The RAGNEETI is periodical magazine and the news portal of central India with the political tone and the noise of issues. Everything is in this RAGNEETI. info@ragneeti.co.in
Owner/Director : Bhagwat Sharan Singh
Office Address : New Bus Stand, Shiv Mandir Road, Khairagarh. C.G
मुख्यमंत्री ने गोधन न्याय योजना की 14वीं किश्त में 1.54 लाख से अधिक पशुपालकों के खाते में 4.94 करोड़ रूपए की राशि का किया अंतरण, गोधन न्याय योजना में अब तक 80.42 करोड़ रूपए का भुगतान
रायपुर. मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने आज गोधन न्याय योजना की 14वीं किश्त के रूप में प्रदेश के एक लाख 54 हजार 423 पशुपालकों के खाते में 4 करोड़ 94 लाख रूपए की राशि हस्तांतरित की। इसे मिलाकर गोधन न्याय योजना के अंतर्गत पशुपालकों को अब तक 80 करोड़ 42 लाख रूपए का भुगतान किया जा चुका है। मुख्यमंत्री ने आज विधानसभा के समिति कक्ष में कैबिनेट की बैठक के बाद पशुपालकों के खाते में 14वीं किश्त की राशि का अंतरण किया। उन्होंने इस अवसर पर कहा कि गोधन न्याय योजना सहित प्रदेश के गौठानों में मशरूम उत्पादन, कुक्कुट उत्पादन, मछली पालन, बकरी पालन, राइस मिल, कोदो-कुटकी और लाख प्रोसेसिंग जैसी विभिन्न गतिविधियों के माध्यम से हजारों लोगों को रोजगार मिला है। गौठानों में अधिक से अधिक आर्थिक गतिविधियां संचालित कर महिलाओं और ग्रामीणों को रोजगार से जोड़ने की आवश्यकता है। मुख्यमंत्री श्री बघेल ने कहा कि गौठानों को रूरल इंडस्ट्रियल पार्क के रूप में विकसित कर सुराजी गांव की कल्पना को हम साकार करेंगे।
मुख्यमंत्री ने कहा कि गौठानों में महिला स्व-सहायता समूहों द्वारा लगभग 6 लाख क्विंटल वर्मी कम्पोस्ट का उत्पादन किया गया है। आने वाले समय में वर्मी कम्पोस्ट का उत्पादन और बढ़ेगा। कुछ दिनों में वर्मी कम्पोस्ट का उत्पादन 12 लाख क्विंटल हो जाएगा। गौठानों में 65 हजार वर्मी टांकों में वर्मी कम्पोस्ट का उत्पादन किया जा रहा है। यदि साल भर में 20 लाख क्विंटल वर्मी कम्पोस्ट का उत्पादन होता है, तो अकेले वर्मी कम्पोस्ट का व्यापार 2 हजार करोड़ रूपए का होगा। वर्मी कम्पोस्ट के साथ यदि गौठानों में संचालित अन्य आर्थिक गतिविधियों को भी शामिल कर दिया जाए, तो गौठानों में होने वाले व्यापार का आकार और अधिक बढ़ जाएगा। श्री बघेल ने कहा कि गौठानों में महिला स्व-सहायता समूहों को लघु वनोपजों के प्रसंस्करण की गतिविधियों से जोड़ा जाना चाहिए। उन्होंने कहा कि गौठानों में तैयार वर्मी कम्पोस्ट सहित अन्य उत्पादित वस्तुओं के विक्रय की सक्रिय पहल की जानी चाहिए। सभी विभाग समन्वय के साथ गौठानों को विकसित करने में सहयोग दें।
कृषि मंत्री श्री रविन्द्र चौबे ने इस अवसर पर कहा कि गोधन न्याय योजना के अंतर्गत हर 15 दिन में गोबर खरीदी की राशि का भुगतान पशुपालकों और गोबर संग्राहकों को किया जा रहा है। गौठानों में तैयार वर्मी कम्पोस्ट के विक्रय के लिए सहकारिता सहित अन्य विभागों के साथ मिलकर कार्ययोजना तैयार कर ली गई है। उन्होंने कहा कि सभी जिलों में गौठानों में मल्टीयूटिलिटी सेंटर और उत्पादित वस्तुओं के विक्रय के लिए सीजी मार्ट विकसित किए जाएं। गौठानों में लगभग 8 हजार महिला स्व-सहायता समूहों की 59 हजार 942 महिलाएं विभिन्न आर्थिक गतिविधियां संचालित कर रही हैं। सरगुजा से बस्तर तक लघु वनोपजों के प्रसंस्करण के काम को भी गौठानों तक जोड़ा जाएगा। उन्होंने कहा कि जहां गौठान समितियां सक्रिय हैं, वहां अच्छा काम हो रहा है।
कृषि उत्पादन आयुक्त डॉ. एम.गीता ने कहा कि गौठानों में वर्मी खाद उत्पादन, मशरूम उत्पादन, सामुदायिक बाड़ी, मछली पालन, बकरी पालन, मुर्गी पालन, गोबर दीया, गमला, अगरबत्ती निर्माण सहित अन्य गतिविधियां महिला स्व-सहायता समूहों ने अब तक 10 करोड़ रूपए अर्जित की है। इसमें से अकेले वर्मी कम्पोस्ट से लगभग एक करोड़ रूपए की हासिल की गई। उन्होंने बताया कि प्रदेश में स्वावलंबी गौठानों की संख्या 226 से बढ़कर 251 हो गई है।
बैठक में गृह मंत्री श्री ताम्रध्वज साहू, स्वास्थ्य मंत्री टी.एस. सिंहदेव, वन मंत्री मोहम्मद अकबर, स्कूल शिक्षा मंत्री डॉ. प्रेमसाय सिंह टेकाम, राजस्व मंत्री जयसिंह अग्रवाल, नगरीय प्रशासन एवं विकास मंत्री डॉ. शिवकुमार डहरिया, लोक स्वास्थ्य यांत्रिकी मंत्री गुरू रूद्रकुमार, खाद्य मंत्री अमरजीत भगत, उद्योग मंत्री कवासी लखमा, महिला एवं बाल विकास मंत्री अनिला भेंड़िया, मुख्य सचिव अमिताभ जैन, मुख्यमंत्री के अपर मुख्य सचिव सुब्रत साहू, मुख्यमंत्री के सचिव सिद्धार्थ कोमल सिंह परदेशी, नगरीय प्रशासन एवं विकास विभाग की सचिव अलरमेल मंगई डी, मुख्यमंत्री सचिवालय में उप सचिव सौम्या चौरसिया उपस्थित थीं।