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कलेक्टर के आदेशों का अधिकारी- कर्मचारी नही कर रहे पालन, कई मामले पेंडिंग ना जांच ना कार्रवाई  Featured

  • लोग बोले- समीक्षा करने के कुछ नही होता साहब कार्य किजिए 

 

  • प्रशासन की लचर व्यवस्था की खुल रही पोल शिकायत के 9 महीने बाद भी नही मिला न्याय

 

  • शिकायतों और समस्या का अंबर नही हो रहा निदान शिकायत कर्ता लगातार लगा रहे जिला कार्यालय के चक्कर 

खैरागढ़. सप्ताह के प्रत्येक मंगलवार को जिला कलेक्टर कार्यालय के सभाकक्ष में कलेक्टर द्वारा समीक्षा बैठक ली जाती है। और प्रत्येक बार जिला कलेक्टर मुख्यमंत्री जनदर्शन, कलेक्टर जनदर्शन, जन शिकायत और अन्य प्राप्त पत्रों के निराकरण करने आदेश दिया जाता है। लेकिन इस आदेश का कोई भी अधिकारी कर्मचारी पालन नही कर रहें हैं। बैठक में जिला स्तर के अधिकारी उपास्थित रहते है। शिकायत कर्ता लगातार जिला कार्यालय या संबंधित विभाग के चक्कर कटाते रहते है साथ ही अधिकारियों की लपारवाही से शिकायतकर्ता प्रताड़ित होता रहता है। शिक्षा विभाग, पंचायत विभाग, सहकारिता विभाग और वन विभाग में कई ऐसे मामले शिकायत किए कई महिने हो गए है लेकिन अब तक जांच कर कार्यवाही भी नही की गई है। अब शिकायत कर्ता भी जिला प्रशासन व संबंधित विभाग पर मामला दबाने का आरोप लगा रहे है।

 

लपारवाह शिक्षा विभागः 275 दिन बाद भी पूर्ण जांच नही कर पाए अधिकारी

 

देवरी में संचालित केजऊ राम चौरे स्कूल में अवासीय विद्यालय, एकलव्य व अन्य प्रतियोगी परीक्षाओं में फर्जी तरीके से चयन व फर्जी अंकसूची बनाने जैसे गंभीर मुद्दे को लेकर 10 जनवरी को डोंगरगढ़ निवासी अम्बरीश टांडिया ने जिला कलेक्टर, डीईओ, बीईओ कार्यालय पहुंच कर शिकायत किया गया था। लेकिन शिकायत के 275 दिवस बीत जाने के बाद भी कोई जांच पूर्ण नहीं की गई न ही अब तक कोई कार्यवाही की गई हैं। शिकायत कर्ता द्वारा अब जिला अधिकारी जो उक्त स्कूल को बचाने का प्रयास कर रहें है उन अधिकारियों पर कार्यवाही करने की गुहार प्रधानमंत्री कार्यालय व मुख्यमंत्री कार्यालय से करने की तैयारी कर रहें है। 

 

 

पंचायत विभाग में विवेकानंद युवा प्रोत्साहन योजना में भ्रष्टाचार की नही हो पाई जांच

 

जनपद पंचायत क्षेत्र अंतर्गत आने वाले कुछ ग्राम पंचायतों में शासन की स्वामी विवेकानंद युवा प्रोत्साहन योजना के तहत मिली राशि को पंचायतों द्वारा बिना कार्यक्रम कराए राशि निकाल लिया गया है। विभाग से मिली जानकारी अनुसार वित्तीय वर्ष 2023-24 में स्वामी विवेकानंद युवा प्रोत्साहन योजना के तहत 1091000 चुनिंदा पंचायतों को प्रदान की गई थी। प्रदान किए राशि से युवाओं के लिए खेलकूद, रोजगार प्रशिक्षण, बौद्धिक, कौशल विकास, नुक्कड़ नाटक, भाषण आदि कार्यक्रम से जोड़कर प्रतिभा निखारने कार्यक्रम संचालित करना था। लेकिन ग्राम पंचायतों द्वारा चंद रुपए के लालच में

बिना कार्यक्रम कराए राशि निकाल लिया है। 

जिसकी जानकारी होने के बाद अपर कलेक्टर प्रेम कुमार पटेल

जांच करने आदेश दिया था लेकिन जनपद के सुस्त अधिकारी कार्यालय में बैठकर सरपंच व सचिव को बिल पेश करने को कहा और बिल देखकर अधिकारी ने विवेकानंद युवा प्रोत्साहन योजना के भ्रष्टाचार को सिरे से खरीज कर दिया। जबकि नियमतः जिस पंचायत में उक्त योजना का रूपयें गया उस पंचायत में जाकर भौतिक सत्यापन करना था और ग्रामीणों से कार्यक्रम की जानकारी लेनी थी लेकिन सुस्त अधिकारियों द्वारा जनपद कार्यालय में बैठकर मामला को रफा दफा कर दिया।

 

पंचायत विभाग में अन्य मामलों का भी नही हुआ जांच

 

ग्राम पंचायत टेकापार कला में हुआ फर्जी भुगतान, सैनिटाइजर मशीन खरीदी, करेला ग्राम पंचायत में गौठान के नाम पर हुए भ्रष्टाचार, पंचायतों में जिम समान खरीदी में कम कीमत के समान को अधिक कीमत बताकर लाखों रूपयें निकाले गए लेकिन प्रशासन अभी तक जांच नही की, यात्री प्रतिक्षालय निर्माण में भी सरपंचों द्वारा भ्रष्टाचार को अंजाम दिया गया लेकिन इसकी भी जानकारी होने के बाद भी जांच नही कराई गई।

