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SECL घोटाला सामने आया,कोरोना से रोकथाम के लिए मेडिकल सामान को 4 गुना अधिक कीमतों में खरीदा गया Featured

By May 22, 2020 848 1 comment
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बिलासपुर : कोरोना संकट के दौरान साउथ ईस्ट कोल लिमिटेड (SECL) द्वारा बड़ा घोटाला सामने आया है मामला कोरोना संकट के दौर में जेबे भरने का है दरअसल एसईसीएल मुख्यालय के अधीन हसदेव क्षेत्र ने लाखों का मेडिकल समान खरीदा है और इन सामानों की कीमत मार्केट में 4 गुना कम है अर्थात कम की चीजों को अधिक में खरीदा गया है।एसईसीएल हेड क्वार्टर में कार्यरत अधिकारियों की मिलीभगत होने का अनुमान लगाया जा रहा है साथ ही साथ यह जानकारी भी मिली है कि इन सामानों की खरीदी के लिए एक अधिकारी को जबलपुर भी भेजा गया था।

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पूरे देश में फैले कोरोना वायरस से लड़ने के लिए एसईसीएल हेडक्वार्टर ने सभी क्षेत्रीय कार्यालयों को कोरोना वायरस की रोकथाम और बचाव के लिए फंड जारी किए हैं और इसी फंड में भागीदारी है हसदेव क्षेत्र।

जारी किए गए इस फंड का उपयोग मेडिकल सामान खरीदने के लिए किया जाना था जिसके बाद हसदेव क्षेत्र के भंडार विभाग में पदस्थ ए के भक्ता ने जबलपुर से 10 से 14 मार्च के बीच कोरोना रोकथाम के लिए कुछ सामान आपूर्ति के आदेश जारी किए थे इन सामानों में शामिल है - N 90 मास्क, पीपीई किट,सर्जिकल मास्क 3 लेयर, सर्जिकल कैप ,हाइपो क्लोराइड सॉल्यूशन ,थर्मल स्कैनर नॉनकॉन्टैक्ट थर्मामीटर, N -90 मास्क विथ रेस्पिरेटर ,पीपीई किट 80 जीयसम सप्लाई करने कहा गया था।

सप्लाई किए गए सामानों में किसी भी समान का ब्रांड दर्शाया नहीं है अर्थात क्वालिटी का कोई पता नहीं है जिससे ऐसा लगता है कि कमीशन खोरी की गई हो।

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मिली जानकारी के मुताबिक मास्क भी डस्ट रोकने वाले सप्लाई किए गए। जबकि कोरोना वायरस से लड़ने के लिए  N- 95 मास्क लगाए जाते हैं अर्थात घोटाला करने के लिए मास्क में फेरबदल की गई है।

इसके साथ ही खरीदे गए मास्क की कीमत खुले बाजार में लगभग ₹40 के आसपास होती है जिसे ₹290 में खरीदा गया है

पीपीई किट खरीदने में भी घोटाला किया गया है मिली जानकारी के मुताबिक खरीदे गए पीपीई किट में किसी तरह की ब्रांड का उल्लेख नहीं है और यह किट छोटे हैं जो डॉक्टरों के शरीर में फिट हो पाना मुश्किल है ना ही इन किट में किसी तरह की लेमिनेशन और पैकिंग अच्छी तरह से हुई है

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हसदेव क्षेत्र में सैनिटाइजिंग करने के लिए सोडियम हाइपोक्लोराइट खरीदा जो बड़ी मात्रा में 180 रुपए प्रति लीटर में खरीदा गया है जबकि खुले बाजार में इसकी कीमत 40 से ₹50 रुपए है खरीदे गए सर सैनिटाइजिंग की बात की जाए तो 3500 के सामान को ₹8000 में खरीदा गया है।

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Last modified on Friday, 22 May 2020 20:19

1 comment

  • Harsh Dubey
    Comment Link Harsh Dubey Friday, 22 May 2020 21:51

    अमानवीय कृत्य.... कोरोना जैसे खतरनाक बिमिआरी से जहां एक तरफ पूरा विश्व जूझ रहा है वही शासकीय अधिकारियो द्वारा भ्रष्टाचार जोर शोर से किया जा रहा। ईमान बेच के कहा गए है है लोग।

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