गुरुवार को भाजपा प्रत्याशी कोमल जंघेल शहर में दिखे और छत्तीसगढ़ जनता कांग्रेस के देवव्रत सिंह ने भी समर्थन मांगा। उनकी सक्रियता के बाद दोनों पार्टी के नेताओं ने हार-जीत का आकलन कर लीड निर्धारित करना शुरू कर दिया। कांग्रेस के गिरवर जंघेल को तो कांपिटिशन से बाहर ही बताने लगे।
गोलबाजार में संपर्क के दौरान महिला से बात करते छजकां प्रत्याशी देवव्रत सिंह।
पढ़िए दो नेताओं के बीच एक प्रबुद्ध नागरिक की टिप्पणी क्या रही:-
बख्शी मार्ग। गुरुवार रात तकरीबन 8.15 बजे। जोगी कांग्रेस के युवा नेता- टक्कर तो दो हि झन के बीच में होहि। भाजपा के वरिष्ठ- बिल्कुल ठीक कहात हस।
शहर के वोट तो बाबा ला हि मिलहि। कोई चाहे कुछ भी कर ले। युवा नेता ने अपनी बात मनवाने की नीयत से ‘कोई चाहे कुछ भी कर ले’ पर ज्यादा जोर दिया।
नई, अइसे भी नई हे। सीएम विश्वास जताय हे। संगठन काम करहि। अइसे-कइसे हो जहि। भाजपा के वरिष्ठ बचाव की मुद्रा में आए और अनुभव के पिटारे से वोंटों के आंकड़ों का माया जाल फेंका।
राजनीतिक तर्कों के इस चक्रव्यूह को तोड़ा पास ही से गुजर रहे शहर के प्रबुद्ध नागरिक ने। वे टिप्पणीकार की भूमिका में आए। टिकट बंटवारे पर बेबाक टिप्पणी के साथ हाल के माहोल पर भी खुलकर बातचीत की।
कहा- हम तो बाबा ला बोल देन। खैरागढ़ में देवव्रत टॉप करत हे, फेर जोगी पीछे हे। फिर जाते-जाते असमंजस में डाल गए, बोले- पिछले बार कोमल हारे नई रिहिस, ओला तो हराय गे रिहिस।