छुईखदान थाना क्षेत्र की घटना / एसपी से शिकायत के बाद भी कार्रवाई नहीं, इंसाफ के लिए भटक रहे हैं मृतका के परिजन।
नियाव@ खैरागढ़
छुईखदान थाना क्षेत्र के बाजगुड़ा में हुए हत्याकांड के बाद युवती की लाश बरामद नहीं हुई है। न ही सहआरोपियों से पूछताछ की गई है। मृतका के परिजनों पुलिस की कार्रवाई पर संदेह है। उनका आरोप है कि आरोपी डोमेंद्र वर्मा खैरागढ़ थाने में पदस्थ पुलिस जवान का भांजा है, इसलिए जांच में लेट लतीफी की जा रही है। एसपी से शिकायत करने के बावजूद पुलिस का रवैया काफी सुस्त है।
मृतका रेखा के पिता गणपत जंघेल का कहना है कि आरोपी डोमेंद्र के तीन रिश्तेदार इस पूरी साजिश में शामिल हैं। यह बात बताने के बावजूद पुलिस ने सख्ती से पूछताछ नहीं की है। सवाल ये उठता है कि गुमशुदगी की रिपोर्ट लिखाने के बाद उन उन्होंने आरोपी और उसके परिवार पर शक जाहिर किया था। इसके बाद भी पुलिस ने मामले में गंभीरता नहीं दिखाई। आरोपी के सरेंडर करने से पहले उसके दोस्त ने घर आकर मृतका की मां को घटना की जानकारी दी थी। गणपत का कहना है कि आरोपी और उनके साथियों ने इरादतन हत्या की है। पूरी प्लानिंग के साथ उसे कॉलेज के सामने से अगवा किया गया। फिर उसकी हत्या की गई। हत्या के बाद लाश को ठिकाने लगाया गया। मृतका की मासी उमेश्वरी वर्मा का कहना है कि मौके पर युवती के कपड़े, बाल और कुछ हडि्डयां मिली हैं। लेकिन इन्हें डीएनए टेस्ट के लिए नहीं भेजा गया है।
सिलसिलेवार जानिए क्या है बाजगुड़ा में हुए हत्याकांड का पूरा मामला
- 5 अक्टूबर को रेखा वर्मा छुईखदान के लिए निकली, लेकिन घर नहीं लौटी। परिजनों का कहना है कि आरोपी ने उसे कॉलेज से अगवा किया।
- 6 अक्टूबर को 24 घंटे बीतने के बाद युवती के परिजनों ने छुईखदान थाने में गुमशुदगी की रिपोर्ट लिखवाई।
- 12 दिन बाद आरोपी डोमेंद्र ने सरेंडर करते हुए युवती का गला दबाकर हत्या करने की बात स्वीकार कर ली।
- डोमेंद्र का कहना है कि रेखा उससे मिलने आई थी और वे दोनों झुरानदी के पास कटोरी पहाड़ी पर गए। वहां विवाद के बाद उसे मार डाला।
- आरोपी के सरेंडर करते ही ग्रामीण थाने का घेराव करने पहुंचे और लाश बरामद करने के लिए 24 घंटे का अल्टीमेटम दिया।
- दूसरे दिन ग्रामीणों के साथ मौके पर पहुंची पुलिस को सलवार सूट, सैंडल, साइकिल की चाबी, कापी-पुस्तक आदि मिला।
पुलिसिया कार्रवाई में सुस्ती से गहराया मृतका के परिजनों का संदेह
- गुमशुदगी की रिपोर्ट दर्ज कराने के बाद परिजनों ने आरोपी पर संदेह किया और पुलिस को उसका नाम बताया, लेकिन कार्रवाई नहीं हुई।
- 12 दिन बाद पुलिस से पहले गांव के दूसरे युवक ने बताया कि डोमेंद्र ने रेखा को मार डाला है।
- आरोपी के सरेंडर करने के 6 दिन बाद भी लाश बरामद नहीं हुई। उसकी निशानदेही कपड़े, बाल के गुच्छे और हडि्डयां बरामद हुई।
- परिजनों का आरोप है कि मौके से बरामद बॉडी पार्टस को डीएनए टेस्ट के लिए अभी तक नहीं भेजा गया है।
- सहआरोपियों का नाम बताने के बावजूद सख्ती से पूछताछ नहीं की गई है।
जारी है पूछताछ
मौके पर मिले बॉडी पार्टस को चार दिन पहले ही डीएनए टेस्ट के लिए भेज दिया गया है। बाकी लोगों से भी पूछताछ चल रही है।
-पुष्पेंद्र नायक, एसडीओपी, खैरागढ़
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