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मेष:
स्वास्थ्य: मेष राशि के जातकों के लिए सिंतबर का महीना सेहत के लिहाज से थोड़ा परेशानी वाला हो सकता है। दरअसल, आपकी कुंडली में शुक्र और बुध, दोनों छठे भाव में बैठे हैं, साथ ही छाया ग्रह केतु आठवें भाव में मौजूद हैं। ग्रहों की यह युति स्वास्थ्य सु जुड़ी परेशानियों को जन्म दे सकती है। माह के उत्तरार्ध में ग्रहों के राजा सूर्य और सेनापति मंगल आपकी कुंडली में छठे भाव में प्रवेश कर जाएंगे। दोनों गर्म ग्रहों की यह युति आपके लिए पितजनित समस्याओं का कारण बन सकती है। इस माह आपको गैस, अपच, पेट दर्द आदि पेट और आंत से जुड़ी समस्याएं हो सकती हैं। आपका पाचन तंत्र बिगड़ सकता है। आंखों से जुड़ी समस्याएं भी हो सकती हैं। आंखों में खिंचाव और दर्द हो सकता है। चश्मे का नंबर बढ़ सकता है। सितंबर में स्वास्थ्य को लेकर थोड़ा सतर्क रहने की आवश्यकता है। समस्याओं के अपने आप खत्म हो जाने की प्रतीक्षा न करें। संबंधित रोग के डॉक्टर से तुरंत परामर्श लें, क्योंकि देर करेंगे तो समस्या बढ़ सकती है।
कैरियर: करियर की बात करें, तो सितंबर का महीना मेष राशि वालों के लिए अच्छा कहा जा सकता है। वास्तव में, पूरा माह ही बहुत अच्छा रहने वाला है। आपकी कुंडली में दशम भाव के स्वामी शनि उसी भाव में बैठे हैं। शनि की यह स्थिति इस बात का संकेत है कि अगर आप योजना बनाकर मेहनत करेंगे, तो सफलता आपसे दूर नहीं रहेगी। इसके अलावा, देवगुरु वृहस्पति एकादश भाव में स्थित होकर सप्तम भाव पर दृष्टि डाल रहे हैं। यह स्थित व्यवसाय/कारोबार और स्वरोजगार करने वालों के लिए फायदेमंद है। काम-धंधे में प्रगति होगी। व्यवसाय में उम्मीद के मुताबिक लाभ मिलेगा। कारोबार का विस्तार हो सकता है या कोई नया काम भी शुरू कर सकते हैं। कारोबारी संबंधों में नए आयाम जुड़ सकते हैं, जिसका आगे चलकर फायदा हो सकता है। 6 सितंबर को असुरों के गुरु शुक्र सत्ता में आ जाएंगे। इसके परिणामस्वरूप बिजनेस में सफलता मिलने की संभावनाएं और बेहतर होंगी। आप जितना परिश्रम करेंगे, उसके अनुरूप या उससे बेहतर परिणाम भी मिल सकते हैं। 22 सितंबर को बुध का गोचर सातवें भाव में होगा। यह मेष राशि के जातकों के करियर के लिए ‘सोने में सुहागा’ वाली स्थिति साबित होगी। नौकरीपेशा लोगों के लिए भी यह समय बहुत अच्छा रहेगा। कार्यक्षेत्र में आपकी स्थिति बेहतर होगी। कुछ नए दायित्व मिल सकते हैं, जिन्हें आप सफलतापूर्वक निभाकर अपनी स्थिति को और बेहतर करने में सक्षम होंगे।
प्रेम / विवाह / व्यक्तिगत संबंध: मेष राशि के जातकों के लिए यह महीना प्रेम-संबंधों की दृष्टि से मिले-जुले प्रभाव वाला है। माह की शुरुआत में प्रेम-संबंधों में परेशानियां खड़ी हो सकती हैं। सूर्यदेव और मंगल आपकी कुंडली के सातवें भाव में स्थित हैं। दोनों गर्म ग्रह हैं। इनकी यह युति प्रेम संबंधों में परेशानी का कारण बन सकती है। प्रेमी युगलों में गंभीर वाद-विवाद और झगड़ा हो सकता है। रिश्ते में टकराव इस स्थिति तक बढ़ सकता है कि बात संबंध विच्छेद तक पहुंच सकती है। लेकिन आप विवाद को टालने में सफल रहे, तो फिर संबंधों में मधुरता आ सकती है। जब कुंडली में सूर्य और मंगल छठे भाव में चले जाएंगे, तो परेशानी की स्थिति समाप्त हो जाएगी। प्रेमियों के जीवन में प्रेम एक बार फिर दस्तक देगा। साथ ही, देवगुरु वृहस्पति की दृष्टि भी पंचम और सप्तम भाव पर होगी। उनकी इस स्थिति से प्रेम के विवाह तक पहुंचने के योग बनेंगे। मेष राशि के विवाहित जातकों को माह के शुरुआती दिनों में थोड़ा संभल कर चलने की जरूरत है। 6 सितंबर के बाद समय उनके लिए बढ़िया साबित होगा। पति-पत्नी के बीच भरोसे में वृद्धि होगी। दोनों में आपसी सामंजस्य बढ़ेगा और संबंधों में अंतरंगता भी बढ़ेगी। दाम्पत्य सुख में वृद्धि होगी। माता-पिता बनने का सौभाग्य भी प्राप्त हो सकता है।
सलाह: 1- उत्तम गुणवत्ता वाला मूंगा रत्न धारण करें और माथे पर केसर का तिलक लगाएं, इससे समस्याओं में सुधार होगा। 2- हनुमानजी की पूजा प्रतिदिन करे। 3 - तंदूर में मीठी रोटी बनाकर दान करे। 4- मसूर दाल का दान करें ।
सामान्य: मेष राशि के जातकों के लिए सितंबर माह कुल मिलाकर अच्छा फल देने वाला रहेगा। कुछ मामलों में काफी अच्छे परिणाम मिलेंगे, हालांकि, कुछ मामलों में थोड़ी परेशानियां भी हो सकती हैं। इस माह आपकी आर्थिक स्थिति अच्छी रहेगी। आमदनी बढ़़ेगी और आय के नए रास्ते भी खुल भी सकते हैं। करियर के लिहाज से भी यह महीना आपके लिए बहुत अच्छा रहेगा। चाहे नौकरी करते हों या व्यवसाय, आपकी उन्नति होगी। पढ़ाई-लिखाई भी अच्छी चलेगी। प्रतियोगिता परीक्षाओं में सफलता मिल सकती है। उच्च शिक्षा के किसी अच्छे संस्थान में दाखिला मिल सकता है। पारिवारिक जीवन माह के पूर्वार्ध में थोड़ा कठिनाई भरा हो सकता है, लेकिन उत्तरार्ध में स्थितियां सुधरेंगी। प्रेमी युगलों के लिए भी पूर्वार्ध का समय चुनौतीपूर्ण है, लेकिन उनकी स्थिति भी उत्तरार्ध में सुधरेगी। प्रेम-विवाह के योग बन रहे हैं। यह माह दाम्पत्य सुख की दृष्टि से भी अच्छा है। संतान प्राप्ति के योग बन रहे हैं। इस माह आपको अपने और माता-पिता के स्वास्थ्य को लेकर सजग रहना होगा। ग्रहों की दशा स्वास्थ्य के लिए अनुकूल नहीं है।
वित्त: आपके लिए यह समय आर्थिक दृष्टि से बढ़िया साबित होगा। इस माह आपके ग्रह-गोचर की दशा काफी अच्छी प्रतीत हो रही है। देवगुरु वृहस्पति एकादश भाव में हैं, राहु दूसरे भाव में हैं और सूर्य व मंगल एकादश भाव की ओर देख रहे हैं। चारों की ग्रहों की यह युति आर्थिक दृष्टि से बहुत शुभ है। इस माह आपको हर मोर्चे पर लाभ मिलने की संभावना है। आय में पर्याप्त वृद्धि होगी। पहले से जो आय के स्रोत हैं, उनमें बरकत होगी और उसके साथ-साथ एक से ज्यादा स्रोतों से आय के साधन बन सकते हैं। कोई फंसा हुआ पुराना धन, जिसके मिलने की आपने उम्मीद छोड़ दी थी, वह वापस मिल सकता है। पैतृक संपत्ति से आय हो सकती है। घर-परिवार के किसी बड़े सदस्य से धन प्राप्त हो सकता है। अगर नौकरी में हैं, तो अच्छा इन्सेंटिव मिल सकता है। आपकी कुंडली में बुध और शुक्र की दृष्टि द्वादश भाव पर है, तो हल्का-फुल्का खर्च भी हो सकता है। उसके बाद सूर्य और मंगल भी अपनी दृष्टि बदलेंगे, जिसके परिणामस्वरूप माह के उत्तरार्ध में आपके खर्चे थोड़े और बढ़ सकते हैं, साथ ही आय में थोड़ी-सी कमी भी आ सकती है। लेकिन चिंता करने की कोई बात नहीं है, क्योंकि इसके बावजूद आपकी आर्थिक स्थिति अच्छी बनी रहेगी।
मित्र एवं परिवार: इस माह आपके पारिवारिक जीवन में उथल-पुथल हो सकती है। परिवार के सदस्यों के बीच भरोसे की कमी हो सकती है। आपकी कुंडली के चतुर्थ भाव पर शनि की दृष्टि है, साथ ही दूसरे भाव में राहु की मौजूदगी है। इन दोनों ग्रहों की यह स्थिति पारिवारिक जीवन में अशांति उत्पन्न कर सकती है। आपके माता-पिता को स्वास्थ्य से जुड़ी समस्याएं हो सकती हैं। अगर वह पहले से अस्वस्थ हैं, तो अस्वस्थता में थोड़ी वृद्धि होने की आशंका है। इसलिए माता-पिता के स्वास्थ्य को लेकर लापरवाही न करें। तुरंत उचित उपाय करें। इस माह के पहले पखवाड़े में भाई-बहनों से आपके संबंध बिगड़ सकते हैं। किसी बात को लेकर उनसे गंभीर विवाद हो सकता है। आपको इस समय में धैर्य रखना होगा, नहीं तो बात ज्यादा बिगड़ सकती है। आपके ग्रह-गोचर की दशा के अनुसार, माह के उत्तरार्ध में स्थितियों में कुछ सुधार होगा। गलतफहमियां और विवाद दूर होंगे। भाई-बहनों से संबंध पुन: अच्छे होंगे। घर-परिवार का माहौल एक फिर से सहयोगात्मक होगा। अगर आप कोई व्यवसाय करते हैं, तो आपको उसमें भाई-बहनों का भरपूर सहयोग |
वृष:
स्वास्थ्य: वृषभ राशि वालों के लिए स्वास्थ्य की दृष्टि से भी यह महीना मिश्रित प्रभाव वाला ही रहेगा। महीने की शुरुआत में सेहत ठीक रहेगी। किसी प्रकार की समस्या का अनुभव नहीं होगा। माह का पूर्वार्ध ठीक रहेगा। 6 सितंबर को शुक्र का गोचर छठे भाव में होगा। 22 सितंबर को बुध भी इसी भाव में आ जाएंगे। दोनों ग्रहों का यह योग माह के उत्तरार्ध में कुछ स्वास्थ्य समस्याएं पैदा कर सकता है। फिर मंगल और सूर्य के पंचम भाव में होने से आपको पेट से संबंधित परेशानियां हो सकती हैं। पेट में जलन हो सकती है, गैस की समस्या या दर्द से पीड़ा हो सकती है। आमाशय से संबंधित तकलीफें होने की आशंका है। खाना पचने में समस्या हो सकती है, भूख में कमी आ सकती है। इसलिए खानपान और जीवनशैली को ठीक रखने की आवश्यकता है।
कैरियर: करियर के दृष्टिकोण से आपके लिए सिंतबर का माह अच्छा रहने की संभावना है। खासकर, महीने की शुरुआत इस दृष्टि से बहुत अच्छी रहेगी। आपके दशम भाव में ग्रहों के राजा सूर्य और देवगुरु वृहस्पति बैठे हुए हैं। साथ ही, मंगल अपनी दृष्टि वृहस्पति पर डाल रहे हैं। तीनों ग्रहों का यह योग सरकारी नौकरी के दृष्टिकोण से बहुत अच्छा है। जो लोग सरकारी नौकरी पाने के लिए प्रयास कर रहे हैं, उन्हें अपने प्रयासों में सफलता मिलने की अच्छी संभावना है। साथ ही, जो लोग पहले से ही सरकारी नौकरी कर रहे हैं, उनको इस समय बहुत शुभ फल मिल सकते हैं। प्रमोशन मिल सकता है। वेतन में वृद्धि हो सकती है। किसी अच्छी जगह तबादला हो सकता है, या फिर कोई महत्वपूर्ण दायित्व मिल सकता है। किसी उच्च अधिकारी की कृपादृष्टि हो सकती है। नौकरी करने वालों के लिए तो यह समय बहुत अच्छा है, लेकिन व्यापार करने वालों को कुछ चुनौतियों का सामना करना पड़ सकता है। उसकी वजह है छायाग्रह केतु की सप्तम भाव में उपस्थिति। व्यापार, स्वरोजगार से जुड़े लोगों को अपने काम-धंधे में कुछ बाधाओं का सामना करना पड़ सकता है। हो सकता है, कोई डील अंतिम चरण में पहुंचकर अटक जाए। साझेदारी में कारोबार करते हैं, तो साझीदार के साथ कुछ दिक्कतें आ सकती हैं। जितनी मेहनत करेंगे, शायद उस अनुपात में लाभ न हो पाए, लेकिन अपने प्रयासों में कमी न आने दें।
प्रेम / विवाह / व्यक्तिगत संबंध: यह माह आपके प्रेम-जीवन के लिए मिश्रित प्रभाव वाला रहेगा। महीने की शुरुआत काफी अच्छी रहने वाली है। बुध और शुक्र की उपस्थिति आपकी कुंडली के पंचम भाव में है, यह युति प्रेम-संबंधों की दृष्टि से बहुत अनुकूल है। प्रेमी युगलों के रिश्ते में खूब मधुरता रहेगी। प्रेम की धारा तीव्र वेग से बहेगी। एक-दूसरे के साथ गुणवत्तापूर्ण समय व्यतीत करने का मौका मिलेगा। एक-दूसरे के प्रति आकर्षण बढ़ेगा और भरोसे में भी वृद्धि होगी। इस दौरान कहीं घूमने-फिरने का कार्यक्रम बन सकता है, किसी रोमांटिक स्थान पर जा सकते हैं। लेकिन पूरे महीने ऐसी स्थिति नहीं रहेगी। जब मंगल और सूर्य पंचम भाव में प्रवेश कर जाएंगे, तब प्रेम-जीवन में चुनौतियों का सामना करना पड़ेगा। रिश्ते में टकराव बढ़ने की आशंका है। किसी बात पर कलह हो सकती है, जो बहुत अप्रिय स्थिति तक पहुंच सकती है। यह समय कलह और वाद-विवाद से दूर और धैर्य के साथ रहने का है, नहीं तो विवादों की वजह से प्रेमी युगलों में संबंध-विच्छेछ तक हो सकता है। विवाहित जातकों के लिए भी यह माह बहुत चुनौतीपूर्ण रहेगा। कुंडली में केतु की उपस्थिति सप्तम भाव में है। केतु भ्रम पैदा करते हैं, जिससे आपके लिए अपने जीवनसाथी के व्यवहार को समझ पाना बहुत मुश्किल रहेगा। इससे दाम्पत्य जीवन में गलतफहमियां हो सकती है। हो सकता है, जीवनसाथी को प्रसन्न करने के लिए आप कोई काम करें, लेकिन परिणाम उल्टा हो जाए। इसलिए यह समय बहुत समझदारी से व्यवहार करने का है। दाम्पत्य जीवन में कड़वाहट आने देने से बचना है, तो अपनी तरफ से सामंजस्य बनाकर रखने की पूरी कोशिश करें।
