कमर्शियल बैंकों को ऋण वितरण पर आरक्षित नकद अनुपात (CRR) से छूट देने के हाल ही के निर्णय पर RBI ने स्थिति स्पष्ट करते हुए कहा कि यह सुविधा खुदरा क्षेत्र की तीन श्रेणियों आवास, वाहन और एमएसएमई को दिए जाने वाले लोन विस्तार पर ही लागू होगी।
खुदरा क्षेत्र को दिए जाने वाले लोन का उठाव बढ़ाने के लिए रिजर्व बैंक ने 6 फरवरी को मौद्रिक की समीक्षा में कहा था कि वाहन, आवास और एमएसएमई लोन में कर्ज की मूल राशि के ऊपर नया कर्ज दिया जाता है तो इस पर बढ़ी राशि को सीआरआर से छूट देने की घोषणा की थी। इसका अर्थ यह हुआ कि कर्ज की राशि में इस तरह से हुई वृद्घि के एवज में बैंकों को सीआरआर के तौर पर चार प्रतिशत की अनिवार्य राशि अलग रखने की जरूरत नहीं होगी।
बैंकों को अपनी कुल जमा राशि में चार प्रतिशत राशि सीआरआर के तौर पर रिजर्व बैंक में रखना होता है। इस राशि पर उन्हें कोई ब्याज नहीं मिलता है।
परिपक्वता अवधि तक मिलेगी छूट
रिजर्व बैंक ने छह फरवरी की घोषणा के बाद 10 फरवरी को साफ किया कि सीआरआर से यह छूट या तो ऋण की शुरुआत से पांच साल तक या ऋण की परिपक्वता अवधि तक मिलेगी। यदि ऋण की परिपक्वता अवधि पांच साल से अधिक हुई तो यह छूट पांच साल के लिये ही मान्य होगी।
बैंको की मांग पर हुआ स्पष्टीकरण
कुछ बैंकों ने रिजर्व बैंक द्वारा बताई गई तीन खुदरा श्रेणियों के कर्ज में विस्तार की राशि को सीआरआर से मिलने वाली छूट की गणना को लेकर स्पष्टीकरण की मांग की थी।