 

मामले रफा-दफा करने में वन विभाग भी पीछे नही

 

साल 2019 से 2022 तक गौठान में पौधरोपण सहित बांस के ट्री गार्ड के लिए स्वीकृत राशि की जमकर बंदरबांट की गई है। महिला स्व. सहायता समूह को सामने रखकर बांस के ट्री गार्ड की खरीदी में लाखों का हेरफेर हुआ है। जिस बांस के ट्री गार्ड को मनरेगा के अंतर्गत सीधे महिला स्व. सहायता समूह से खरीदा जाना था पर इसमें अधिकारियों ने जमकर मुनाफा कमाया जबकि असल मजदूरों को सीधा लाभ नहीं हुआ। जानकारी के अनुसार खैरागढ़ ब्लॉक के 38 ग्राम पंचायतों के गौठानों में लगे पौधे की सुरक्षा करने बांस के ट्री गार्ड खरीदी के लिए 34 लाख 20 हजार मां दुर्गा स्वयं सहायता समूह को वहीं छुईखदान ब्लॉक के 37 गौठान में बांस के ट्री गार्ड खरीदने 33 लाख 30 हजार रुपए जय बम्लेश्वरी स्वयं सहायता समूह को भुगतान किया गया है। इसकी जानकारी भी अधिकारियों द्वारा ठीक से नही दी जा रही है। सूत्रों की माने तो समूह के नाम से फर्जी भुगतान कांग्रेसी नेताओं के खाते में हुआ है। 

 

 

नगर पालिका के भ्रष्टाचार को जानकार भी मौन साधे जिम्मेदार

 

नगर पालिका का भ्रष्टाचार से पुराना नाता है। तत्कालीन अध्यक्ष शैलेन्द्र वर्मा के कार्याकाल में अधिकारी कर्मचारी व कुछ पार्षदगण मिलकर जिस प्रकार जिम, कुर्सी, राशन, मेडिकल उपकरण खरीदी में भ्रष्टाचार को अंजाम दिया है। इसे जानकार भी जिला प्रशासन व संबंधित विभाग के अधिकारी शांत बैठे है उससे नगर में प्रशासन की किरकिरी हो रही है। लोग पान की दुकान पर भी जिला प्रशासन को भ्रष्टाचार को बढावा देने के लिए जिम्मेदार ठहरा रहा है। उक्त सभी मामलों पर जांच नही करने से नगर के लोगों में जिला प्रशासन के खिलाफ काफी आक्रोश पनप रहा है। 

 

सहाकारिता विभाग शिकायत कर्ता को रोज लगवा रहे कार्यालय के चक्कर

 

छुईखदान ब्लाक के हनईबन समिति में पूर्व लेखापाल के पद पर पदस्थ चोवाराम साहू निवासी जगमड़वा ने 21 मई को जिला कलेक्ट्रेट पहुंचकर हनईबन सोसाइटी में गड़बड़ी और धान खरीदी में भ्रष्टाचार सहित 5 बिन्दुओं में शिकायत दर्ज कराई। जिसकी जांच भी अधिकारी द्वारा किया गया। लेकिन अब जांच प्रतिवेदन देने लगातार अधिकारी गुमराह कर रहें है। जिससे शिकायतकर्ता रोज कलेक्टर कार्यालय के चक्कर लगा रहा है।

 

 

जांच प्रतिवेदन मांगने के लिए सूचना अधिकार लगाया गया था उसके बावजूद जांच प्रतिवेदन नहीं दिया जा रहा है लगातार घुमाया जा रहा है जिससे मैं परेशान हो गया हूं। 

 

चोवा राम साहू, शिकायतकर्ता सहकारिता विभाग

  

275 दिवस बीत जाने के बाद भी जांच रिपोर्ट उच्च अधिकारी को नहीं दी गई है ना ही किसी प्रकार की कार्रवाई की गई है मेरे पास इतना सबूत है कि 5 मिनट में दूध का दूध और पानी का पानी हो जाएगा उसके बावजूद चौरे स्कूल को बचाने का प्रयास विभाग व जिला प्रशासन द्वारा किया जा रहा है जिससे मैं आहत हूं। अब मैं किसके पास न्याय की गुहार लगाऊं मुझे समझ नहीं आ रहा है।

 

अमरीश टांडिया, शिकायतकर्ता शिक्षा विभाग

 

 

स्वामी विवेकानंद योजना में उच्च अधिकारियों से जांच करने का आदेश आया था जिसके परिपालन में सरपंच सचिवों को बिल, प्रस्ताव व इनसे संबंधित जानकारी मंगाई गई थी। उनके द्वारा जानकारी प्रदान किया गया जिसकी रिपोर्ट उच्च अधिकारी को दे दी गई है। भौतिक सत्यापन नहीं किया गया है ना ही ग्रामीणों से पूछताछ किया गया है 114 पंचायतों में पूछताछ करना संभव नहीं है अगर आपको किसी भी पंचायत में गड़बड़ी हुआ है लगता है तो आप नाम बता सकते हैं उसे पर जांच किया जाएगा।

 

      शिशिर शर्मा, सीईओ जनपद पंचायत खैरागढ़

 

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Last modified on Monday, 14 October 2024 09:47

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