सलाह:
गौ माता को हरा चारा खिलाएं और श्री गोपाल सहस्रनाम स्तोत्र का पाठ करें।
गायत्री मंत्र का पाठ करें ।
हर शुक्रवार को घर के मंदिर में घी का दिया जलाएं।
बड़े बुजुर्गों का सम्मान - सत्कार करें ।
सामान्य: वृषभ राशि के जातकों के लिए यह माह मिला-जुला फल देने वाला रहेगा। जीवन के कुछ क्षेत्रों में जहां शुभ फलों की अधिकता रहेगी, वहीं कुछ क्षेत्रों में समय थोड़ा मुश्किल हो सकता है। करियर की दृष्टि से यह माह अच्छा रहेगा। सरकारी नौकरी के लिए समय समय बहुत अच्छा है, हालांकि व्यवसाय से जुड़े लोगों को कुछ बाधाओं से रूबरू होना पड़ सकता है। पढ़ाई-लिखाई भी इस दौरान सुचारु रूप से चलती रहेगी। प्रतियोगिता परीक्षाओं में सफलता मिलने की संभावना है। पारिवारिक जीवन कभी खट्टा तो कभी मीठा रहेगा। प्रेम-संबंध अभी आपसे धैर्य और संयम की मांग कर रहे हैं। समय थोड़ा नाजुक है, इसलिए प्रेमी युगलों को कलह से बचने का प्रयास करना चाहिए। इस माह वृषभ राशि वालों की ग्रह-गोचर दशा आर्थिक दृष्टि से बहुत अच्छी है। इस माह आपको अच्छी आय होने की संभावना है, हालांकि खर्च भी थोड़ा बढ़ सकता है। इस माह आपको सेहत को लेकर सजग रहने की जरूरत है। खानपान में संयम बरतें।
वित्त: वृषभ राशि के जातकों की आर्थिक स्थिति इस महीने बहुत अच्छी रहने वाली है। आपकी कुंडली में एकादश भाव पर बुध और शुक्र की दृष्टि है। ग्यारहवां भाव आय और लाभ का होता है। तो एकादश भाव पर बुध और शुक्र की अच्छी दृष्टि से आपको काफी आर्थिक लाभ होगा। आय के नियमित स्रोतों से अच्छी आमदनी होगी, साथ ही आय के कुछ अतिरिक्त साधन भी बन सकते हैं। इसके बाद ग्रहों की दशा और अच्छी होने वाली है। 6 सितंबर को मंगल पंचम भाव में चले जाएंगे और 17 सितंबर को सूर्य भी इसी भाव में पहुंच जाएंगे और दोनों एकादश भाव पर दृष्टि डालेंगे। इससे आय तथा लाभ में और वृद्धि होगी। सरकारी क्षेत्र से लाभ मिलने की संभावना है। जैसेकि यदि आप सरकारी ठेकेदार हैं या सरकारी विभागों को विभिन्न प्रकार की सेवाएं मुहैया कराते हैं, तो आपको वहां से अच्छा लाभ होने की संभावना है। पूरे महीने धन की स्थिति अच्छी बनी रहेगी। माह के उत्तरार्ध में व्यय अधिक हो सकता है। बुध और शुक्र गोचर परिवर्तन कर छठे भाव में प्रवेश कर जाएंगे, जिसके परिणामस्वरूप नियमित खर्चों के अतिरिक्त कुछ आकस्मिक खर्च सामने आ सकते हैं। लेकिन चिंता करने की जरूरत नहीं है, क्योंकि आपकी आर्थिक स्थिति अच्छी रहेगी।
मित्र एवं परिवार: वृषभ राशि के जातकों का पारिवारिक जीवन इस माह मिले-जुले प्रभाव रहेगा। कभी समय आपकी परीक्षा लेगा, तो कभी अच्छे फल भी देगा। दरअसल, आपकी कुंडली के चतुर्थ भाव में दोनों गर्म प्रवृत्ति के ग्रह- सूर्य और मंगल की उपस्थिति है। यह युति पारिवारिक जीवन के दृष्टिकोण से अच्छी नहीं मानी जाती। इसके कारण परिवार के सदस्यों में सामंजस्य की कमी रहेगी। एक-दूसरे से टकराव की स्थिति उत्पन्न हो सकती है। किसी बात पर गंभीर विवाद हो सकता है। परिजनों में एक-दूसरे पर दोषारोपण करने की प्रवृत्ति हावी हो सकती है। इन सब स्थितियों की वजह से परिवार का माहौल बोझिल और तनावपूर्ण हो सकता है। लेकिन थोड़े धैर्य से काम लेंगे, तो स्थितियां बद से बदतर होने से बच जाएंगी। इस माह जैसे ही सूर्य और मंगल पंचम भाव में प्रवेश करेंगे, पारिवारिक जीवन में चुनौतियां कम होने लगेंगी। रिश्तों पर जमी धूल साफ होने लगेगी। भाई-बहनों से संबंध अच्छे होंगे और उनसे आपको किसी प्रकार लाभ मिल सकता है। लेकिन याद रखें कि यह समय उनके लिए भी कुछ करने का होगा, इसमें मत चूकें। अगर आपके माता-पिता का स्वास्थ्य पिछले कुछ समय नरम है, तो सूर्य और मंगल के प्रभाव से उसमें सुधार देखने को मिलेगा।
मिथुन:
स्वास्थ्य: यह माह मिथुन राशि वालों के लिए स्वास्थ्य की दृष्टि से भी कमजोर रहेगा। आपकी कुंडली के ग्रह-गोचर ऐसा संकेत दे रहे हैं कि आपको स्वास्थ्य से जुड़ी परेशानियां हो सकती हैं। छायाग्रह केतु आपके छठे भाव में मौजूद हैं, जो रोग, ऋण और श्रत्रु का भाव है। वहीं शनि अष्टम भाव में स्थित हैं, जो आयु का भाव होता है। दोनों ग्रहों की यह स्थिति किसी गंभीर रोग के शुरू होने का संकेत दे रही है। इसलिए सावधानी बहुत जरूरी है। स्वास्थ्य से जुड़ी किसी भी प्रकार की समस्या की अनदेखी न करें। देवगुरु वृहस्पति के वक्री अवस्था में अष्टम भाव में प्रवेश करने से स्थिति थोड़ी और खराब हो सकती है। रोग में वृद्धि हो सकती है। समस्या अपने आप समाप्त हो जाएगी, मन में ऐसी धारणा न पालें और डॉक्टर से परामर्श करने में हीला-हवाली न करें। सेहत ठीक नहीं रहेगी, तो किसी भी चीज का आनंद नहीं उठा पाएंगे।
कैरियर: मिथुन राशि के जातकों के लिए सिंतबर माह करियर की दृष्टि से ठीक है। दूसरे और सातवें भाव के स्वामी शुक्र की दृष्टि दशम भाव पर है, जो करियर और व्यवसाय का भाव होता है। शुक्र के साथ तीसरे और छठे भाव के स्वामी बुध की दृष्टि भी दशम भाव पर है। दोनों ग्रहों की दशम भाव पर दृष्टि के परिणामस्वरूप आपको अपने काम में आनंद आएगा। कार्यक्षेत्र में सफलता मिलेगी। अगर नौकरी करते हैं, तो प्रमोशन हो सकता है, जिम्मेदारी बढ़ सकती है। कारोबार में बरकत होने की संभावना है। आपकी कुंडली में तीसरे भाव में ग्रहों के राजा सूर्य स्थित हैं। उनके साथ सेनापति मंगल भी स्थित हैं। तीसरा भाव साहस और वीरता का भाव है। आपके द्वारा किया परिश्रम ही यह तय करेगा कि आप करियर में कितनी तरक्की करेंगे। दूसरे शब्दों में कहें, तो ग्रहों की यह युति इस बात का स्पष्ट संकेत दे रही है कि अगर निष्ठापूर्वक परिश्रम करेंगे, तो अच्छा लाभ प्राप्त होगा। यह समय निरंतर और गंभीर प्रयासों से अपने काम-धंधे का विस्तार करने का है, बिजनेस में आगे बढ़ने का समय है। यह दोहा आप पर पूरी तरह चरितार्थ होता है- ‘रसरी आवत जात ते सिल पर पड़त निशान।’ यानी लगातार प्रयास करने से रस्सी भी अपने निशान पत्थर पर छोड़ सकती है।
प्रेम / विवाह / व्यक्तिगत संबंध: प्रेम-जीवन के लिए सितंबर माह की शुरुआत ज्यादा अच्छी नहीं रहेगी। प्रेम संबंधों में थोड़ा ठंडापन रहेगा। प्रेमियों को शायद एक दूसरे के साथ समय बिताने का उतना मौका न मिल पाए। इससे थोड़ी निराशा हो सकती है। लेकिन उसके बाद का समय उनके लिए काफी अनुकूल साबित होगा। 6 सितंबर को शुक्र सप्तम भाव में आ जाएंगे। शुक्र ग्रह को प्रेम का कारक ग्रह माना जाता है, लिहाजा उनका यह गोचर प्रेम संबंधों में रस की धारा प्रवाहित करेगा। प्रेम-संबंधों में मधुरता आएगी, एक दूसरे के प्रति आकर्षण और गाढ़ा होगा। प्रेमी युगलों का एक दूसरे के प्रति भरोसा निरंतर बढ़ेगा। कुल मिलाकर रिश्तों में घनिष्ठता और अंतरंगता बढ़ेगी। विवाहित जातकों के लिए माह का पूवार्ध अच्छा रहेगा। दाम्पत्य जीवन में मधुरता रहेगी। पति-पत्नी के बीच अच्छा सामंजस्य रहेगा, जिससे प्रेम में वृद्धि होगी। लेकिन उत्तरार्ध का समय शादीशुदा जातकों के लिए थोड़ा चुनौतीपूर्ण साबित हो सकता है। देवगुरु वृहस्पति 15 सितंबर को वक्री होकर अष्टम भाव में प्रवेश कर जाएंगे, जिसके परिणामस्वरूप दाम्पत्य जीवन में उतार-चढ़ाव आ सकते हैं। आपस में तकरार हो सकती है। तालमेल में कमी आ सकती है। व्यर्थ का विवाद हो सकता है, इसलिए समझदारी से काम लेना उचित रहेगा।
सलाह: 1- उत्तम गुणवत्ता वाला पन्ना रत्न पहनना मिथुन राशि के जातकों के लिए लाभदायक साबित होगा। 2- हरे रंग के वस्त्र उपहार में देना शुभ रहेगा। 3- हरा पालक को गाय को दें । 4- गणेश जी को मोदक अर्पित करें ।
सामान्य: यह माह आपके लिए मिले-जुले प्रभाव वाला रहेगा। जीवन में कुछ अच्छा होगा, तो कुछ मौकों पर चुनौतियों से भी जूझना पड़ेगा। करियर की दृष्टि से माह अच्छा साबित होगा। आप जितना परिश्रम करेंगे, करियर में उतना ही फायदा होगा। इमानदारी से प्रयास करने पर काम-धंधे में विस्तार हो सकता है। माह के शुरुआती दिनों में कुछ बाधाओं के बाद आपकी पढ़ाई-लिखाई फलदायी रहेगी। मेहनत करेंगे, तो प्रतियोगिता परीक्षाओं में भी सफलता मिलने के योग हैं। आपका पारिवारिक जीवन माह के पूर्वार्ध में संतोषजनक रहेगा, लेकिन दूसरे पखवाड़े में थोड़ी परेशानियों का सामना करना पड़ सकता है। आर्थिक स्थिति भी इस माह उतार-चढ़ाव भरी रहेगी। आय की स्थिति तो सुधरेगी, लेकिन धन का नुकसान होने की भी आशंका है। स्वास्थ्य से जुड़ी समस्याएं आपको थोड़ी चिंता में डाल सकती है, इसलिए इस माह थोड़ा सजग रहने की जरूरत है।
वित्त: मिथुन राशि वालों के लिए सितंबर का महीना आथिक दृष्टि से कुछ खास नहीं रहने वाला है। आपकी आर्थिक इस महीने स्थिति काफी उतार-चढ़ाव भरी रहेगी। 6 सितंबर से मंगल आपकी कुंडली के चौथे भाव में बैठ कर ग्यारहवें भाव को देखेंगे, जो आय का भाव होता है। मंगल की स्थिति से आपकी आमदनी में सुधार होगा। नौकरीपेशा वालों के वेतन या भत्तों में वृद्धि हो सकती है। व्यापार या स्वरोजगार करने वालों को कारोबार में लाभ होने की संभावना है। लेकिन शनि के अष्टम भाव में स्थित होने और 15 सितंबर को देवगुरु वृहस्पति के भी उसी भाव में प्रवेश कर जाने से आपको आर्थिक रूप से नुकसान होने की आशंका है। कोई बेकार का खर्च हो सकता है। कोई ऐसा सामान खरीद सकते हैं, जो अनुपयोगी साबित होगा। किसी को दिया हुआ पैसा डूब सकता है या कोई नया काम शुरू किया है, तो उसमें हानि हो सकती है। आय का कोई नियमित स्रोत बाधित हो सकता है, जिससे आर्थिक स्थिति प्रभावित हो सकती है। किसी को उधार न दें, पैसा फंस सकता है। किसी से कर्ज लेने से भी बचें, इसे उतारना काफी मुश्किल साबित हो सकता है। इस माह में आपको पैसे के लेन-देन के मामले में काफी सावधानी बरतने की आवश्यकता है। सावधानी ही बचाव है।
मित्र एवं परिवार: मिथुन राशि के जातकों के लिए पारिवारिक जीवन की दृष्टि से यह माह कभी खुशी कभी गम वाला रहेगा। माह के पूर्वाध में पारिवारिक जीवन बहुत अच्छा रहेगा, लेकिन उत्तरार्ध में थोड़ी परेशानियां आ सकती हैं। शुक्र और बुध की चतुर्थ भाव में उपस्थिति है, जो पारिवारिक जीवन के लिए उत्तम मानी जाती है। परिवार का माहौल सौहाद्र्रपूर्ण रहेगा। परिजनों के बीच आपसी सामंजस्य अच्छा रहेगा और घर-परिवार में कोई आनंदपूर्ण आयोजन हो सकता है। लेकिन जब शनि देव दूसरे भाव पर दृष्टि डालेंगे, तो परिवार का माहौल थोड़ा गड़बड़ाने की आशंका है। कुटुंब में मतभेद हो सकता है। हो सकता है, किसी पारिवारिक संपत्ति या रुपये-पैसे के मामले को लेकर विवाद की स्थिति पैदा हो जाए। महीने के उत्तरार्ध के समस्याएं और बढ़ सकती हैं, जब सूर्य और मंगल चतुर्थ भाव में पहुंच जाएंगे। ग्रहों की इस युति से आपकी माताजी को स्वास्थ्य समस्याएं हो सकती हैं। इसलिए विशेष रूप से सतर्क रहने की आवश्यकता है। महीने के उत्तरार्ध में आपको मानसिक तनाव भी हो सकता है। परिवार में झगड़ा होने की भी आशंका है। अप्रिय स्थितियों से बचना है, तो बहुत सोच-समझकर कदम उठाएं। हर बात पर प्रतिक्रिया न दें।
कर्क:
