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Corona Iffect: प्रधानमंत्री कह रहे नौ परिवारों की मदद करें, छत्तीसगढ़ में 150 घुमंतू परिवारों को पुलिस ने खदेड़ा, सतनामी समाज ने दिया सहारा Featured

रायपुर. प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी कह रहे हैं कि देश में जिनके पास क्षमता है, वे 21 दिनों तक प्रतिदिन नौ गरीब परिवारों की मदद करने का प्रण लें, लेकिन छत्तीसगढ़ में उत्तरप्रदेश से आए घुमंतु परिवार कोरोना लॉकडाउन में प्रशासन की जादती का शिकार हो गए। हालांकि गुरुवार को चरामेती फाउंडेशन और प्रगतिशील सतनामी समाज के सदस्य सामने आए। उनके दो टाइम भोजन की व्यवस्था उनके तरफ से की गई। फिलहाल पूरा समुदाय बंजारी के निकट डेरा डाले हुए है और प्रशासन से गांव भेजने की गुहार लगा रहा है।   

समुदाय के लोगों ने बताया कि वे तीन महीने से बलौदाबाजार भाटापारा जिले में घूम घूमकर जीवन यापन कर रहे हैं। मंगलवार सुबह 7 बजे पुलिस ने अचानक उन्हें जगह खाली करने के लिए कहा। जबरदस्ती की। उन्हें संडी खरतोरा में छोड़ दिया गया। लेकिन खरतोरा के ग्रामीणों ने फिर से शिकायत कर दी और उन्हें वहां से भी भगा दिया गया। अंतत: उन्हें रायपुर जिले के छोर पर लाकर छोड़ा गया। देर रात महिलाओं और बच्चों सहित सभी घुमंतु परिवार रोड पर ही भूखे प्यासे बैठे रहे। इस बात की सूचना बुधवार रात कलेक्टर डॉ. एस भारतीदासन के वाट्सएप पर भी दी गई, लेकिन प्रशासनिक अमला दूसरे दिन भी नहीं पहुंचा। प्रशासन की तरफ से कोई व्यवस्था नहीं की गई।

 

बिलख रही हैं महिलाएं, पुरुष चिंतित

रोज कमाने खाने वाले इन घुमंतू परिवारों के पास पर्याप्त राशन नहीं है। महिलाएं बिलख रही हैं और पुरुष चिंतित हैं। उनका कहना है कि उन्हें उनके प्रदेश जाने दिया जाए। उन्हें समझ में नहीं आ रहा है कि वे कहां जाएं। प्रशासन का कोई भी अफसर उन तक नहीं पहुंचा है।

 

 

ऐसे हालात को लेकर ही लेखक चेतन भगत ने ये कहा-

जाने माने उपन्यासकार व लेखक चेतन भगत ने ऐसे ही हालात पर ट्वीट करते हुए कहा कि अगर नागरिकों को लाने के लिए दुनियाभर में प्लेन भेजे जा सकते हैं तो गरीब परिवारों को गांव तक पहुंचाने के लिए भी व्यवस्था की जानी चाहिए। कई परिवार सैकड़ों किलोमीटर पैदल चलकर घर जा रहे हैं।

 

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Last modified on Thursday, 26 March 2020 21:56
रागनीति डेस्क-2

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