छत्तीसगढ़ के भिलाई रेलवे स्टेशन पर करीब 41 साल पहले 89 सिल्क साड़ियों के पार्सल की चोरी हुई थी। जिसके बाद मामले में कुल 9 लोगों को आरोपी बनाया गया। मुख्य आरोपी रामाधार पांडेय अब 73 साल का हो गया है। उस वक्त वह रेलवे में कर्मचारी था। इतने साल बीत जाने के बाद स्थानीय प्रशासन की सहायता से आरपीएफ ने उसे 24 मई को गिरफ्तार किया।
इतने लंबे वक्त में तीन आरोपियों की मौत हो गई जबकि 4 आरोपी बरी हो गए। बाकी बचे दो आरोपियों में से एक बिहार का और दूसरा ओडिशा का रहने वाला है। रामाधार को गिरफ्तार करने के लिए आरपीएफ रायपुर की तीन सदस्यीय स्पेशल टीम 21 मई को बिहार के छपरा के लिए रवाना हुई। जानकारी के मुताबिक सब इंस्पेक्टर संजय वर्मा, आरक्षक राजीव कुमार और अखिलेश कुमार की सूझबूझ से ही सालों बाद आरोपी की गिरफ्तारी हो पाई है।
आरोपी रामाधार ने पूछताछ में बताया कि इतने सालों में उसका वकील भी मर चुका है इसलिए उसका केस लड़ने के लिए अब कोई नहीं है। बता दें आरोपी छपरा जिले के रिविलगंज थाने के अंतर्गत आने वाले नटवर सिमरिया गांव का रहने वाला है।
आरपीएफ पोस्ट प्रभारी दीवाकर मिश्रा के मुताबिक आरोपी रेलवे में ही नौकरी करता था। लेकिन फिर भी ना तो उसे पेंशन मिलती है और ना ही रेलवे विभाग का कोई लाभ उसे प्राप्त होता है। उन्होंने कहा कि चोरी के मामले में उसे नौकरी से भी बर्खास्त कर दिया गया होगा। अभी आरोपी को 14 दिनों के लिए जेल भेजा गया है। जिसके बाद मामले की सुनवाई रेलवे न्यायालय में होगी।