स्वास्थ्य: स्वास्थ्य की दृष्टि से यह माह आपके लिए कुछ समस्याएं लेकर आ सकता है। खासकर माह की शुरुआत कमजोर रहेगी। आपके दूसरे भाव में मंगल और सूर्य बैठे हुए हैं, सातवें भाव में शनि विराजमान हैं, तो पांचवें भाव में केतु की मौजूदगी है। साथ ही, आठवें भाव में देवगुरु वृहस्पति बैठे हुए हैं। पांचों ग्रहों की यह स्थिति किसी भी प्रकार से स्वास्थ्य के अनुकूल नहीं है। तो आपको स्वास्थ्य को लेकर बहुत सर्तक रहने की जरूरत है। कोई भी रोग हो, छोटा-मोटा ही सही, उसे नजरअंदाज नहीं करना है, वरना परेशानी बढ़ सकती है। 15 सितंबर को वक्री वृहस्पति सातवें भाव में प्रवेश कर जाएंगे। वृहस्पति के इस गोचर परिवर्तन से आपकी स्वास्थ्य समस्याएं और अधिक बढ़ जाने की आशंका है। ऐसी स्थिति में चिकित्सक से परामर्श करने में बिल्कुल कोताही न करें।
कैरियर: कर्क राशि के जातकों के लिए करियर की दृष्टि से सितंबर माह की शुरुआत कमजोर रहेगी। इस चुनौतीपूर्ण समय में आपको अपना फोकस बिगड़ने नहीं देना है, वरना गाड़ी पूरी तरह पटरी से उतर सकती है और अनुकूल समय आने के बाद भी आप उसे ठीक से नहीं दौड़ा पाएंगे। बस पांच-छह दिनों के लिए आपको चौकस रहने की जरूरत है। 5 सितंबर को ग्रहों के सेनापति मंगल तीसरे भाव में आ जाएंगे, जो साहस का भाव है। इससे आपके साहस और पराक्रम में वृद्धि होगी। यह समय नौकरीपेशा लोगों के लिए बहुत अच्छा रहने की संभावना है। कार्यालय में आपका महत्व बढ़ सकता है। आपको प्रमोशन भी मिल सकता है। उच्च अधिकारियों का सहयोग मिलेगा, उनसे संबंध मधुर होंगे, जिसका फायदा आपको मिलेगा। 17 सितंबर को ग्रहों के राजा सूर्यदेव भी तीसरे भाव में आ जाएंगे, जहां पहले से ही सेनापति मंगल बैठे हैं। राजा और सेनापति की यह युति आपके करियर के लिए और अच्छा समय लेकर आएगी। आप चुनौतियों का सफलतापूर्वक सामना करते हुए आगे बढ़ेंगे। कारोबार/व्यापार करने वालों के लिए भी यह बहुत उत्तम समय है। कारोबार में बरकत होगी, कारोबार का विस्तार भी संभव है। आपके सातवें भाव में अपनी ही राशि के शनि बैठे हैं, जो कोई लंबे समय तक चलने वाला लाभकारी व्यावसायिक समझौता करा सकते हैं। आपको विदेश में भी कोई ऐसी डील कर सकते हैं, जिससे आपको अच्छा लाभ होगा।
प्रेम / विवाह / व्यक्तिगत संबंध: सितंबर का महीना कर्क राशि वालों के लिए प्रेम संबंधों की दृष्टि से बहुत अनुकूल नहीं है। आपके पंचम भाव में केतु बैठे हुए हैं। जैसाकि हम पहले भी बता चुके हैं कि इस भाव में केतु की उपस्थिति मन में नकारात्मक भावों को पैदा कर सकती है। इससे प्रेमी युगलों के रिश्ते में तनाव आ सकता है। किसी बात को लेकर विवाद हो सकता है। विवाद इतना बढ़ सकता है कि बात संबंध विच्छेद तक पहुंच सकती है। आपको इस समय बहुत धैर्य से काम लेने की आवश्यकता है। किसी तीसरे की बातों में आकर कोई प्रतिक्रिया न दें। आपस में बात करके गलतफहमियों को दूर करने का प्रयास करें। जो जीवन में प्रेम की तलाश में हैं, उनके लिए भी यह समय धैर्य और प्रतीक्षा का है। व्यग्रता से काम बनने की बजाय बिगड़ सकता है। कर्क राशि के विवाहित जातकों के लिए भी समय अच्छा नहीं, तो बुरा भी नहीं है। वक्री वृहस्पति 15 सितंबर को सप्तम भाव में प्रवेश करेंगे, जिसके फलस्वरूप शादीशुदा जीवन में थोड़े उतार-चढ़ाव आएंगे। जीवनसाथी से तालमेल कभी ठीक रहेगा, तो कभी गड़बड़ा जाएगा। समझदारी से काम लेने से स्थितियां नियंत्रण में रहेंगी। जीवनसाथी को सेहत से जुड़ी कुछ समस्याएं हो सकती हैं। उनका ख्याल रखें।
सलाह: 1- प्रतिदिन भगवान शिव की उपासना करें और ‘रुद्राष्टक’ का पाठ करें। इससे काफी लाभ होगा। 2- पूर्णिमा के दिन चंद्रमा को दूध पानी का जल अर्पित करें । 3- चाँदी का कड़ा धारण करें । 4- भगवान शिव चालीसा का पाठ करें व शिवलिंग पर जल चढ़ाएं।
सामान्य: कर्क राशि के जातकों के लिए सितंबर का महीना कुछ खट्टा कुछ मीठा रहने वाला है। माह के शुरुआती दिनों को ठीक से निकाल लेंगे, तो करियर की दृष्टि से यह माह बहुत बढ़िया साबित होगा। नौकरी, व्यवसाय, स्वरोजगार, हर पेशे से जुड़े जातकों की तरक्की होगी। नौकरी में प्रमोशन मिल सकता है। कारोबार में कोई अच्छा समझौता हो सकता है। शिक्षा के मामले में यह माह औसत रहेगा। आपको काफी परिश्रम करना पड़ेगा, तब जाकर सफलता मिलेगी। इस माह उच्च शिक्षा में शुभ फल मिल सकते हैं। पारिवारिक जीवन भी बहुत उत्तम रहेगा, जिससे मन शांत और प्रसन्न होगा। आर्थिक मोर्चे पर भी इस माह अच्छे समाचार मिलने की संभावना है। आय के नियमित स्रोतों के अलावा, कुछ नए स्रोत भी खुल सकते हैं। आर्थिक और पारिवारिक जीवन तो अच्छा रहेगा, लेकिन प्रेमी युगलों और शादीशुदा जातकों के लिए यह समय चुनौतीपूर्ण रहने वाला है। स्वास्थ्य के लिहाज से भी यह महीना थोड़ा परेशान करने वाला हो सकता है, इसलिए अत्यंत सजग रहने की जरूरत है।
वित्त: आर्थिक दृष्टिकोण से सितंबर का महीना आपके लिए बहुत अच्छा रहने की संभावना है। आपके ग्यारहवें भाव, जो आय का भाव है, उसमें राहु विराजमान है। राहु की यह स्थिति इस बात का संकेत है कि आपकी आय में बढ़ोत्तरी होगी। नियमित स्रोतों के अतिरिक्त किसी अन्य स्रोत से भी आय होने की संभावना है। कोई डूबा हुआ पैसा वापस मिल सकता है, जिसकी उम्मीद आपने छोड़ दी थी। नौकरीपेशा लोगों के वेतन-भत्तों में वृद्धि संभव। व्यवसाय/कारोबार करने वालों को भी अच्छा लाभ हो सकता है। भाई-बहनों के सहयोग से भी आय के कुछ नए स्रोत खुल सकते हैं। घर के किसी बुजुर्ग से धन मिल सकता है। सूर्य और मंगल के तीसरे भाव में आ जाने से आय की स्थिति और बेहतर होने की संभावना है। आपको सरकारी क्षेत्र से लाभ मिल सकता है। अगर सरकारी ठेकेदारी कराते हैं, तो कोई अच्छा ठेका मिल सकता है। पिछले काम का भुगतान प्राप्त हो सकता है। अगर सरकारी विभागों को सामान की सप्लाई करते हैं, तो कोई अच्छा ऑर्डर मिल सकता है। सरकारी अफसरों का रवैया आपके प्रति सहयोगात्मक रहेगा। आपके काम में वे रुकावटें खड़ी नहीं करेंगे।
मित्र एवं परिवार: एकाध छोटी-मोटी समस्याओं को छोड़ दें, मीन राशि के जातकों का पारिवारिक जीवन सितंबर माह बहुत सुखद रहने वाला है। माह के पहले हफ्ते में सुख के कारक ग्रह शुक्र चतुर्थ भाव में आ जाएंगे, जो सुख, संपत्ति, घर और माता का भाव है। शुक्र की इस स्थिति से घर-परिवार में खुशियां आएंगी। परिवार का माहौल आनंदपूर्ण रहेगा। कोई ऐसा आयोजन हो सकता है, जिसमें घर-परिवार के सब लोग एक जगह इकट्ठे हो सकते हैं। इस मन प्रसन्न होगा। वाहन और भवन-सुख में वृद्धि हो सकती है। 22 सितंबर को एक और शुभ ग्रह बुध भी चतुर्थ भाव में आ जाएंगे। इससे पारिवारिक स्थितियां और बेहतर हो जाएंगी। परिवार के सदस्यों का तालमेल बहुत बढ़िया रहेगा और एक दूसरे के प्रति भरोसा बढ़ेगा, आपसी सद्भाव बढ़ेगा। आपके माता-पिता का स्वास्थ्य बहुत बढ़िया रहेगा। अगर पहले से कोई स्वास्थ्य समस्या है, तो वह भी ठीक हो जाएगी। इसके बाद मंगल और सूर्य का तीसरे भाव में गोचर होगा। मंगल और सूर्य की इस युति से आपको भाई-बहनों से लाभ मिलेगा, वे कारोबार में सहयोग दे सकते हैं या आर्थिक सहायता कर सकते हैं। लेकिन इसके साथ ही, उन्हें कोई शारीरिक समस्या भी हो सकती है। ऐसी स्थिति में आपका कर्तव्य है कि आप उनका ठीक से ध्यान रखें।
सिंह:
स्वास्थ्य: जहां तक स्वास्थ्य की बात है, तो सिंह राशि के जातकों के लिए यह माह बेहद सावधानी से चलने का है। स्वास्थ्य की दृष्टि से यह पूरा महीना आपके अनुकूल नहीं है। सूर्य और मंगल आपकी राशि में स्थित हैं, साथ ही आपकी कुंडली में अष्टम भाव के स्वामी सप्तम भाव में विराजमान हैं। अष्टम भाव आयु, दुर्घटना और खतरे का भाव माना जाता है। इसके अलावा, शनि छठे भाव में मौजूद हैं। ग्रहों की ये स्थितियां स्वास्थ्य से जुड़ी समस्याओं को जन्म देती हैं। आप किसी बीमारी की वजह से शारीरिक और मानसिक रूप से परेशान हो सकते हैं। अगर कोई भी बीमारी हो, तो उसे नजरंदाज न करें, डॉक्टर से अवश्य सलाह लें, अन्यथा बीमारी बढ़ सकती है। अस्पताल में भर्ती होने की नौबत भी आ सकती है। स्वास्थ्य ठीक नहीं रहेगा, तो जीवन में किसी चीज का आनंद नहीं ले सकते। इसलिए पूरे सितंबर में स्वास्थ्य को लेकर बहुत सजग रहने की जरूरत है।
कैरियर: सिंह राशि वालों के लिए करियर की दृष्टि से सितंबर माह अनुकूल रहने वाला है। बस आपको अपनी उग्रता पर नियंत्रण रखने की आवश्यकता है। राहु आपके दशम भाव में विराजमान हैं, जो कर्म, व्यवसाय, पद, ख्याति का भाव माना जाता है। तो राहु के इस गोचर के परिणामस्वरूप आप करियर को लेकर काफी सक्रिय यानी कर्मशील रहेंगे। आपको अपनी हाजिरवाबी से नौकरी में काफी लाभ होने की संभावना है। अगर आप कोई दिमागी काम करेंगे, तो उसमें पूरी सफलता मिलेगी। लेकिन एक बाधा भी है। ग्रहों के राजा सूर्य और सेनापति मंगल, जो दोनों गर्म ग्रह हैं, आपके प्रथम भाव में एक साथ उपस्थित हैं। प्रथम भाव जातक के स्वभाव का भाव है, तो आपके स्वभाव में कुछ गर्मी रह सकती है, जिसका असर आपके काम पर भी पड़ेगा। स्वभाव में उग्रता के कारण कुछ बनते काम अटक सकते हैं। इसलिए बातचीत में थोड़ा संतुलन और संयम रखना बेहतर होगा। कारोबार/व्यवसाय के लिए यह समय काफी उत्तम है। आपके सप्तम भाव में देवगुरु वृहस्पति की उपस्थिति है और सूर्य तथा मंगल इस भाव पर दृष्टि डाल रहे हैं। यह स्थिति कारोबार में सफलता की ओर संकेत करती है। आपके कारोबार में बरकत होगी। कोई नया काम शुरू कर सकते हैं या वर्तमान कारोबार का ही विस्तार कर सकते हैं।
प्रेम / विवाह / व्यक्तिगत संबंध: प्रेम जीवन के लिहाज से सितंबर आपके लिए मिला-जुला रहने वाला है। माह के पूर्वार्ध में आप प्रेम रस में डूबे रहेंगे, लेकिन उत्तरार्ध में कुछ चुनौतियों का सामना करना पड़ सकता है। माह की शुरुआत बहुत अच्छी रहेगी। प्रेमी युगलों के बीच आकर्षण और गाढ़ा होगा। रिश्ता मजबूत होगा। अगर प्रेम को विवाह के अंजाम तक पहुंचाना चाहते हैं, तो यह समय बहुत अनुकूल है। अपने प्रियतम को विवाह के लिए राजी करने में आपको सफलता मिलने की पूरी संभावना है। तो शुभ काम में देर न करें, क्योंकि माह के उत्तरार्ध में समय बदलने वाला है। देवगुरु वृहस्पति उस समय छठे भाव में प्रवेश कर जाएंगे, जो रोग, शत्रु और ऋण का भाव होता है। वृहस्पति के इस गोचर परिवर्तन से प्रेमी युगलों के रिश्ते में समस्या आ सकती है। विचारों की टकराहट हो सकती है और किसी बात को लेकर विवाद हो सकता है। वहीं विवाहित जातकों के लिए महीने की शुरुआत में वृहस्पति की सप्तम भाव में मौजुदगी उनके दाम्पत्य जीवन के लिए सामान्य है, लेकिन दोनों गर्म ग्रहों सूर्य और मंगल की सप्तम भाव पर दृष्टि शादीशुदा जिंदगी के लिए अच्छी नहीं कही जा सकती। दोनों ग्रहों की यह स्थिति जीवनसाथी के साथ रिश्तों में समस्या कारण बन सकती है। तालमेल गड़बड़ाने की आशंका है, जिसके परिणामस्वरूप झगड़ा और विवाद हो सकता है। साथ ही, 6 सितंबर को मंगल दूसरे भाव में प्रवेश कर जाएंगे, जिसके प्रभाव के कारण जीवनसाथी को स्वास्थ्य से संबंधित समस्याएं हो सकती हैं।
सलाह: 1- इस माह संकटों के निवारण के लिए वृहस्पतिवार के दिन केले के पेड़ की पूजा करें और पीपल वृक्ष को जल चढ़ाएं। 2- रोली डाल कर भगवान सूर्य को जल अर्पित करें । 3- पिता की सेवा करें व उनके चरण छूकर आशीर्वाद लें । 4- किसी भी नजर दोष व्यक्ति की सेवा करें ।
