीं खोला जाए। जिस पर कुलपति ममता चंद्राकर ने कहा कि प्रस्ताव विधानसभा में पारित हुआ है। और इस पर निर्णय विधानसभा ही ले सकती है। जिसके बाद विधायक यशोदा वर्मा सहित अन्य सदस्यों ने जन भावनाओं का सम्मान करते हुए ऑफ कैंपस सेंटर न खोलने का कार्यकारिणी का प्रस्ताव शासन को भेजने की बात कही। जिस पर सभी ने सहमति जताते हुए कहा कि भविष्य में भी ऑफ कैंपस सेंटर का कोई प्रस्ताव विवि अपनी ओर से नहीं भेजेगी। बैठक में कुलसचिव आई.डी.तिवारी सहित विभिन्न संकायों के अधिष्ठाता मौजूद रहे।
सरकार के स्थगन प्रस्ताव को विवि ने किया स्वीकार - आईडी तिवारी,कुलसचिव,इंदिरा कला संगीत विवि,ख़ैरागढ़
बैठक के बाद देर शाम इंदिरा कला संगीत विवि की कुलपति ममता चंद्राकर ने तो मीडिया से बात नहीं की। लेकिन कुलसचिव आईडी तिवारी ज़रूर मीडिया के सामने आए। पहले तो कुलसचिव तिवारी ऑफ कैंपस सेंटर के संबंध में बैठक से ही इनकार कर दिया। फिर कहा कि सरकार की ओर से स्थगन का जो प्रस्ताव उसे विवि ने स्वीकार कर लिया है। ख़ैरागढ़ विधायक यशोदा वर्मा ने जन भावनाओं से अवगत कराया। जिसकी बाद निर्णय लिया गया है कि विश्व विद्यालय से अब इस दिशा में पहल नहीं करेगा। तिवारी ने ख़ैरागढ़ से विश्व विद्यालय जाने की बात खंडन किया है। और कहा कि समझौता हुआ है। विश्व विद्यालय यहीं रहेगा। 14 कॉलेज पहले से हैं एक सेंटर खोलने की बात थी। लेकिन आज कार्यकारिणी की बैठक में प्रस्ताव हो चुका है। कि अब विश्व विद्यालय पहल नहीं करेगा। कि कोई ऑफ कैंपस खोला जाए।
नहीं खोला जाएगा कोई कैंपस - यशोदा वर्मा,विधायक,ख़ैरागढ़
बैठक के बाद विधायक यशोदा नीलांबर वर्मा ने कहा कि बैठक में मैंने प्रस्ताव रखा कि जनता नहीं चाह रही है कि ऑफ कैंपस खुले। जिस पर कुलपति ने विधानसभा से प्रस्ताव पारित होने की बात कही। जिस पर मैंने जन भावनाओं की जानकारी दी। जिस पर प्रस्ताव शासन को भेजा जाएगा। कि जन भावनाओं के अनुरूप विश्व विद्यालय अब ऑफ कैंपस की दिशा में कोई पहल नहीं करेगी। मुख्यमंत्री पहले ही रायपुर के ऑफ कैंपस सेंटर को निरस्त करने का निर्देश दे चुके हैं। विधायक यशोदा ने कहा कि वैसे भी यह प्रस्ताव साल 2014 का है। यदि उस समय के विधायक इसका विरोध करते तो इस प्रस्ताव पर काम ही नहीं होता। वर्तमान कुलपति को नहीं पता था। इस पर इतना हंगामा होगा। विधायक यशोदा ने विश्वास दिलाया कि उनके रहते न ही विश्व विद्यालय का कोई कैंपस रायपुर या कहीं और खोला जाएगा । और न ही विश्व विद्यालय यहाँ से कहीं जाएगा।
निर्मित हुई असमंजस की स्थिति
बैठक के बाद जनचर्चा में फिर असमंजस की स्थिति निर्मित हुई । क्योंकि विधायक यशोदा वर्मा ने कहा था कि 14 पहले से संचालित हैं। एक और खुल जाता तो कुछ नहीं होता। वहीं कुलसचिव आई डी तिवारी ने भी कहा कि 14 कॉलेज पहले से संचालित हैं। एक सेंटर खोलने की बात थी। जबकि विरोध संबद्ध महाविद्यालय को लेकर नहीं था। बल्कि ऑफ कैंपस सेंटर को लेकर था। विश्व विद्यालय के 14 सम्बद्ध महाविद्यालय पूर्व से छत्तीसगढ़ में संचालित हैं।
क्या है संबद्ध महाविद्यालय ?
वे संस्थान जिनकी संबद्धता विश्व विद्यालय से होती है। लेकिन जिनका संचालन अलग बॉडी करती हैं। लेकिन डिग्रियां विश्व विद्यालय प्रदान करती है।
क्या है ऑफ कैंपस सेंटर ?
ऐसा केंद्र जिसका संचालन विश्व विद्यालय ही करता है। जो विश्व विद्यालय कैंपस से इतर एक केंद्र होता है। सरकार इसके लिए फंड देती है।
अब तक ये हुआ
23 सितंबर शनिवार को 2014 के आदेश को आधार बनाकर विश्व विद्यालय ने एक ऑफ कैंपस सेंटर रायपुर में खोल दिया।
उक्त पहल को लेकर सोशल मीडिया में हंगामा हुआ। और मंगलवार 26 सितंबर को ख़ैरागढ़ पूरी तरह से बंद रहा।
विधायक यशोदा नीलांबर वर्मा ने मुख्यमंत्री से मुलाकात किया। मुख्यमंत्री ने जनभावनाओं के सम्मान में ऑफ कैंपस सेंटर निरस्त करने कहा।
उच्च शिक्षा विभाग ने आगामी आदेश तक सेंटर में प्रवेश स्थगित करने निर्देश दिया।
कांग्रेस के प्रतिनिधिमंडल ने कुलपति से मिलकर सेंटर बंद करने की मांग की।
अधिवक्ता संघ ने कलेक्टर को ज्ञापन सौंपा।
2 अक्टूबर को ख़ैरागढ़ के स्थानीय रहवासियों ने ऑफ कैंपस के विरोध में काली पट्टी लगाकर काम किया।
3 अक्टूबर को छात्रों के कुलपति,कुलसचिव व अधिष्ठाता का पुतला फूंका।
राजपरिवार की विभा सिंह ने राज्यपाल से मुलाकात की।
बैठक से पहले विधायक के नाम खुला पत्र सोशल मीडिया में वायरल हुआ।
06 सितंबर को कार्यकारिणी कि बैठक में प्रस्ताव किया गया।