आस्था / छत्तीसगढ़ सहित पड़ोसी राज्य मध्यप्रदेश, बंगाल, आंध्रप्रदेश, तेलंगाना, राजस्थान, बिहार, उत्तर प्रदेश व झारखंड से स्वांस, दमा व अस्थमा से पीड़ित लगभग 30 हजार लोगों ने जड़ी बुटीयुक्त खीर प्रसाद ग्रहण किया।
ड्रोन फोटो / शरद पूर्णिमा की रात बर्फानीधाममें लगा रहा भक्तों का तांता
राजनांदगांव / बर्फानी धाम परिसर में एक दिन पहले ही भक्तों की भीड़ जुटने लगी थी।
सेहत के लिए / 21वें वर्ष भी जुटे 30 हजार पीड़ित
मानव सेवा एवं जनकल्याण के लिए अंचल सहित देशभर में पहचान बना चुकी बर्फानी सेवाश्रम समिति ने 21वें वर्ष भी शरद पूर्णिमा महोत्सव पर गुरुवार को जड़ी-बूटी युक्त खीर का निशुल्क वितरण किया गया।
मिलाई जड़ी-बूटी / खीर में जड़ी-बूटी मिलाई और चांद की रोशनी में छोड़ा
राजनांदगांव / खीर बनाने के लिए बाहर से कारीगर बुलाए गए।
पौराणिक मान्यताओं के अनुसार ब्रम्हमुहूर्त में बांटी गई खीर
राजनांदगांव / खीर का प्रसाद पाने के लिए रात से लगी भक्तों की कतार।
अखिल भारतीय चर्तु: सम्प्रदाय के श्री महंत श्रीश्री 1011 योगाधिराज ब्रम्हर्षि बर्फानी दादा जी की उपस्थिति में स्वांस, दमा व आस्थमा पीड़ितों को खीर का प्रसाद दिया गया।
ब्रम्हमुहूर्त पर वितरित किए गए खीर प्रसाद को ग्रहण करने अंचल सहित देश के विभिन्न राज्यों से हजारों की संख्या में पीड़ित जन एक दिन पूर्व से ही यहां पहुंचने लग गए थे।
संस्था के सचिव गणेश प्रसाद शर्मा ‘गन्नू’ ने बताया कि विभिन्न जगहों से एकत्रित की गई दुर्लभ जड़ी बूटियों का संग्रह कर विशेष प्रकार की खीर का प्रसाद तैयार कर हर उम्र के पीड़ितों को दिया गया।
समस्त देवी देवताओं की पूजा अर्चना व आरती पश्चात प्रसाद स्वरूप भोग लगाकर पीड़ितों को वितरण का कार्य प्रारंभ हुआ। जो कि सूर्योदय पश्चात तक चलता रहा।
इस बार भी छत्तीसगढ़ सहित पड़ोसी राज्य मध्यप्रसाद, बंगाल, आंध्रप्रदेश, तेलंगाना, राजस्थान, बिहार, उत्तर प्रदेश व झारखंड से भी पीड़ित पहुंचे थे।
खीर प्रसाद को पौराणिक मान्यताओं के अनुसार आकाश व चन्द्रमा से होने वाली अमृत वर्षा के लिए मध्य रात्रि के पूर्व ही खुले मैदान में रख दिया गया था। खीर का निर्माण विशेष कारीगरों द्वारा संध्या से ही प्रारंभ कर दिया था।
संस्था के अध्यक्ष राजेश मारु, उपाध्यक्ष दीपक जोशी, सचिव गणेश प्रसाद शर्मा ‘गन्नू’, कोषाध्यक्ष नीलम जैन, महंत गोविंद दास, महेन्द्र लुनिया, गुरुचरण सिंह छाबड़ा, बलविंदर सिंह भाटिया, मनीष परमार, संजय खंडेलवाल, दामोदर अग्रवाल, आलोक जोशी, संतोष खंडेलवाल, कमलेश सिमनकर, हर्ष कुमार बिंदू, संतोष शर्मा, कुमार स्वामी, सत्यम शर्मा, संजीव अग्रवाल की देखरेख में किया गया।