सामान्य: यह माह सिंह राशि वालों के लिए थोड़ा हल्का रहने की उम्मीद है। करियर के लिए यह माह ठीक रहेगा। आपकी आजीविका ठीक चलेगी, लेकिन स्वभाव की उग्रता आपकी सफलता के आड़े आ सकती है। उच्च शिक्षा से जुड़े युवाओं के लिए यह माह अच्छा है। विदेश जाकर पढ़ाई करने का सपना पूरा हो सकता है। पारिवारिक जीवन में संतुष्टि का अभाव रहेगा। परिवार के सदस्यों के बीच विवाद की वजह से परिवार में सौहाद्र्र का अभाव हो सकता है। प्रेम-संबंधों की दृष्टि से भी समय मिला-जुला रहेगा। प्रेम की गाड़ी विवाह के स्टेशन पर पहुंच सकती है। लेकिन माह के उत्तरार्ध में प्रेमी युगलों के लिए स्थितियां थोड़ी चुनौतीपूर्ण हो जाएंगी। आर्थिक दृष्टि से भी यह माह मिश्रित फलदायी रहेगा। आमदनी और खर्च में संतुलन रखने के लिए आपको हिसाब-किताब से खर्च करने की जरूरत है। स्वास्थ्य की दृष्टि से यह माह परेशानियों से भरा हो सकता है। सजग रहें और किसी प्रकार की स्वास्थ्य समस्या होने पर डॉक्टर की सलाह जरूर लें।
वित्त: यह माह आपके लिए आर्थिक दृष्टि से सामान्य रहेगा। ठीक से चलेंगे, तो पैसे को लेकर दिक्कत नहीं होगी। सत्ता में विराजमान देवगुरु वृहस्पति की दृष्टि एकादश भाव पर है, जो आय का भाव होता है। यह आर्थिक दृष्टिकोण से लाभकारी है। माह की शुरुआत में बुध और शुक्र की उपस्थिति दूसरे भाव में है, यह योग भी आर्थिक दृष्टि से अच्छा माना जाता है। आय के नियमित स्रोतों से आपकी आय अच्छी रहने की उम्मीद है। हो सकता है, आमदनी का कोई अतिरिक्त जरिया भी बन जाए। व्यवसाय/कारोबार में लाभ होने की संभावना है। नौकरीपेशा वालों के लिए भी यह समय आर्थिक दृष्टि से अच्छा साबित हो सकता है। लेकिन माह के उत्तरार्ध में आपको सावधानी बरतनी पड़ेगी। आपके ग्रहों की दशा यह संकेत कर रही है कि उत्तरार्ध में आपकी आमदनी में गिरावट आ सकती है। इसके साथ-साथ खर्चों में भी वृद्धि हो सकती है। कम आमदनी और अधिक खर्च की वजह से आप तनाव में आ सकते हैं। इसलिए बजट बनाकर चलना आपके लिए आवश्यक है, ताकि पूर्वार्ध की आय की बदौलत आप उत्तरार्ध का समय बिना किसी आर्थिक तनाव के व्यतीत कर सकें।
मित्र एवं परिवार: इस माह आपका पारिवारिक जीवन उथल-पुथल वाला रहेगा। चौथा भाव, जो माता, सुख, वाहन, घर और प्रॉपर्टी आदि का भाव होता है, उसमें पूरे माह छाया ग्रह केतु की उपस्थिति है। केतु की इस दशा से इस माह आपके पारिवारिक जीवन में असंतुष्टि रहेगी। परिवार के सदस्यों के बीच तालमेल गड़बड़ा सकता है। उनमें असहयोगात्मक प्रवृत्ति बढ़ सकती है। केतु की यह दशा माता के स्वास्थ्य के लिए भी खराब मानी जाती है। आपकी मां को स्वास्थ्य संबंधी दिक्कतें हो सकती हैं, इसलिए उनका विशेष रूप से ध्यान रखने की जरूरत है। हालांकि सुखकारक ग्रह शुक्र की 6 सितंबर से तीसरे भाव में उपस्थिति आपको कुछ राहत दे सकती है। चूंकि तीसरा भाव छोटे भाई-बहनों का होता है, इसलिए यह समय उनके लिए अच्छा साबित हो सकता है। उन्हें किसी प्रकार का लाभ हो सकता है। लेकिन सूर्य और मंगल का गोचर दूसरे भाव में हो रहा है। द्वितीय भाव परिवार, वाणी आदि का भी भाव होता है। इन दो गर्म ग्रहों की दूसरे भाव में उपस्थिति परिवार में कलह को जन्म दे सकती है। परिवार के सदस्यों के बीच किसी बात को लेकर गंभीर झगड़ा हो सकता है, जिससे पारिवारिक माहौल तनावपूर्ण हो सकता है। वाणी पर नियंत्रण रखें और अपनी तरफ से बात न बढ़ाएं। हालांकि परिवार में कलह और विवाद के बावजूद आपकी और परिजनों की सामाजिक प्रतिष्ठा में वृद्धि हो सकती है।
कन्या:
स्वास्थ्य: यह माह स्वास्थ्य की दृष्टि से आपके लिए थोड़ा कम अनुकूल है। ग्रहों के राजा सूर्य और सेनापति आपके द्वादश भाव में हैं। इसके अलावा, देवगुरु वृहस्पति छठे भाव में हैं। द्वादश भाव हानि का भी भाव होता है, जबकि छठा भाव रोग का भाव होता है। ग्रहमंडल के तीन बेहद महत्वपूर्ण ग्रहों की इस युति के कारण इस माह आपको सेहत से जुड़ी परेशानियां हो सकती हैं। आप बुखार से पीड़ित हो सकते हैं। सिरदर्द रहने की भी आशंका है। आंखों में भी पीड़ा हो सकती है। आपको मानसिक तनाव से पैदा होने वाली समस्याएं भी हो सकती है। इसलिए सितंबर में आपको काफी सजग और सतर्क रहने की आवश्यकता है। किसी भी स्वास्थ्य समस्या को नजरअंदाज न करें, उपचार में कोताही बिल्कुल न करें, जरूरत पड़ने पर डॉक्टर की सहायता अवश्य लें।
कैरियर: कन्या राशि के जातकों के लिए करियर के दृष्टिकोण से यह समय अत्यंत महत्वपूर्ण है। इसलिए आपको अभी ध्यान के साथ चलने की आवश्यकता है। इस महीने आपका करियर उतार-चढ़ाव से भरपूर रहेगा। नौकरीपेशा वालों के लिए माह का पूर्वार्ध सामान्य रहने की उम्मीद है, लेकिन व्यवसाय/कारोबार, स्वरोजगार करने वालों के लिए यह समय थोड़ा कमजोर रहेगा। हो सकता है कि आपको परिश्रम के अनुसार लाभ न हो, या फिर बहुत प्रयास के बाद भी कारोबार को अपेक्षित गति न मिल पाए। यह भी हो सकता है कि एड़ी-चोटी का जोर लगाने के बावजूद कोई बिजनेस डील अभी फाइनल न हो पाए। लेकिन निराश होने की आवश्यकता नहीं है। अपने प्रयासों में कमी न आने दें। सितंबर का उत्तरार्ध आपके लिए अच्छे समाचार लेकर आएगा। उत्तरार्ध में देवगुरु वृहस्पति वक्री अवस्था में पंचम भाव में गोचर करेंगे। उनकी यह दशा व्यवसाय में उत्तम सफलता देने वाली है। आपको अपनी मेहनत के प्रयास मिलने शुरू हो जाएंगे। लाभ के बेहतर मौके बनेंगे। व्यवसाय को एक बार फिर गति मिलेगी। इससे आपका चित्त प्रसन्न होगा। माह का उत्तरार्ध व्यवसाय करने वालों के लिए जितना शुभ रहेगा, नौकरीपेशा लोगों के लिए उतना ही प्रतिकूल साबित हो सकता है। इस अवधि में आपको मजबूरी में नौकरी बदलनी पड़ सकती है, जो पिछली नौकरी के मुकाबले खराब हो सकती है। इस दौरान आपकी नौकरी जाने की भी आशंका है।
प्रेम / विवाह / व्यक्तिगत संबंध: प्रेम संबंधों के लिहाज से यह माह आपके लिए औसत ही रहेगा। प्रेम जीवन में कुछ खट्टे अनुभव होंगे, तो कुछ अनुभव मीठे होंगे। माह की शुरुआत उतनी अच्छी नहीं रहेगी, फिर स्थितियां बेहतर होंगी। शनि की आपकी कुंडली के पंचम भाव में उपस्थिति है, जो प्रेम संबंधों के लिए बहुत अनुकूल नहीं दिखती। रिश्ते में वफादारी आपके रिश्ते के ठीक चलने की अनिवार्य शर्त है। अगर आप अपने साथी से धोखेबाजी करेंगे, तो स्वाभाविक है कि रिश्ते में टकराव बढ़ेगा। पंचम के शनि इसी बात का संकेत दे रहे हैं। आपके कृत्यों से आपका संबंध टूटने की कगार पर पहुंच सकता है। इस समय को समझदारी और धैर्य से निकाल लेंगे, तो अच्छा समय आ सकता है। 15 सितंबर को, जब वक्री वृहस्पति पंचम में आ जाएंगे, तो विवाह की बात चल सकती है। बातचीत पक्की भी हो सकती है। विवाहित जातकों के लिए माह की शुरुआत बहुत अच्छे नोट पर होगी। बुध और शुक्र की सप्तम भाव पर दृष्टि होगी। दो शुभ ग्रहों की विवाह, जीवनसाथी के भाव, सातवें पर दृष्टि दाम्पत्य जीवन में मिश्री घोलेगी। पति-पत्नी में प्रेम और आकर्षण बढ़ेगा। उनमें आपसी तालमेल बहुत अच्छा रहेगा और एक दूसरे को सहयोग करेंगे। किसी रोमांटिक जगह पर जा सकते हैं। इससे मन प्रसन्नचित्त रहेगा। 6 सितंबर को मंगल की दृष्टि प्रथम भाव पर होगी, जो व्यक्ति के जन्म और स्वभाव का भाव होता है। इसके कारण पति-पत्नी का आपसी तालमेल थोड़ा गड़बड़ा सकता है। 17 सितंबर को सूर्य भी प्रथम भाव पर दृष्टि डालेंगे, जिस पर पहले से ही मंगल की दृष्टि है। दो गर्म ग्रहों के इस भाव को देखने के परिणामस्वरूप दाम्पत्य जीवन में कलह पैदा हो सकता है। किसी बात को लेकर झगड़ा हो सकता है। आपको अहंकार से बचना होगा। यह समय अपने व्यवहार पर भी ध्यान देने का है, अन्यथा जीवनसाथी के साथ कटुता बहुत बढ़ सकती है।
सलाह: 1-शनिवार के दिन चींटियों को आटा डालें। साथ ही मछलियों को दाना डालना शुभ रहेगा। 2- कुँवारी कन्याओं को हरे रंग की चूड़ी दान करें । 3- लक्ष्मी नारायण की पूजा करें । 4- बुध के बीज मंत्रों का जाप करें ।( ॐ ब्रां ब्रीं ब्रों सः बुधाय नमः।
सामान्य: कन्या राशि के जातकों के लिए सितंबर माह कुल मिलाकर औसत से बेहतर रहेगा। कुछ क्षेत्रों में तो आपका जीवन बहुत अच्छा रहेगा, लेकिन कुछ क्षेत्रों में आपको सतर्क रहने की आवश्यकता होगी। करियर के लिहाज यह माह नौकरीपेशा जातकों के लिए अनुकूल नहीं है, तो व्यवसाय करने वाले जातकों के लिए माह का पूर्वार्ध अच्छा नहीं रहेगा। लेकिन उत्तरार्ध व्यवसाय से जुड़े लोगों के लिए बहुत अच्छे फल देने वाला होगा। सामान्य विद्यार्थियों की शिक्षा में व्यवधान आ सकते हैं, लेकिन टेक्निकल शिक्षा से जुड़े छोत्रों के लिए समय अच्छा रहेगा। उच्च शिक्षा से जुड़े छात्रों और विदेश में पढ़ाई करने के इच्छुक छात्रों के लिए भी ग्रह-गोचर अनुकूल हैं। पारिवारिक जीवन बहुत संतोषजनक रहेगा। परिवार का सुख मिलेगा। घर में सुख-शांति रहेगी। प्रेमियों के लिए जरूर समय शुरू में थोड़ा चुनौतीपूर्ण रहेगा, लेकिन उत्तरार्ध में अच्छी खबर मिल सकती है। वहीं विवाहित जातकों का दाम्पत्य जीवन माह के पूर्वार्ध में बहुत उत्तम रहेगा, लेकिन उत्तरार्ध में संबंधों में कुछ समस्याएं आ सकती हैं। इस महीने आपकी आर्थिक स्थिति शानदार रहने की संभावना है। नए तरीकों से धन अर्जित करने के योग हैं और भाग्य का पूरा साथ मिलेगा। स्वास्थ्य की दृष्टि से यह माह आपके लिए थोड़ा हल्का रहेगा। सेहत के लिहाज से ग्रहों की दशा अनुकूल नहीं है, तो आपको थोड़ा सावधान रहना होगा।
वित्त: कन्या राशि के जातकों के लिए सितंबर का महीना आर्थिक दृष्टि से बहुत अच्छा रहने वाला है। न्यायप्रिय ग्रह शनि की दृष्टि आय के भाव एकादश पर होने के साथ-साथ धन के भाव द्वितीय भाव पर भी है। शनि की यह स्थिति आय के स्रोत प्रदान करती है। यानी आय के नियमित स्रोतों के अलावा नए स्रोत भी बन सकते हैं। व्यापार, स्वरोजगार में लाभ के अतिरिक्त मौके बन सकते हैं। नौकरीपेशा लोगों के वेतन और भत्तों में वृद्धि हो सकती है। अच्छे काम के लिए इन्सेंटिव मिल सकता है। घर-परिवार के किसी बुजुर्ग से धन प्राप्त हो सकता है। कोई ऐसा पैसा वापस मिल सकता है, जिसकी उम्मीद आपने छोड़ दी थी। धन संचय करने में भी सफलता मिल सकती है। 15 सितंबर के बाद देवगुरु भी आपकी आमदनी बढ़ाने में मदद करेंगे। आय की स्थिति पहले से भी बेहतर हो जाएगी। राहु आपकी कुंडली के नवम भाव में है, जो भाग्य का भाव होता है। राहु की इस दशा के परिणामस्वरूप आप नए तरीकों से धन कमाने का प्रयास करेंगे और इसमें आपको भाग्य की मदद भी मिलेगी। इस माह आमदनी के योग तो बहुत अच्छे हैं ही, लेकिन माह की शुरुआत में खर्चों में कुछ वृद्धि हो सकती है। दरअसल माह की शुरुआत में दो गर्म ग्रहों मंगल और सूर्य की उपस्थिति आपके द्वादश भाव में है, जो व्यय का भाव होता है। इसके कारण आकस्मिक खर्च बढ़ सकते हैं, लेकिन चिंता की कोई बात नहीं है। यह स्थिति ज्यादा समय तक नहीं रहेगी। ग्रह-गोचर में परिवर्तन होगा और समय पूरी तरह आपके अनुकूल हो जाएगा।
मित्र एवं परिवार: कन्या राशि वालों के लिए यह माह पारिवारिक जीवन की दृष्टि से अच्छा रहेगा। परिवार के सदस्यों में तालमेल बहुत अच्छा रहेगा। एक दूसरे के साथ सहयोग की भावना रहेगी। आपस में प्रेम भाव भी खूब रहेगा, जिससे परिवार का माहौल खुशनुमा रहेगा। परिवार में कोई आयोजन भी हो सकता है, जिससे प्रसन्नता में और वृद्धि हो सकती है। हालांकि आपकी कुंडली के ग्रह-गोचर इस बात का भी संकेत करते हैं कि इस सुख में थोड़ा खलल भी पड़ सकता है। आपके भाई-बहनों को स्वास्थ्य से जुड़ी कुछ परेशानियां हो सकती हैं। लेकिन यह कोई ज्यादा चिंताजनक बात नहीं होगी, बस उनका थोड़ा-सा ध्यान रखें और इस अच्छे समय का आनंद लें।
