खैरागढ़ से जालबांधा रोड पर सोमवार सुबह हुआ हादसा, प्रत्यक्षदर्शियों को कहना है कि तेज थी मृतक के बाइक की रफ्तार।
नियाव@ खैरागढ़
दुर्ग रोड पर धनेली के पास सोमवार सुबह तकरीबन सवा सात बजे दो बाइकों के बीच हुई भिड़ंत हुई। इस हादसे में बिना हेलमेट के बाइक चला रहे मुतेड़ा नवागांव निवासी 28 वर्षीय संजू पिता स्व. देवसिंह वर्मा सिर में गंभीर चोट लगी और मौके पर ही उसने दम तोड़ दिया। वहीं सामने वाली बाइक पर सवार भिलाई निवासी 59 वर्षीय रामप्रताप पिता सूबेदार सिंह हेलमेट की वजह से बार-बार बचे। उनके कमर व पैर में चोट आई है। सिविल अस्पताल में उनका इलाज चल रहा है।
बताया गया कि मृतक संजू वर्मा अमलीडीह में ट्रैक्टर चालक का काम करता था। रोज की तरह सुबह 7 बजे वह ड्यूटी पर जाने के लिए घर से निकला। धनेली के पास पहुंचते ही उसकी तेज रफ्तार बाइक अनियंत्रित हुई और रांग साइड जाकर सामने से आ रहे रामप्रताप सिंह की बाइक से भिड़ गई। भिड़ंत इतनी जबर्दस्त थी की बाइक के परखच्चे उड़ गए। हेडलाइट बुरी तरह चकनाचूर हाे गई।
आमने-सामने की टक्कर बाद दोनों बाइक सवार उछलकर सड़क पर गिरे। संजू के सिर के पिछले हिस्से में गहरी चोट आई। खून बहने लगा। यह देख आसपास के लोग बचाने के लिए दौड़े लेकिन उसकी सांसें थम चुकी थीं। दूसरे बाइक सवार रामप्रताप सिंह को लोगों ने सहारा दिया। उन्हें एंबुलेंस के जरिए अस्पताल पहुंचाया गया।
तेज थी रफ्तार /प्रत्यक्षदर्शी वकील राम वर्मा की जुबान में, मैं किराने दुकान के पास बैठा था। दुर्ग की ओर से आ रहे नवागांव निवासी युवक के बाइक की रफ्तार तेज थी। सामने से आ रहे बुजुर्ग को कुछ समझ में ही नहीं आया। हादसे के बाद गांव वाले बचाव के लिए दौड़े, लेकिन युवक के प्राण निकल चुके थे। वहीं बजुर्ग दर्द से कराह रहे थे।
हेलमेट की वजह से बची जान / घायल राम प्रताप सिंह खुद मान रहे हैं कि हेलमेट की वजह से उनकी जान बच गई। सामने से आ रहे युवक की बाइक अचानक तेजी से उनकी तरफ मुड़ी। वे संभल नहीं पाए। उनकी कमर और पैर में चोटें आई हैं। उन्होंने बताया कि वे भाजपा के सदस्य हैं और मंगलवार को होने वाली मतगणना के लिए भिलाई जा रहे थे। तभी यह हादसा हो गया।
दो माह की है छोटी बेटी / संजू के चाचा माधव राम वर्मा ने बताया कि उसके घर में उसकी पत्नी और दो बच्चियों के अलावा कोई नहीं है। छोटी बेटी तो अभी दो माह की ही है। चचेरे भाई धरमराज ने बताया कि ट्रैक्टर चलाकर ही वह अपना परिवार पाल रहा था। खेती तो नाममात्र की ही है।
मुतेउ़ा नवागांव स्थित अपने निवास में बैठी मृतक की पत्नी और पीछे खड़ी तीन साल की बच्ची।
भीड़ देख फफक पड़ी पत्नी / हादसे के आधे घंटे बाद ही पूरे गांव को संजू की मौत के बारे में पता चल गया था, लेकिन संजू की पत्नी को केवल हादसे में घायल होने की जानकारी दी गई। सुबह तकरीबन साढ़े 9 बजे एक-एक कर गांव की महिलाएं उसके घर पहुंचीं तो वह अनहोनी भांप गई और फफक पड़ी।