कार की बीमा पॉलिसी रिनुअल कराते समय पूर्व वर्ष की धारित पॉलिसी में बीमा क्लेम लेने के बाद भी नो क्लेम बोनस लिए जाने को आधार बनाते हुए नेशनल इंश्योरेंस कंपनी लिमिटेड ने ग्राहक का बीमा दावा खारिज कर दिया, जिसे सेवा में निम्नता करार देते हुए जिला उपभोक्ता फोरम के अध्यक्ष लवकेश प्रताप सिंह बघेल, सदस्य राजेन्द्र पाध्ये और लता चंद्राकर ने बीमा कंपनी पर 339750 रुपये हर्जाना लगाया।
ग्राहक की शिकायत
दल्लीराजहरा जिला बालोद निवासी मनोज कुमार जग्गी की मारुति अर्टिगा कार को दिनांक 08 नवंबर 2017 की मध्य रात्रि को उसके घर के सामने अज्ञात व्यक्तियों द्वारा आग लगाकर जला दिया गया, जिससे कार पूरी तरह नष्ट हो गई। जिसके संबंध में परिवादी ने बीमा कंपनी के पास बीमित राशि 647500 रुपये का दावा पेश किया परंतु बीमा कंपनी ने दावा खारिज कर दिया।
बीमा कंपनी का जवाब
प्रकरण में उपस्थित होकर बीमा कंपनी ने कहा कि परिवादी को नो क्लेम बोनस की पात्रता नहीं थी क्योंकि उसके द्वारा पूर्व में धारित पालिसी के तहत बीमा क्लेम लिया गया था इसके बाद भी परिवादी ने नो क्लेम बोनस लेकर वर्तमान पॉलिसी ले ली और वाहन की क्षति से पहले नो क्लेम बोनस की रकम को जमा भी नहीं किया इसीलिए उसका दावा अस्वीकार किया गया था।
फोरम का फैसला
प्रकरण में पेश दस्तावेजों एवं प्रमाणों तथा दोनों पक्षों के तर्को के आधार पर जिला उपभोक्ता फोरम के अध्यक्ष लवकेश प्रताप सिंह बघेल, सदस्य राजेन्द्र पाध्ये और लता चंद्राकर ने यह सिद्ध पाया कि दुर्घटनाग्रस्त वाहन की इंश्योर्ड डिक्लेअर वैल्यू 647500 रुपये है और परिवादी ने संबंधित बीमा अवधि की पॉलिसी लेते समय नो क्लेम बोनस 50 प्रतिशत लिया था, ऐसे में परिवादी के वाहन के लिए 50 प्रतिशत प्रीमियम ही बीमा कंपनी द्वारा प्राप्त किया गया था, इसीलिए उक्त वाहन 50 प्रतिशत क्षति के लिए ही बीमित माना जाएगा और परिवादी इंश्योर्ड डिक्लेअर वैल्यू का 50 प्रतिशत प्राप्त करने का अधिकारी है जो 323750 रुपये होता है। बीमा कंपनी ने गलत आधार पर बीमा दावा खारिज किया है। बीमा कंपनी को चाहिए था कि वह नो क्लेम बोनस के बराबर राशि को अस्वीकृत कर शेष 50 प्रतिशत राशि का भुगतान कर देती परंतु उसने ऐसा नहीं करके सेवा में कमी और व्यवसायिक दुराचरण का कृत्य किया है।
जिला उपभोक्ता फोरम के अध्यक्ष लवकेश प्रताप सिंह बघेल, सदस्य राजेन्द्र पाध्ये और लता चंद्राकर ने बीमा कंपनी पर 339750 रुपये हर्जाना अधिरोपित किया, जिसके तहत वाहन की इंश्योर्ड वैल्यू की 50 प्रतिशत राशि 323750 रुपये, मानसिक परेशानी की क्षतिपूर्ति स्वरूप 15000 रुपये तथा वाद व्यय के रूप में 1000 रुपये भुगतान करने का आदेश दिया साथ ही दावा राशि पर 6 प्रतिशत वार्षिक दर से ब्याज भी 09 अप्रैल 2018 से देना होगा।