तुला:
स्वास्थ्य: स्वास्थ्य के दृष्टिकोण से बात की जाए, तो सितंबर का महीना मिश्रित फल देने वाला रहेगा। पूर्वार्ध अपेक्षाकृत अच्छा रहेगा। उत्तरार्ध में सूर्य और मंगल तथा बुध तीनों द्वादश भाव में होंगे। जहां से वे रोग के भाव छठे भाव को देख रहे होंगे। इसके साथ ही वक्री वृहस्पति और शनि चतुर्थ भाव में होंगे। अष्टम भाव में राहु बैठे हैं। इससे कुल मिलाकर आपके स्वास्थ्य के लिहाज से परेशानी की बात हो सकती है। हालांकि शुक्र अपनी राशि में बैठे होंगे, इससे कुछ बचाव होगा। वृहस्पति की पंचम दृष्टि अष्टम भाव पर रहेगी, तो राहु का प्रकोप भी शांत रहेगा। इसलिए स्वास्थ्य समस्याएं कुछ आएंगी, लेकिन बहुत अधिक परेशानी वाली नहीं होंगी। पित्त या पेट से जुड़ी परेशानी हो सकती है। एसिडिटी, गैस, अपच आदि की परेशानी रह सकती है। खानपान का ध्यान रखें। संतुलित जीवनचर्या बनाए रखना आवश्यक है।
कैरियर: करियर और कामकाज के दृष्टिकोण से सितंबर का महीना आपके लिए कुल मिलाकर अनुकूल ही रहने वाला है। चतुर्थ भाव में बैठे शनि की पूरे महीने दशम भाव पर सीधी दृष्टि रहेगी। यह नौकरीपेशा लोगों के लिए परिश्रम से अच्छी सफलता का समय है। आपके बाहुबल, आपके पुरुषार्थ से ही काम बनेंगे। मेहनत से पीछे न हटें, सफलता मिलेगी। महीने का उत्तरार्ध, पूर्वार्ध से ज्यादा अच्छा साबित होगा। 15 सितंबर को वृहस्पति वक्री चाल से चतुर्थ भाव में आ जाएंगे और वहां से वह शनि के साथ दशम भाव को देखेंगे। इससे नौकरीपेशा लोगों के लिए परिस्थितियां ज्यादा अनुकूल हो जाएंगी। कामकाज में मन लगेगा। मान-प्रतिष्ठा बढ़ेगी। कारोबार-व्यापार करने वालों के लिए आय के स्रोत बने रहेंगे। उनके लिए महीने का पूर्वार्ध, उत्तरार्ध की तुलना में ज्यादा अच्छा रहेगा। यदि विदेशी स्रोत से आय होती है तो उत्तरार्ध में कुछ परेशानियां आ सकती हैं। अपने काम को तयशुदा समय पर पूरा करने का प्रयास करें, अन्यथा कुछ परेशानी हो सकती है।
प्रेम / विवाह / व्यक्तिगत संबंध: प्रेम संबंधों के लिहाज से सितंबर का महीना खट्टे-मीठे दोंनों तरह के अनुभवों से भरा रह सकता है। पंचम भाव में वृहस्पति विराजमान हैं। यह तो प्रेमभाव के लिए बहुत अच्छा माना जाएगा, लेकिन सूर्य मंगल की दृष्टि भी पंचम पर है। वृहस्पति के प्रभाव से प्रेम संबंधों में मधुरता आएगी। एक दूसरे के प्रति सामंजस्य रहेगा। आपसी तालमेल भी बना रहेगा, लेकिन सूर्य-मंगल विवाद को उकसाएंगे। बेवजह की और मामूली बात पर कहासुनी हो सकती है। पर वृहस्पति के प्रभाव से आप अपने बुद्धि-विवेक से किसी भी तरह की अनबन या मतभेदों को बहुत सहजता के साथ सुलझा लेने में सफल रहेंगे। आपको थोड़ा सा सावधान रहने की जररूत 15 सितंबर के बाद होगी, क्योंकि वृहस्पति राशि परिवर्तन कर लेंगे। हालांकि मंगल और सूर्य का भी राशि परिवर्तन होगा। मंगल पहले सप्ताह में और सूर्य उत्तरार्ध में राशि परिवर्तन करेंगे। पंचम पर से उनका प्रभाव भी कम होगा, पर दो उग्र ग्रह आपको आक्रोशित करके रंग में भंग डाल सकते हैं। इसलिए थोड़ा संयमित रहें। यदि प्रेम संबंधों को विवाह में बदलने की इच्छा रखते हैं, तो उत्तरार्ध इसके लिए उत्तम समय है। विवाहित जातकों के लिए महीने की शुरुआत अच्छी रहेगी। जीवनसाथी के साथ सहयोग सामंजस्य बेहतर बना रहेगा। जीवनसाथी का भरपूर सहयोग मिलेगा। उत्तरार्ध में दाम्पत्य जीवन में कुछ समस्याएं आ सकती हैं। किसी बात को लेकर एक दूसरे के प्रति अविश्वास की भावना पैदा हो सकती है। आपसी क्लेश हो सकता है। मन को शांत रखें और टकराव से बचें। जीवनसाथी का स्वास्थ्य भी खराब हो सकता है। इसको लेकर भी सावधान रहने की जरूरत है। उपचार आदि को लेकर लापरवाही न करें।
सलाह: 1 -प्रतिदिन भगवान विष्णु की उपासना करें और हो सके तो श्री विष्णु सहस्रनाम स्तोत्र का पाठ करें। 2- ‘ऊं नमो भगवते वासुदेवाय’ का जप करें, मंदिर में दर्शन-पूजन को जाएं। 3- बड़े-बुजुर्गों का आशीर्वाद लें। 4- घी का दीपक जला कर दुर्गा चालीसा का पाठ करें ।
सामान्य: सितंबर का महीना आपके लिए एक औसत महीना रहने वाला है। न बहुत ज्यादा उमंग न कोई बड़ी परेशानी। मिला-जुलाकर ठीक ठाक समय रहेगा। करियर और कामकाज की बात करें तो समय ठीक है। आय के स्रोत बने रहेंगे। व्यापार/कारोबार सुचारू रूप से चलेगा। नौकरीपेशा लोगों के लिए समय अच्छा है। पठन-पाठन के दृष्टिकोण से बात करें तो समय कुल मिलाकर अनुकूल रहेगा। घर-परिवार में वैसे तो सब अच्छा रहने की उम्मीद है, लेकिन बाहरी लोगों से सतर्क रहने की जरूरत है। घर में फूट डालने की कोशिश आपके शत्रु करेंगे। सामंजस्य बनाए रखें तो कोई गलतफहमी पैदा नहीं हो सकती। धन-धान्य सुलभ रहेगा। आमदनी होती रहेगी, लेकिन दिखावे की चीजों पर आपका खर्च भी बढ़ सकता है। विलासिता की चीजों पर खर्च करने की प्रवृत्ति रहेगी। प्रेम संबंधों के लिए समय थोड़ा परेशानी भरा हो सकता है। आपको अपने बुद्धि-विवेक से काम लेना है और संबंधों में मिठास बनाए रखने के अतिरिक्त प्रयास करने होंगे। दाम्पत्य जीवन भी सहज रहेगा। सेहत आदि को लेकर भी कोई ऐसी बड़ी चिंता-परेशानी की बात नहीं दिखती।
वित्त: आर्थिक दृष्टिकोण से सितंबर का महीना अनुकूल रहने की उम्मीद की जा सकती है। सूर्य और मंगल आय के भाव एकादश में स्थित हैं और वृहस्पति की एकादश पर दृष्टि है। इससे आमदनी में वृद्धि होगी। धनागमन के स्रोत खुलेंगे और लाभ की स्थिति बनी रहेगी। आप अपनी मेहनत अपने प्रयास के बदौलत आय के नए स्रोत खड़े करने में सक्षम होंगे। शासन-सत्ता का सहयोग मिलेगा। यदि आपका व्यापार सरकारी क्षेत्र से जुड़ा है, तो उसके लिए पूर्वार्ध विशेषकर लाभदायक रहेगा। वृहस्पति की दृष्टि होने से आपके काम सही मार्ग से पूरे होंगे। आपको किसी गलत रास्ते को अपनाने की जरूरत नहीं होगी। सूर्य और मंगल आपको इसके लिए उकसा सकते हैं। आप इसका ध्यान रखें, क्योंकि जब काम ऐसे ही बन सकता है तो बेवजह की चीजों को क्या मतलब। बुध और शुक्र व्यय के भाव द्वादश में स्थित हैं। इससे आपके खर्चों में भी अधिकता रहेगी। दिखावे की चीजों के लिए खर्च करने की प्रवृत्ति रहेगी। इसको लेकर सावधान रहें। लेकिन सितंबर के पहले सप्ताह में ही शुक्र राशि परिवर्तन करके प्रथम भाव में आ जाएंगे। इससे विलासिता पर खर्च करने की प्रवृत्ति में कमी आएगी। 22 सितंबर को बुध भी प्रथम भाव में आ जाएंगे, इससे खर्चों में और कमी आने की संभावना तो है, लेकिन उत्तरार्ध में सूर्य और मंगल आपके आय के भाव को त्यागकर खर्च के भाव द्वादश में पहुंच जाएंगे। इससे आमदनी में गिरावट हो सकती है। खर्चों की अधिकता हो सकती है। किसी के साथ वाद-विवाद के कारण कोई दंड या जुर्माना भरना पड़ सकता है। सतर्क रहें।
मित्र एवं परिवार: पारिवारिक सुख के भाव चतुर्थ भाव में शनि विराजमान हैं। इससे आप पारिवारिक जीवन को लेकर संजीदा रहेंगे। अपनी जिम्मेदारियों का अहसास भी रहेगा। काम में व्यस्तता के चलते घर-परिवार से दूर भी जाना पड़ सकता है। परिवार को पूरा समय न दे पाने के कारण परिजनों को कुछ शिकायत रह सकती है। फिर भी कुल मिलाकर पारिवारिक जीवन शांतिपूर्ण रहने की उम्मीद है। दूसरे भाव में केतु की उपस्थिति है। इससे किसी बाहरी व्यक्ति के प्रभाव में कुटुंब में कुछ मतभेद या तनातनी हो सकती है। इसको लेकर सतर्क रहने की जरूरत है। किसी भी तरह के मतभेद को मनभेद में न परिवर्तित होने दें। आपसी बातचीत से समस्याओं को सुलझाएं और आप इसमें सफल भी होंगे। भाई-बहनों के साथ सामंजस्य बनाने के आपके प्रयास सफल होंगे। भाई-बहनों से लाभ भी हो सकता है। परिवारजनों के साथ मेल-मिलाप का भी अवसर मिलेगा। माताजी के स्वास्थ्य का ध्यान रखें।
वृश्चिक:
स्वास्थ्य: स्वास्थ्य को लेकर सितंबर का महीना आपके लिए कुल-मिलाकर चिंता-परेशानियों से मुक्त रहने वाला होगा। शरीर स्वस्थ रहेगा। कामकाज में मन लगेगा। सेहत से जुड़ी किसी प्रकार की किसी परेशानी की आशंका कम है। मौसम में बदलाव के कारण होने वाली कुछ छोटी-मोटी परेशानियां हो सकती हैं, लेकिन वे कोई चिंता की स्थिति नहीं खड़ी करने वालीं। मौसम में बदलाव होगा, इसलिए खान-पान का विशेष ध्यान रखें। खासतौर से उत्तरार्ध में आपको ध्यान देने की जरूरत होगी। संतुलित जीवनचर्या का पालन करना आवश्यक है। संतान को छोटी-मोटी बीमारी हो सकती है। फोड़े-फुंसी या बुखार आदि की परेशानी संतान को हो सकती है।
कैरियर: कामकाज और करियर के दृष्टिकोण से सितंबर का महीना आपके लिए उत्साहजनक रहने वाला है। कर्मभाव यानी दशम भाव में सूर्य और मंगल विराजमान हैं, साथ ही वक्री वृहस्पति की दृष्टि भी है। सूर्य और मंगल के लिए यह भाव दिग्बल वाला भी माना जाता है यानी दशम भाव में वे उन्हें विशेष बल मिल जाता है। इसलिए चाहे नौकरीपेशा हों या स्वरोजगार करने वाले या फिर व्यापार-व्यवसाय करने वाले, अपने काम में आपका भरपूर मन लगेगा। परिश्रम और मनोयोग से प्रयास करेंगे और लाभ भी होगा। धनागमन होगा। सबका सहयोग प्राप्त होगा और लाभ के नए अवसर खुलेंगे। यदि सरकारी क्षेत्र में काम करते हैं या फिर सरकार के सहयोग से आपका रोजगार चलता है तो आपके लिए सफलता का अवसर है। कामों में अगर पहले कोई अड़चन आ रही थी तो वह दूर हो जाएगी। शासन-सत्ता का सहयोग मिलेगा। नौकरीपेशा लोगों के लिए लाभ के अवसर बनेंगे। प्रमोशन आदि की बात हो सकती है। धनलाभ होगा। वैसे इस महीने का पूर्वार्ध ज्यादा आनंददायक रहने वाला है। उत्तरार्ध में सूर्य, मंगल और वृहस्पति तीनों ही राशि परिवर्तन कर चुके होंगे। इसलिए विशेष लाभ जितने पूर्वार्ध में मिल रहे थे, उतने की उत्तरार्ध में आशा नहीं की जा सकती। कारोबार-व्यापार करने वालों के लिए भी समय लाभ का है। अचानक लाभ के योग बनेंगे। सप्तम भाव में राहु विराजमान हैं। वे आपको व्यापार में चतुराई और सारे तिकड़मों से जोड़े रखकर लाभ कराएंगे। लेकिन एक आशंका यह भी है कि आप किसी गलत व्यापारिक काम में फंस जाएं। कोई मोटे लाभ का लालच दिखाकर आपको गलत दिशा की ओर खींच सकता है। इससे बहुत सावधान रहें। अपने परिवार के बड़े-बुजुर्गों के साथ परामर्श किए बिना कोई बड़ा निर्णय न करें, अन्यथा आपके लिए मुश्किलें आ सकती हैं।
