खैरागढ़. आवाज फ़िल्म एंड थियेटर सोसायटी के प्रमुख डॉ.मंजरी बख्शी सिंह का चयन कथक केन्द्र दिल्ली के बतौर रेपर्टरी आर्टिस्ट सिलेक्शन हुआ है। कथक केंद्र के लिये चयन होने वालों में मंजरी छत्तीसगढ़ की पहली कलाकार हैं, जिन्होंने कथक की तालीम प्रोफेसर डॉ.माण्डवी सिंह से ली है। मंजरी देश भर के कई फेस्टिवल सहित राष्ट्रीय मंचों पर प्रदर्शन कर चुकी हैं और एनएस भी प्राप्त है। वहीं पिछले 5 साल से आवाज फ़िल्म एन्ड थियेटर सोसायटी की मुख्य कलाकार और संस्था की बागडोर सम्भाल रहीं हैं। मंजरी रंगकर्मी शिशुपाल सिंह बघेल की पत्नि है।
1964 में हुई केंद्र की स्थापना
कथक केंद्र की स्थापना 1964 में संगीत नाटक अकादमी की एक संविधान इकाई के रूप में हुई थी। कथक नृत्य में प्रशिक्षण इसके अस्तित्व का मूल है। कथक केंद्र का उद्देश्य कला के अत्यधिक कुशल कलाकारों को तराशना है जो अगली पीढ़ी के विद्वान गुरु-कोरियोग्राफर और सबसे ऊपर, कला-रूप के बुद्धिमान अधिवक्ता हैं। गुरुओं की एक प्रतिभाशाली और समर्पित टीम कथक केंद्र में प्रशिक्षण का मजबूत स्तंभ बनाती है।
संवाद को जीवित रखने का है प्रयास
केंद्र में, एक शास्त्रीय परंपरा को प्रथाओं, दृष्टिकोणों, विश्वासों, कौशल और कलाओं के निरंतर विकसित होने वाले निकाय के रूप में देखा जाता है। संगोष्ठियों, प्रदर्शनों, कार्यशालाओं और व्याख्यान प्रदर्शनों के अपने वार्षिक कार्यक्रम के माध्यम से, केंद्र विकास, विविधता और विकास की इस भावना को बढ़ावा देने के लिए संवाद और बहस को जीवित रखने का प्रयास करता है।