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ख़ैरागढ़ :- कागज़ों में 13 लाख की लागत से सड़कों का फ़र्ज़ी मरम्मत करने वाले पीडब्लूडी के अधिकारियों ने रेस्ट हाउस के लिए लगभग 10 लाख के सजावटी समान एक ही फर्म से एक ही दिन में खरीदे हैं। विभाग ने रेस्ट हाउस की साज सज्जा के लिए सुपीरियर क़्वालिटी के प्रीमियम पर्दे खरीदे हैं,जिनकी कुल कीमत साढ़े 3 लाख रूपए है। विभाग के अधिकारियों ने 10 लाख के सामान 12 अक्टूबर 2022 को एक ही दिनाँक को एक ही फर्म से अलग - अलग बिल से खरीदे हैं। पर्दे 750 प्रति मीटर की दर से खरीदे हैं। अधिकारियों ने पैर पोंछने के लिए डोर मैट भी खरीदे हैं जिसकी कीमत प्रति डोर मैट 1540 रूपए है। और कुल 20 नग डोर मैट खरीदे गए हैं। जिसकी कीमत कुल 30800 रूपए है।
सवा लाख में खरीदे 4 गद्दे
इसी तरह से व्हीआईपी के लिए शाही गद्दे भी खरीदे गए हैं। जिसमें एक गद्दे की कीमत 21230 रूपए है। कुल 4 गद्दे खरीदे गए हैं। जिनकी कीमत लगभग सवा लाख रूपए के आसपास है। स्लीप वेल कंपनी के इन गद्दों को कहाँ लगाया है,और पुराने गद्दों को कहां किया गया है। इसका जवाब अधिकारियों के पास भी नहीं है।
फ़िर भी पुराने अपलाएंसेस से चल रहा काम
फ़र्ज़ी बिलों के सहारे लाखों डकारने वाले अधिकारियों ने रेस्ट हाउस में साज सज्जा से लेकर पर्दों की खरीदी तक में लाखों का खर्च दिखाया है। और इससे ज्यादा राशि बर्तनों और गैस चूल्हों से लेकर डोरमैट की खरीदी तक मे दिखाया है। लेकिन रेस्ट हाउस के अबलोकन में ऐसे सामान नज़र भी नही आ रहे हैं। ज्यादा तर काम पुराने बर्तनों किचन अपलाएंसेस चल रहे है।
60 हज़ार में खरीदे बोन चाइना के प्लेट
इसके साथ ही बॉन चाइना के प्लेट खरीदे गए हैं। जिसकी कीमत लगभग 60 हज़ार है,57 हज़ार 980 रूपए के प्लास्टिक की बाल्टी और मग खरीदे गए हैं। चद्दरों और डोरमैट की खरीदी 57820 की लागत से बताई गई है। ओवन और गैस चूल्हों पर 54180 खर्च कर नया खरीदना बताया गया है। लेकिन अब भी खाना पुराने चूल्हों पर ही बन रहा है।
नया नहीं है गड़बड़ियों का मामला
पीडब्लूडी में गड़बड़ियों का मामला नया नहीं है। इससे पहले ई ई स्तर के अधिकारी से लेकर सब इंजीनियर स्तर के अधिकारियों की मिली भगत से 13 लाख रूपए से अधिक अधिकारी डकार चुके हैं। जिसकी बकायदा जांच हो चुकी है। जिसमें तत्कालीन कलेक्टर अधिकारियों को दोषी ठहरा चुके हैं। लेकिन जांच में दोष सिद्ध होने के बावजूद प्रशासनिक स्तर पर अधिकारियों पर कोई कार्यवाही नहीं हुई है।
मैं अक्टूबर में ही आया हूँ - संजय जागृत,एसडीओ,पीडब्लूडी
--- मामले में पीडब्लूडी के एसडीओ संजय जागृत ने बताया कि वे अक्टूबर में ही आए हैं। भुगतान उनके समय का नहीं है। इसलिए वे नहीं बता पाएंगें। खरीदी पहले के अधिकारियों ने की हैं ।