प्रेम / विवाह / व्यक्तिगत संबंध: प्रेम संबंधों के लिहाज से सितंबर का महीना चुनौती भरा रहने वाला है। इस महीने आपको संबंधों में अचानक उतार-चढ़ाव देखने को मिलेंगे। जो जातक प्रेम संबंधों में हैं, उन्हें खट्टे-मीठे अनुभव होते रहेंगे। सितंबर के पहले सप्ताह में शुक्र और बुध दोनों ही एकादश भाव में बैठकर पंचम भाव को देख रहे हैं। इससे प्रेम संबंधों में बहुत मधुरता रहेगी। प्रियतम के साथ सामंजस्य का उच्च स्तर देखने को मिलेगा। आप लव बड्र्स की तरह जीवन का आनंद ले रहे होंगे। घूमने-फिरने और साथ में समय बिताने का अवसर मिलेगा। कुल मिलाकर, आपके लिए यह समय इतना आनंददायक होगा कि आप इस समय को रोक लेना चाहेंगे। पर समय रूकता तो नहीं है। आपके प्रेम के लिए भी समय अब मीठे से खट्टे अनुभव वाला होने जा रहा है। 6 तारीख को शुक्र राशि परिवर्तन करके द्वादश भाव में चले जाएंगे। इस तरह उनकी शुभता का जो लाभ मिल रहा था, वह खत्म हो जाएगा। शुक्र विलासिता और शृंगार के भी कारक हैं। उनके कारण आप रोमांटिक मूड में थे। उनकी जगह 7 सितंबर को एकादश भाव में प्रवेश होगा मंगल का, जो स्वभाव में शुक्र के ठीक उलट हैं। शुक्र मूड को रोमांटिक रखते हैं, तो मंगल उग्र, लड़ाई-झगड़े, कहासुनी और बहसबाजी के लिए हर समय तैयार। बुध के साथ परेशानी है कि वह जिस ग्रह के साथ होते हैं, उसके स्वभाव को अपना लेते हैं। यानी प्रेम के लिए परीक्षा की घड़ी आ जाएगी। प्रेमी युगल के बीच कितना प्रेम था, प्रेम में सच्चाई और आपसी भरोसा कितना था, सबकी परख हो सकती है। जो जातक प्रेम संबंधों के जीवन में दस्तक देने की प्रतीक्षा कर रहे थे, उनके लिए भी निराशा हो सकती है। इसलिए सोच-समझकर व्यवहार करें। शादीशुदा लोगों के लिए भी यह महीना मिले-जुले प्रभाव वाला रहेगा। सितंबर का उत्तरार्ध, पूर्वार्ध से बहतर होगा जब वृहस्पति वक्री गति से गोचर करते हुए तृतीय भाव में पहुंचेगे और वहां से सप्तम भाव को देख रहे होंगे। सप्तम में राहु की उपस्थिति वैसे तो विवाहित जातकों के लिए थोड़ी परेशानी पैदा करने वाली है पर चीजें आपे से बाहर नहीं जाने वाली। जीवनसाथी के बर्ताव में बदलाव दिख सकता है। आपके लिए जीवनसाथी के मूड को समझना थोड़ा मुश्किल हो सकता है और इससे कुछ तनाव होने की भी आशंका है लेकिन आप समझदारी से इन समस्याओं का हल करने में भी समर्थ होंगे। जीवनसाथी के स्वास्थ्य का ध्यान रखें।
सलाह:
आपको गणेश जी की प्रतिदिन उपासना करनी चाहिए। उन्हें दूर्वा और लड्डू अर्पित करें।
'ॐ गं गणपतये नम:' मंत्र का यथासंभव जप करें।
सुंदरकांड का पाठ करें या घर में नित्य दिन सुने ।
हनुमान सिंदूर का टीका लगाएं ।
सामान्य: सितंबर का महीना आपके लिए औसत से बेहतर रहने वाला है या कहें कि अनुकूल रहने वाला है। कामकाज के लिहाज से यह महीना उत्साहजनक रहेगा। आप लक्ष्य प्राप्ति के लिए सजग होकर प्रयास करेंगे और लाभ भी होगा। पठन-पाठन के दृष्टिकोण से भी सितंबर सफलतादायक रह सकता है। आर्थिक दृष्टि से भी समय उत्तम है। धनागमन होता रहेगा, जिससे मन प्रसन्न रहेगा। पारिवारिक सुख भी आपको भरपूर मिलेगा। बस थोड़ा वाणी को लेकर आपको सचेत रहने की जरूरत है, फिर तो सब मंगलमय रहेगा। प्रेम संबंधों में थोड़ी परेशानी की आशंका है। प्रेम की गाड़ी हांकने के लिए आपको अपने बुद्धि, विवेक का प्रयोग करना होगा। दाम्पत्य जीवन के लिए भी कुल मिलाकर समय ठीकठाक ही रहेगा। स्वास्थ्य संबंधी कोई परेशानी होने की आशंका नहीं है। कुल मिलाकर, आप सितंबर के महीने में आनंदपूर्वक जीवन बिताने में समर्थ होंगे।
वित्त: आर्थिक मोर्चे पर बात करें, तो सितंबर का महीना आपके लिए बहुत उत्साहजनक रहने वाला है। महीने की शुरुआत बहुत उत्तम होगी। आय भाव में शुक्र और बुध दो-दो शुभ ग्रह बैठे हैं। इससे आपके लिए आय के स्रोतों से अच्छा धनागमन होता रहेगा। कारोबार-व्यापार करने वालों के लिए तो विशेष रूप से लाभ की स्थिति रहेगी। स्त्रियों से जुड़ी चीजों, सौंदर्य प्रसाधनों, विलासिता आदि का कारोबार करने वालों को लिए विशेष लाभ रहेगा। हालांकि शुक्र 6 सितंबर को राशि परिवर्तन करके आपके व्यय भाव में चले जाएंगे। इससे दिखावे पर खर्चे की प्रवृत्ति बढ़ेगी। आपने पिछले दिनों जो पैसा कमाया है, उसे फिजूल की चीजों पर, विलासित पर खर्च करने की लालसा रहेगी। इस बात का ध्यान रखें। मंगल भी 6 सितंबर को एकादश में आ जाएंगे। इससे आप अपने पराक्रम, अपने परिश्रम से अतिरिक्त आय प्राप्त करने में सक्षम होंगे। आय का कोई पुराना स्रोत जो आपके आलस्य या मेहनत से भागने के कारण रुका हुआ था, उसे भी आप सक्रिय करने में समर्थ होंगे। आमदनी में वृद्धि होगी। नौकरीपेशा लोगों के लिए मंगल का एकादश में आना विशेष लाभदायक होगा। प्रॉपर्टी का कारोबार करने वालों के लिए भी लाभ की स्थिति बनेगी। उसके बाद 17 सितंबर को सूर्य का भी एकादश भाव में प्रवेश हो रहा है। इससे आय की स्थिति और अच्छी हो जाएगी। नौकरीपेशा लोगों, खासकर सरकारी नौकरी करने वालों के लिए लाभ के अवसर रहेंगे। मान-सम्मान होगा। यदि सरकारी ठेके आदि लेते हैं तो आपके लिए समय बहुत अनुकूल रहने वाला है। सरकार के पास रुका हुआ धन प्राप्त हो सकता है। जीवनसाथी के लिए खर्च करने की इच्छा होगी। कोई महंगा उपहार आदि या वाहन आदि की खरीद हो सकती है।
मित्र एवं परिवार: पारिवारिक सुख के दृष्टिकोण से बात करें तो सितंबर का महीना आपके लिए औसत से बेहतर रहने वाला है। महीने की शुरुआत में पारिवारिक सुख के भाव चतुर्थ में देवगुरु वृहस्पति विराजमान हैं। इससे घर-परिवार में आनंद का वातावरण रहेगा। निकट संबंधियों के साथ मेल-मुलाकात हो सकती है। परंतु दशम भाव में बैठे मंगल और सूर्य की दृष्टि भी चतुर्थ भाव पर है। मंगल की दृष्टि आपकी लग्न राशि पर भी है। इससे परिवार में किसी बात को लेकर अचानक गरमागरमी और बहस हो सकती है। मंगल आपके स्वभाव को उग्रता दे रहे हैं। तो हो सकता है आपका आचरण बहुत ज्यादा प्रतिक्रियावादी हो और आपकी कड़वी वाणी से मामूली बात का भी बतंगड़ बन जाए। आपको विशेष रूप से सतर्क सावधान रहने की जरूरत है, अन्यथा शांति का माहौल बिगाड़ने का कलंक आप पर लग सकता है। जमीन-जायदाद या संपत्ति को लेकर भी कुछ कहासुनी हो सकती है। सारी बातें बड़े-बुजुर्गों को बीच में रखकर और शांत भाव से सुलझाने का प्रयास करें। 6 सितंबर को मंगल और 17 सितंबर को सूर्य राशि परिवर्तन करके एकादश भाव में चले जाएंगे। 15 सितंबर को वृहस्पति भी वक्री गति से गोचर करते हुए तीसरे भाव में चले जाएंगे। इससे घर परिवार के माहौल में तेजी से बदलाव आएगा। जो भी विवाद या मनमुटाव था, उसका प्रेम भाव से निपटारा हो जाएगा। परिजनों के बीच आपसी प्रेम और सामंजस्य बढ़ता दिखेगा। तीसरे भाव में शनि औह वृहस्पति दोनों के होने से भाई-बहनों के साथ सामंजस्य बनेगा। एक दूसरे के लिए प्रेमभाव और सहयोग की भावना रहेगी। परिवार के लोग कोई शुभ कार्य या धार्मिक आयोजन की योजना भी बना सकते हैं।
धनु:
स्वास्थ्य: स्वास्थ्य के दृष्टिकोण से बात की जाए तो सितंबर का महीना आपके लिए कुल मिलाकर अच्छा ही रहने वाला है। सेहत संबंधी किसी परेशानी के आसार तो नहीं दिखते। दैनिक जीवन सामान्य बना रहेगा। छठे भाव में राहु का होना थोड़ा-सा सचेत रहने के संकेत भी करता है। बासी भोजन आदि से आपको परहेज करना है। यह आपके स्वास्थ्य के लिए हानिकारक हो सकता है। बस खान-पान पर ध्यान रखें तो कोई खास परेशानी नहीं है। राहु संक्रामक रोग देते हैं, इसलिए वायरल आदि से बचना होगा। पर वह रोगों से लड़ने की ताकत भी बढ़ाएंगे, इससे आप रोगों पर विजय भी आसानी से प्राप्त कर लेंगे।
कैरियर: कामकाज और करियर के दृष्टिकोण से सितंबर का महीना आपके तिए बहुत उत्साहवर्धक रहने वाला है। महीने की शुरुआत बहुत अच्छी होने की संभावना है। आपकी मेहनत आपके प्रयासों को भाग्य का भरपूर साथ मिलने वाला है, तो आपके काम सरलता से बनेंगे। मन प्रसन्न रहेगा। पहले सप्ताह में बुध और शुक्र दोनों दशम भाव में होंगे। दशभ भाव बुध की राशि भी है और शुक्र उनके मित्र हैं। इससे आपके कामकाज में आने वाली सारी बाधाएं आपके व्यवहार आपकी बातचीत के तरीके से स्वत: दूर होती जाएंगी। इससे आपका उत्साह बहुत बढ़ा हुआ रहेगा। कामकाज में मन लगेगा। मानसिक तौर पर आप बहुत मजबूत महसूस करेंगे। बिजनेस-व्यापार करने वाले लोगों के लिए तो यह समय बहुत ही उत्तम है। धनागमन के पुराने स्रोतों से तो आय होती ही रहेगी, नए स्रोत भी खुलेंगे। शुक्र पहले सप्ताह में ही राशि परिवर्तन करके आपके लाभ भाव में पहुंच जाएंगे और धनामगन के स्रोत बनाए रखेंगे। सूर्य और मंगल आपके भाग्य भाव में बैठे हैं और आपके भाग्य को प्रबल कर रहे हैं। सूर्य की वह अपनी राशि भी है। कहने का मतलब है कि जो आप दो कदम बढ़ाएंगे तो चार कदम भाग्य की मदद से बढ़ सकता है। मंगल का पहले सप्ताह में ही राशि परिवर्तन हो रहा है। वे आपके दशम भाव में पहुंच जाएंगे। इससे आपके पराक्रम और प्रयासों में तेजी आएगी। आप अपने पुरुषार्थ के दम पर बहुत से काम सफल करा लेंगे। महीने के उत्तरार्ध में सूर्य भी दशम राशि में पहुंच जाएंगे। इससे स्थिति और अच्छी होगी। नौकरीपेशा लोगों के लिए मान-सम्मान प्रतिष्ठा का समय है। पदोन्नति के योग बनेंगे।
प्रेम / विवाह / व्यक्तिगत संबंध: प्रेम संबंधों के नजरिए से बात करें तो सितंबर महीने की शुरुआत सामान्य रहने वाली है। किसी तरह का कोई व्यवधान नहीं दिखता। प्रियतम के साथ संबंध सामान्य बने रहेंगे। परंतु 6 सितंबर से प्रेम जीवन के लिए आनंद का समय शुरू हो सकता है। शुक्र राशि परिवर्तन करके एकादश भाव में पहुंच जाएंगे और वहां से पंचम पर दृष्टि डालेंगे। इससे प्रेम संबंधों में मिठास आएगी। आप रोमांटिक मूड में रहेंगे। रिश्ते में मजबूती आएगी। प्रियतम के साथ समय बिताने, घूमने फिरने का अवसर मिलेगा। उपहार का लेन-देन होगा। सिनेमा आदि जाना या कहीं घूमने-फिरने का कार्यक्रम बन सकता है। कुल मिलाकर, आपका प्रेम जीवन रोमांस और मस्ती से भरा रहेगा। 22 सितंबर से प्रेम संबंधों में और मिठास आने वाली है। बुध गोचरवश एकादश में पहुंच जाएंगे और शुक्र के साथ पंचम भाव को देखेंगे। फिर तो आपके लिए समय बसंत जैसा आनंददायक हो जाएगा। बुध के प्रभाव से आपसी संवाद और सामंजस्य उच्च स्तर का होगा। जो जातक प्रेम संबंधों की प्रतीक्षा में हैं, उनके लिए ऐसा समय जाने दोबारा कब आए। इजहार कर देने का समय है। विवाहित जातकों के लिए भी अच्छा समय है। वृहस्पति की सप्तम भाव पर दृष्टि है। इससे दाम्पत्य जीवन में मधुरता बनी रहेगी। जीवनसाथी का भरपूर सहयोग मिलेगा। आपस में तालमेल बना रहेगा। घर-परिवार के साथ समय आपसी सद्भाव के साथ व्यतीत होगा और मन प्रसन्न रहेगा।
सलाह: 1-प्रतिदिन हनुमान चालीसा का पाठ करें और हनुमान जी के सामने चमेली के तेल का दीपक जलाएं। 2- हल्दी की माला से विष्णु भगवान के मंत्रों का जाप करें (ॐ नमः भगवते वासुदेवाय ) 3- पीली सरसों दान करें । 4- गाय के उपलों का घर में धूप करें ।
सामान्य: सितंबर का महीना आपके लिए उत्तम रहने वाला है। यह कामकाज, नौकरी आदि में सफलता दिलाने वाला महीना होगा। धन-धान्य की प्रचुरता रहेगी। आपका मान-सम्मान बढ़ेगा। भाग्य का पूरा साथ मिलेगा। आप अपने प्रयासों से पुराने लंबित कार्य पूरे कराने में सफल होंगे। समय उत्साह और आनंद में बीतेगा। पठन-पाठन के लिए भी समय बहुत अच्छा और सफलता का है। प्रेम संबंधों के लिए तो मधुमास जैसी स्थिति रहेगी। दाम्पत्य जीवन भी सुखमय बना रहेगा। घर-परिवार का साथ मिलेगा। भाई-बहनों के साथ समय व्यतीत करने का मौका मिल सकता है। कोई धार्मिक आयोजन में आप बढ़-चढ़कर हिस्सा ले सकते हैं। कुछ धार्मिक यात्राएं हो सकती हैं। स्वास्थ्य भी अच्छा बना रहेगा। संतान पक्ष से कोई खुशखबरी आ सकती है। कुल मिलाकर, यह महीना आपके लिए आनंद और सुख से भरपूर रहने वाला है।
वित्त: आर्थिक दृष्टिकोण से यह महीना आपके लिए बहुत आनंददायक, बहुत उत्तम रहने वाला है। धन-दौलत में वृद्धि होगी। एक से अधिक स्रोतों से आपको आय होगी। कोई पुराना रुका हुआ धन प्राप्त होने की संभावना बढ़ेगी। धन भाव में स्वराशि के शनि बैठे हैं। इससे आप धन संचय करने में भी समर्थ होंगे। लाभ के भाव एकादश में महीने के पहले सप्ताह में ही शुक्र का प्रवेश हो जाएगा। वह शुक्र की अपनी राशि है, इससे धनागमन भरपूर होता रहेगा। उत्तरार्ध में बुध भी वहां पहुंच जाएंगे। व्यापार-कारोबार के लिए तो यह विशेष सफलता का योग कहा जाएगा। थोड़े प्रयासों से भी अधिक धन उपार्जन हो सकता है। नवम भाव में सूर्य की स्थिति से मान-सम्मान में बढ़ोतरी होगी। किसी धार्मिक प्रयोजन के लिए आप खर्च करेंगे या किसी शुभ कार्य में आप आर्थिक योगदान देंगे। व्यय के भाव द्वादश में केतु बैठे हैं। यह आकस्मिकता का संकेत है। अचानक ही आपकी किसी चीज पर पैसे खर्च करने की इच्छा हो सकती है। हालांकि आप फिजूलखर्ची में नहीं पड़ेंगे। धर्म कार्यों पर खर्च होगा।
मित्र एवं परिवार: पारिवारिक जीवन के हिसाब से भी सितंबर का महीना कुल मिलाकर अच्छा रहने वाला है। महीने की शुरुआत में शुक्र और बुध की चतुर्थ भाव पर दृष्टि रहेगी। इससे माता-पिता का स्वास्थ्य उत्तम रहेगा। पारिवारिक जीवन में संतुष्टि रहेगी। मेल-जोल बना रहेगा। घर-परिवार में सुख-शांति की स्थिति रहेगी। कोई धार्मिक कार्य हो सकता है। हालांकि दूसरे भाव में स्वराशि के शनि भी बैठे हैं, इससे थोड़ी-बहुत चुनौतियां आ सकती हैं, लेकिन कोई खास परेशानी नहीं होनी चाहिए। किसी पुश्तैनी जमीन-जायदाद से कुछ लाभ हो सकता है। प्रॉपर्टी से पारिवारिक आय में बढ़ोतरी की संभावना है। महीने का पूर्वार्ध तो बहुत आनंददायक रहने वाला है, लेकिन उत्तरार्ध में कुछ खटपट हो सकती है, क्योंकि तब सूर्य और मंगल दोनों ही दशम भाव में बैठकर चतुर्थ को देख रहे होंगे। कोई वाद विवाद हो सकता है। किसी के साथ जमीन-जायदाद को लेकर लड़ाई-झगड़े की आशंका है, इसलिए मन को शांत रखते हुए उचित तरीके से विवाद का निपटारा करें। बल प्रयोग के बारे में सोचना ठीक नहीं है। महीने के पूर्वार्ध में भाई-बहनों को कोई समस्या हो सकती है, लेकिन उत्तरार्ध में बाई-बहनों के लिए भी उत्तम समय रहेगा। मिला-जुलाकर समय ठीक है, बस आपको अपने आवेश को नियंत्रण में रखना है।
मकर:
स्वास्थ्य: स्वास्थ्य के लिए सितंबर का महीना मिश्रित परिणाम दायक रहेगा। महीने की शुरुआत में मंगल और सूर्य का अष्टम भाव में होना सेहत के लिए कुछ चिंताजनक रहेगा। गैस, एसिडिटी जैसी पित्त जनित बीमारियां परेशान कर सकती हैं। मंगल का अष्टम भाव में होना रक्त संबंधी परेशानी भी दे सकता है। किसी तरह की चोट-चपेट की आशंका है। सड़क पर चलते समय विशेष सावधान रहें। दुर्घटना आदि की आशंका है। सर्जरी आदि भी संभावित है। इसलिए सावधानी अपेक्षित है। महीने के उत्तरार्ध में मंगल और सूर्य दोनों राशि परिवर्तन कर लेंगे और वृहस्पति भी आपकी राशि में आ जाएंगे। इससे स्वास्थ्य संबंधी परेशानियों का निवारण होने की संभावना है। आप प्रसन्न और स्वस्थ अनुभव करेंगे।
कैरियर: करियर के दृष्टिकोण से सितंबर का महीना उतार-चढ़ाव से भरा रह सकता है। कुछ चीजों को लेकर अचानक लाभ हो सकता है, तो वहीं कुछ काम बनते-बनते रूक सकते हैं। 17 सितंबर को कन्या राशि में सूर्य के जाने से नौकरीपेशा लोगों के लिए ट्रांसफर आदि की संभावना बनेगी। 15 सितंबर को वृहस्पति का गोचर मकर में होने से काम-धंधे के अच्छे परिणाम मिलने की संभावना है। कारोबार-व्यापार में तरक्की होगी। आय के स्रोत बने रहेंगे। 6 सितंबर से शुक्र का गोचर दशम भाव में होगा। मंगल की कन्या राशि में स्थिति काम बदलने पर विचार कर सकते हैं। 22 सितंबर को बुध के दशम भाव में जाने से करियर में पदोन्नति के योग हैं। सामाजिक जीवन में मान-सम्मान की प्राप्ति होगी। बिजनेस के लिए भी यह समय महत्वपूर्ण और फायदेमंद है।
प्रेम / विवाह / व्यक्तिगत संबंध: प्रेम संबंधों के लिहाज से बात करें तो यह महीना सुखद रहने की संभावना है। पंचम भाव का राहु आपको चतुराई वाक्पटुता देगा, इससे आप अपने प्रियतम को अपने प्रेम व्यवहार से प्रसन्न रखने में सक्षम होंगे। संबंधों में घनिष्ठता आएगी। प्रेम संबंधों में आ रही कुछ पुरानी दिक्कतों का निवारण होगा। उत्तरार्ध में प्रेम संबंधों के लिए समय और बेहतर हो जाएगा, क्योंकि वक्री गति से भ्रमण करते हुए वृहस्पति आपकी राशि में पहुंच जाएंगे और वहां से पंचम दृष्टि से देखते हुए आपके प्रेम संबंधों में मिठास लाएंगे। यह प्रियतम से नजदीकी बढ़ने का समय है। साथ में घूमने-फिरने, कहीं पिकनिक आदि पर जाने का अवसर मिल सकता है। वहीं मकर राशि के शादीशुदा जातकों के लिए यह समय उतार-चढ़ाव भरा रह सकता है। राशि में बैठे शनि सप्तम को दृष्टि दे रहे हैं, इससे आप आपने दाम्पत्य जीवन को लेकर उदासीन रह सकते हैं। जीवनसाथी के साथ कुछ खटपट हो सकती है। ससुराल पक्ष के लोगों से भी किसी बात को लेकर कहासुनी या झगड़े की आशंका है। पूर्वार्ध के मुकाबले उत्तरार्ध के बेहतर रहने की संभावना है, जब वृहस्पति आपकी राशि में आकर सप्तम भाव को दृष्टि देंगे। हालांकि वृहस्पति, शनि के साथ होंगे और वह उनकी नीच राशि है, इसलिए उतने प्रभावकारी नहीं होंगे। फिर भी राहत तो पहुंचाएंगे ही। विवादों का मिल-बैठकर निपटारा हो सकता है। आपसी सामंजस्य बढ़ेगा। मन प्रसन्न रहेगा।
सलाह: 1- शुक्रवार के दिन गौशाला जाकर गौ की सेवा करें या गौ माता को अपने हाथ से आटे की लोई खिलाएं। गौ सेवा से परेशानियों से राहत मिलेगी। 2- शनिवार को एक सिक्का तेल में डाल कर दान करें । 3- काली गाय को रोटी गुड़ दें। 4- माता की सेवा करें व उनके पाऊँ पर हाथ लगाकर आशीर्वाद लें ।
सामान्य: मकर राशि वालों के लिए सितंबर का महीना औसत रहने वाला है, न बहुत उल्लासपूर्ण और न बहुत परेशानी वाला है। कामकाज के लिहाज से यह महीना मिले-जुले प्रभाव वाला रह सकता है। कामकाज और करियर के लिए महीने का उत्तरार्ध बेहतर रहेगा। शिक्षा की दृष्टि से सितंबर बेहतर रहने वाला है। पठन-पाठन में मन लगेगा। पहली नौकरी की तलाश कर रहे जातकों को नौकरी मिल सकती है। पारिवारिक सुख के दृष्टिकोण से समय उतार-चढ़ाव वाला रहेगा। संपत्ति को लेकर कोई वाद-विवाद परिवार में हो सकता है। प्रेम संबंधों के लिए समय सुखमय और आनंद से भरा रहेगा, तो वैवाहिक जीवन में कुछ चुनौतियां आएंगी। सूझबूझ का परिचय देने की जरूरत होगी। स्वास्थ्य के दृष्टिकोण से पूर्वार्ध मुश्किल भरा रहेगा। पित्तजनित बीमारियों और चोट-चपेट की आशंका है। धन-दौलत के दृष्टिकोण से समय अच्छा रहेगा। धनागमन होगा। कारोबार/व्यवसाय में मन लगेगा।
वित्त: आर्थिक तौर पर सितंबर का महीना आपके लिए मिश्रित परिणाम देने वाला रहेगा। महीने के पूर्वार्ध में बुध और शुक्र का नवम भाव में गोचर आपके भाग्य में वृद्धि करने वाला और धनागमन कराने वाला है। किसी पैतृक संपत्ति से लाभ हो सकता है। इसके साथ ही वृहस्पति का भी दूसरे भाव यानी धन भाव में गोचर हो रहा है। धनागमन के साथ-साथ आप धन का संचय करने में भी सफल रहेंगे। अच्छे मार्ग से, अच्छे स्रोतों से धन का आगमन होगा। गलत स्रोतों से धनागमन के प्रयास उलटे पड़ सकते हैं। लेकिन मंगल और सूर्य महीने के पूर्वार्ध में अष्टम भाव में भी होंगे। ये बेवजह के खर्चे देंगे। कहीं किसी गलत जगह पैसा फंस सकता है। जुआ सट्टा आदि या फिर किसी गलत संपत्ति की खरीद में धन-हानि की आशंका है। इसको लेकर बहुत सतर्क रहने की जरूरत है। महीने का उत्तरार्ध कारोबार-व्यापार के लिए विशेष लाभदायक होगा। आप अपने उद्यम, अपने प्रयासों से आय के नए स्रोत खोलने में सक्षम होंगे। परिश्रम से आप भरपूर धन लाभ में सक्षम होंगे। भाग्य के साथ-साथ आपका बाहुबल भी आपके लिए समृद्धि बढ़ाने वाला होगा।
मित्र एवं परिवार: पारिवारिक जीवन के लिए दृष्टिकोण से सितंबर का महीना मिश्रित फलवाला रहेगा। यह समय उतार-चढ़ाव से भरा है, इसके लिए खुद को तैयार रखें। 6 सितंबर से मंगल के चतुर्थ भाव पर दृष्टि डालने और उससे पहले दूसरे भाव पर दृष्टि होने से पारिवारिक जीवन में आपको चुनौतियों का सामना करना पड़ सकता है। घर में किसी बात को लेकर लड़ाई-झगड़े की आशंका है। संपत्ति को लेकर कोई पुराना विवाद फिर से शुरू हो सकता है या कोई नया विवाद खड़ा हो सकता है। माता के स्वास्थ्य में कोई परेशानी आ सकती है। सूर्य के अष्टम भाव में होने से महीने का पूर्वार्ध पिता के स्वास्थ्य को लेकर चिंताजनक हो सकता है। उनकी सेहत को लेकर विशेष रूप से सचेत रहें।
कुंभ:
स्वास्थ्य: कुंभ राशि के जातकों के लिए स्वास्थ्य के लिहाज से भी यह महीना मिश्रित फल देने वाला रहेगा। मारक भाव सप्तम में दोनों गर्म ग्रह मंगल और सूर्य विराजमान हैं। महीने के पूर्वार्ध में अष्टम भाव में दो-दो शुभ ग्रह शुक्र और बुध बैठे होंगे तथा राशि स्वामी शनि भी द्वादश में हैं। यह स्थिति स्वास्थ्य के लिए अच्छी नहीं कही जाएगी। स्वास्थ्य को लेकर समस्याएं आती रहेंगी। हालांकि पूर्वार्ध में वृहस्पति राशि में होंगे, इसलिए वे स्थितियों को नियंत्रण में रखेंगे, पर आपको सावधान रहने की जरूरत है। यदि आवश्यक न हो तो यात्राएं टाल दें। यदि यात्रा करनी ही पड़े, तो सतर्क रहें। माह का उत्तरार्ध विशेष रूप से सावधान रहने का समय होगा, क्योंकि उत्तरार्ध में सूर्य और मंगल अष्टम भाव में होंगे। इससे सेहत को लेकर अचानक कोई परेशानी आ सकती है। अस्पताल आदि का चक्कर लग सकता है। वृहस्पति भी द्वादश में होंगे, तो इलाज पर पैसे भी खर्च करने पड़ सकते हैं।
कैरियर: कुंभ राशि के जातकों के लिए करियर और कामकाज के दृष्टिकोण से सितंबर का महीना अच्छा रहने की संभावना है। महीने का पूर्वार्ध बहुत आनंददायक रहने वाला है। नौकरीपेशा लोगों की कामकाज में तरक्की होगी। कार्यस्थल पर आपकी प्रशंसा होगी। मान-सम्मान बढेगा। पदोन्नति के प्रबल योग हैं। उत्तरार्ध में स्थितियां विपरीत हो सकती हैं। काम-काज में उतार-चढ़ाव हो सकता है। आपके विरोधी आप पर हावी होने का प्रयास कर सकते हैं। आपको चतुराई दिखाने की जरूरत है। स्थितियों का सामना तैश में आकर नहीं, सूझबूझ के साथ करें। व्यापार के लिए भी महीने का पूर्वार्ध उत्तम रहेगा। विभिन्न स्रोतों से आय होगी। प्रचुर धनागमन होगा, लेकिन उत्तरार्ध में स्थिति उतनी सुखद नहीं हो सकती है। लाभ होगा, पर उस स्तर का नहीं, जिसकी आपने आस लगाई है। 17 सितंबर को सूर्य के अष्टम भाव में जाने से कोई कानूनी विवाद खड़ा हो सकता है। अगर कोई पुराना कानूनी विवाद चल रहा है, तो आपको सतर्क रहने की जरूरत है। लोगों के साथ बात-व्यवहार में सतर्क रहें। बेवजह के विवादों से बचें, अन्यथा कोर्ट-कचहरी, थाना-पुलिस का चक्कर हो सकता है।
प्रेम / विवाह / व्यक्तिगत संबंध: जिन जातकों के प्रेम संबंध हैं, उनके लिए यह महीना अच्छा रहने वाला है। महीने की शुरूआत बढ़िया रहेगी। वक्री गुरु की दृष्टि पंचम भाव पर है। इससे प्रेम संबंधों में मधुरता आएगी। एक दूसरे के प्रति आकर्षण और बढ़ेगा। प्रियतम के साथ सामंजस्य बेहतर होगा, भरोसा बढ़ेगा। शादी-विवाह की बात आगे बढ़ सकती है। उत्तरार्ध में भी कोई परेशानी नहीं है, प्रेम भाव बना रहेगा, लेकिन देवगुरु वृहस्पति के राशि परिवर्तन कर लेने के कारण समय संभवत: उतना आनंददायक और उल्लास से भरा नहीं रह सकता है, जैसे पूर्वार्ध में था। जो अविवाहित जातक विवाह के इच्छुक हैं और विवाह आदि की बात चल रही है, उनका विवाह पक्का होने के योग हैं। कुंभ राशि के शादीशुदा जातकों की बात करें, सितंबर में उनके दाम्पत्य जीवन में उतार-चढ़ाव रहेगा। मंगल और सूर्य दोनों ही माह के पूर्वाध में सप्तम भाव में होंगे। इससे विवाहित जातकों के लिए माह का पूर्वार्ध संतोषजनक नहीं रहेगा। पति-पत्नी के बीच मामूली बातों पर भी तनातनी की स्थिति बन सकती है। एक दूसरे पर हावी होने की प्रवृत्ति रहेगी। हालांकि वृहस्पति की दृष्टि भी है, इसलिए लड़ाई झगड़े की नौबत को कोई न कोई संभाल भी लेगा। आपसी मतभेदों को दूर करने में परिवार के बुजुर्गों की मदद लें। जीवनसाथी का स्वास्थ्य खराब होने से भी चिंता रहेगी। हालांकि महीने के उत्तरार्ध में वृहस्पति का राशि परिवर्तन हो जाएगा तो मंगल और सूर्य भी सप्तम को छोड़ चुके होंगे। इससे झगड़ों का निपटारा होगा। पति-पत्नी में फिर से प्रेम भाव और सामंजस्य बनने लगेगा।
सलाह: 1- कष्टों से राहत पाने के लिए सरस्वती माता की उपासना करें और उन्हें पीले पुष्प अर्पित करें। 2- गंगाजल डाल कर नित्य प्रतिदिन स्नान करें। 3- काली उड़द को शनि मंदिर में दान करें या गरीबों को बांटे। 4- शनि चालीसा का पाठ करें ।
सामान्य: सितंबर का महीना कुंभ राशि के जातकों के लिए औसत फलदायक रहने वाला है। करियर और कामकाज के दृष्टिकोण से यह महीना अच्छा रह सकता है। काम में सफलता मिलेगी, मान-सम्मान बढ़ेगा। विद्यार्थियों के लिए भी समय सफलता वाला रह सकता है। पठन-पाठन में मन लगेगा। पारिवारिक जीवन के दृष्टिकोण से समय मिश्रित फलदायी रहेगा। काम के सिलसिले में भागदौड़ रहेगी, जिसके कारण घर-परिवार का भरपूर सुख नहीं मिल पाएगा। प्रेम संबंधों के लिए समय आनंददायक है। अविवाहितों के लिए विवाह प्रस्ताव आएंगे। दाम्पत्य जीवन में आपको बहुत सामंजस्य बनाने की जरूरत होगी, अन्यथा तनातनी से बात बिगड़ सकती है। धनागमन की बात करें, तो स्थिति थोड़ी कमजोर रहेगी। आपके आकस्मिक खर्चे बढ़ सकते हैं। कर्ज आदि लेने से, जहां तक हो सके, बचना बेहतर होगा। अगर स्वास्थ्य की बात करें, तो यह बहुत सावधान रहने का समय है। खासकर उन लोगों के लिए, जिनको पहले से कोई बीमारी है।
वित्त: आर्थिक दृष्टिकोण से अगर बात करें तो यह महीना आपके लिए उतार-चढ़ाव से भरा रहने वाला है। महीने के पूर्वार्ध में शुक्र और बुध दोनों छठे भाव में होंगे। इससे आपके आकस्मिक खर्चों में वृद्धि हो सकती है। व्यर्थ की चीजों में आपका पैसा फंस सकता है। लॉटरी-सट्टे के प्रति रूझान बढ़ सकता है। इससे आपको सावधान रहना है, क्योंकि यहां आपको निश्चित तौर पर नुकसान ही होने वाला है। यह समय आपके लिए जोखिम लेने का बिल्कुल भी नहीं है, इस बात को गाठ बांध कर रख लें। लेन-देन अगर बहुत ज्यादा आवश्यक न हो तो, न करें। जितना संभव हो, कर्ज लेने और देने से बचना है। शनि द्वादश में बैठे हैं, जो खर्च बढ़ाने वाली स्थिति है। साथ ही, पैसे को लेकर किसी से विवाद हो सकता है। 15 सितंबर से वृहस्पति भी द्वादश में आ जाएंगे। व्यय के भाव में शनि-वृहस्पति दोनों के होने से खर्च में वृद्धि हो सकती है। बजट बनाकर चलना जरूरी है, अन्यथा आपको कर्ज लेना पड़ सकता है। कर्ज लेने में सावधानी रखें। वेवजह उधार न लें, अन्यथा चुकाना मुश्किल हो सकता है।
मित्र एवं परिवार: पारिवारिक जीवन के लिए सितंबर का महीना मिश्रित परिणाम देने वाला साबित होगा। पारिवारिक सुख और माता का भाव माने जाने वाले चतुर्थ भाव में राहु के विराजमान होने से कामों में आपकी व्यस्तता रहेगी। काम-धंधे के सिलसिले में व्यर्थ की भागदौड़ भी हो सकती है, इसके चलते घर-परिवार से दूरी संभव है। माता के स्वास्थ्य को लेकर भी कुछ चिंता हो सकती है। 15 सितंबर को वक्री वृहस्पति के द्वादश भाव में जाने से चतुर्थ भाव पर उनकी दृष्टि होगी और शनि की दृष्टि दूसरे भाव पर होने से परिवार में कोई नई परेशानी आ सकती है। अचानक कोई नया खर्च सिर पर आ सकता है। इससे मन खिन्न होगा। घर-परिवार या जान-पहचान में किसी शादी-ब्याह में आप पर कुछ जिम्मेदारी आ सकती है। आपको खर्च भी करना पड़ सकता है। महीने के पूर्वार्ध में भाई-बहनों से लाभ होगा। भाई-बहनों के साथ सामंजस्य बना रहेगा, पर उत्तरार्ध में किसी बात पर कहासुनी हो सकती है। भाई-बहनों को सेहत से जुड़ी कोई छोटी-मोटी परेशानी भी हो सकती है। उनका ध्यान रखें।
मीन:
स्वास्थ्य: जहां तक स्वास्थ्य का प्रश्न है, आपको इस महीने में सतर्कता बरतने की जरूरत है। महीने की शुरुआत में छठे भाव में सूर्य और मंगल के होने से स्वास्थ्य को लेकर परेशानियां तो आएंगी, लेकिन आप उनका मजबुती से सामना भी कर लेंगे। वृहस्पति के भी पूर्वार्ध में द्वादश भाव में होने से अस्पताल आदि जाना पड़ सकता है। लेकिन आप हर परेशानी से आसानी से बाहर भी आ सकते हैं। महीने के उत्तरार्ध में विशेष सावधान रहने की जरूरत है। खासतौर से आखिरी सप्ताह में, जब शुक्र और बुध आठवें भाव में स्थित होंगे तथा सूर्य और मंगल सातवें भाव में। यह स्थिति स्वास्थ्य के लिए कष्टदायक हो सकती है। यात्रा आदि से परहेज करें। अपनी नियमित दिनचर्या को ठीक बनाए रखें।
कैरियर: कामकाज और करियर को लेकर यह महीना आपसे अतिरिक्त प्रयासों की अपेक्षा रखेगा। सफलता के लिए भागदौड़ और परिश्रम की बहुत जरूरत होगी। वृहस्पति के द्वादश में होने से काम के सिलसिले में यात्राएं हो सकती हैं। अधिक मेहनत और कम लाभ वाली स्थिति रहेगी, लेकिन आपको इसके लिए मानसिक तौर पर तैयार रहते हुए प्रयासों में कोई कमी नहीं आने देना है। ये प्रयास आगे चलकर फलीभूत होंगे। 15 सितंबर से वक्री गति से चलते हुए वृहस्पति एकादश भाव यानी आपके लाभ भाव में पहुंच जाएंगे। उसके बाद से स्थितियों में आंशिक तौर पर सुधार होने लगेगा। सूर्य और मंगल के छठे भाव में होने से आप कामकाज या नौकरी में अच्छा प्रदर्शन करने में सफल होंगे, हालांकि आपके शत्रु भी आप पर हावी होने का प्रयास कर सकते हैं। बहुत चतुराई दिखाने की जरूरत होगी। उत्तरार्ध में सूर्य और मंगल सप्तम में पहुंच जाएंगे, उस समय नौकरी में पदोन्नति की संभावना बनेगी। व्यापार/कारोबार के लिए पूर्वार्ध बहुत अच्छा रहने वाला है, क्योंकि शुक्र और बुध सप्तम भाव में होंगे। यदि आपका काम विदेशी लेन-देन पर आधारित है या उसका विदेश से किसी प्रकार का जुड़ाव है, तो पूर्वार्ध उसके लिए बहुत अच्छा रहने वाला है। विदेश से धनागमन हो सकता है। विदेशी संपर्कों से लाभ भी होगा। उत्तरार्ध में बुध और शुक्र अष्टम भाव में होंगे। वे आपको सट्टा आदि खेलने को प्रवृत्त कर सकते हैं। जोखिम भरे निवेश में जाने का मन हो सकता है। सावधान रहें अन्यथा पैसा डूब सकता है।
प्रेम / विवाह / व्यक्तिगत संबंध: प्रेम संबंधों के लिए समय उतार-चढ़ाव भरा रहेगा। महीने का पूर्वार्ध ज्यादा चुनौतियों भरा रहा सकता है। शनि की पंचम भाव पर दृष्टि है। इससे प्रेम संबंधों में जटिलता आ सकती है। किसी बात को लेकर गलतफहमी हो सकती है, जिसके कारण आपस में मतभेद हो सकता है। रिश्ते में ईमानदारी आवश्यक है। ईमानदारी की कमी दिखने से रिश्ते में दरार आने की आशंका रहेगी। इसको लेकर सतर्क रहें। आपस में संवाद भरपूर रखें और एक दूसरे का साथ दें। महीने का पूर्वाध आपके लिए समझदारी दिखाने का समय है। 15 सितंबर से वक्री वृहस्पति एकादश पहुंचकर पंचम को देख रहे होंगे, तो स्थितियों में सुधार आने लगेगा। मतभेद सुलझ सकते हैं। किसी पुराने साथी के जीवन में वापस लौटने की उम्मीद आप कर सकते हैं। इस बात की भी भरपूर संभावना है कि उसके साथ आपके विवाह की बात चल पड़े और विवाह होने की संभावना भी प्रबल दिखती है। जो जातक प्रेम संबंधों को विवाह में परिणत करना चाहते हैं, उनके लिए आदर्श समय है। प्रयास करें, सफलता मिलेगी। ऐसे अविवाहित जातक, जिनके प्रेम संबंध भले नहीं हैं, लेकिन विवाह को इच्छुक हैं, उनके विवाह की बात भी चल सकती है। विवाह पक्का भी हो सकता है। विवाहित जातकों के लिए यह उत्तम समय है। शुक्र और बुध की सप्तम भाव में उपस्थिति से दाम्पत्य जीवन शानदार रहेगा। जीवनसाथी के साथ प्रेमभाव और तालमेल बना रहेगा। लेकिन उत्तरार्ध में सूर्य और मंगल सप्तम भाव में पहुंचकर आपका मजा किरकिरा करने का प्रयास कर सकते हैं। जीवनसाथी के साथ किसी पुरानी बात को लेकर विवाद हो सकता है। दूरियां आ सकती हैं। इसलिए धैर्य से काम लें। जीवनसाथी के स्वास्थ्य को लेकर भी चिंता रहेगी।
सलाह: 1- प्रतिदिन बजरंग बाण का पाठ करें और मंगलवार के दिन हनुमान जी के दाहिने कंधे का टीका लगाएं। 2- भगवान विष्णु की पूजा करें । 3- गरीबों को भोजन खिला कर दक्षिणा स्वरूप विदा करें। 4- धार्मिक पुस्तकों को मंदिरों में दान करें ।
सामान्य: सितंबर का महीना आपके लिए औसत फल देने वाला रहेगा। उतार-चढ़ाव के साथ आपके काम बनेंगे। अतिरिक्त परिश्रम प्रयास की जरूरत होगी। पठन-पाठन के दृष्टिकोण से यह महीना ठीकठाक रहने वाला है। प्रतियोगी परीक्षाओं में सफलता मिलने की संभावना है। घर-परिवार में सुख-शांति रहेगी। प्रेम संबंधों के लिए समय चुनौतीपूर्ण है। पूर्वार्ध में आपको विशेष परेशानी हो सकती है। पुराना प्रेम जीवन में वापस लौटेगा। अविवाहित जातकों के विवाह की बात चलेगी। दाम्पत्य जीवन मिला-जुला रहेगा। धन-धान्य के लिहाज से समय थोड़ा खट्टे-मीठे अनुभव वाला रह सकता है। आय तो होगी, लेकिन खर्च भी बहुत होगा। सेहत को लेकर विशेष रूप से सतर्क रहने की जरूरत है। जिन जातकों को पहले से कोई बीमारी है, उन्हें बहुत सतर्क रहने की जरूरत है।
वित्त: आर्थिक तौर पर यह महीना आपके लिए सामान्य रहने की उम्मीद है। शनि की एकादश भाव में स्थिति है। वह शनि की अपनी राशि भी है। इसलिए आमदनी के योग तो बनेंगे, आय के स्रोतों से लाभ भी होगा, लेकिन सूर्य और मंगल महीने के पूर्वार्ध में छठे भाव में और वृहस्पति व्यय के भाव बारहवें भाव में होंगे। इससे अचानक खर्चों में बेतहाशा बढ़ोतरी हो सकती है। नए-नए खर्चे आने से मन चिड़चिड़ा हो सकता है। कर्ज लेने की प्रवृत्ति रहेगी, इसलिए आपको सावधानी रखनी चाहिए। महीने के उत्तरार्ध में सूर्य और मंगल के सप्तम भाव में जाने और से थोड़ा सुधार संभव है। वृहस्पति भी राशि परिवर्तन करके लाभ के भाव में पहुंच जाएंगे, तो खर्चों में कमी आएगी। साथ ही आय के स्रोतों में बरकत होगी, जिससे धन की स्थिति में सुधार होगा।
मित्र एवं परिवार: पारिवारिक सुख की बात की जाए तो सितंबर का महीना आपके लिए अच्छा रहने वाला है। चतुर्थ भाव के स्वामी बुध के सप्तम में विराजमान होने और वृहस्पति की चतुर्थ पर दृष्टि होने से महीने का पूर्वार्ध पारिवारिक जीवन के लिए शुभ रहेगा। परिवार के साथ समय बिताने के अवसर मिलेंगे। माता-पिता का आशीर्वाद प्राप्त होगा। यदि माता-पिता का स्वास्थ्य पहले से खराब चल रहा था, तो उसमें सुधार संभव है। परिवार के सदस्यों के बीच मेल-भाव बना रहेगा। परिवार में सुख-शांति का वातावरण रहेगा। तीसरे भाव में राहु के होने से आपको भाइयों से सुख प्राप्त होगा। उनका सहयोग मिलेगा और भाई-बंधुओं के सहयोग से कुछ रुके हुए काम पूरे हो सकते हैं। हालांकि आपके भाइयों को स्वास्थ्य से जुड़ी कुछ परेशानी या कोई मानसिक तनाव हो सकता है। उत्तरार्ध में वृहस्पति राशि परिवर्तन करके एकादश भाव में पहुंच जाएंगे और वहां से तृतीय भाव पर उनकी दृष्टि रहेगी। वृहस्पति की इस दशा से भाइयों की परेशानियों का भी समाधान हो जाएगा।
श्री रुक्खड स्वामी देवालय
पं.धर्मेंद्र दुबे खैरागढ
संपर्क सूत्र.8269680231
व्हाट्सप्.. 8225886486