दुर्ग। मकान की बुकिंग कराने के बाद निर्माण कार्य में विलंब होने से मकान की लागत में अत्यधिक वृद्धि हुई, जिसके कारण ग्राहक ने मकान की बुकिंग कैंसिल करवाई। इसके बाद नियमानुसार जमा राशि पर ब्याज दिया जाना था, परंतु छत्तीसगढ़ हाउसिंग बोर्ड ने कम ब्याज का भुगतान किया और बकाया ब्याज की मांग करने पर कोई कार्यवाही नहीं की। इसे सेवा में निम्नता ठहराते हुए जिला उपभोक्ता फोरम के अध्यक्ष लवकेश प्रताप सिंह बघेल, सदस्य राजेन्द्र पाध्ये व लता चंद्राकर ने छत्तीसगढ़ गृह निर्माण मंडल पर 1 लाख 54 हजार रुपए हर्जाना लगाया।
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ग्राहक की शिकायत
बालोद शासकीय आदर्श उच्चतर माध्यमिक शाला में उप प्राचार्य राजेश्वर राव कृदत्त ने बालोद के ग्राम सिवनी स्थित अटल विहार योजना अंतर्गत विकसित की जाने वाली छत्तीसगढ़ हाउसिंग बोर्ड की आवासीय कॉलोनी में एमआईजी 1 श्रेणी के मकान हेतु दिनांक 28 फरवरी 2013 को 3 लाख 38 हजार रुपए भुगतान कर बुकिंग कराई थी, परंतु हाउसिंग बोर्ड ने परिवादी की बुकिंग को एमआईजी 2 श्रेणी में बदल दिया, फिर भी परिवादी ने इसकी सहमति दे दी और बैंक से ऋण लेकर 13 अगस्त 2015 को 11 लाख 71 हजार रुपए भुगतान किया इसके बाद हाउसिंग बोर्ड द्वारा 2017 तक भवन का निर्माण कार्य पूरा नहीं किया गया और जनवरी 2018 में हाउसिंग बोर्ड ने 11 लाख 74 हजार रुपए का मांग पत्र परिवादी को देते हुए रकम भुगतान करने को कहा।
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मकान की कीमत में 40 प्रतिशत से अधिक बढ़ोतरी होने के कारण परिवादी ने हाउसिंग बोर्ड के भवन आवंटन संबंधी नियम व शर्तों के तहत अपनी जमा रकम 1509500 को 7.50 प्रतिशत वार्षिक ब्याज की दर से वापस मांगा, तब हाउसिंग बोर्ड ने परिवादी को 27अक्टूबर 2018 को 1813656 रुपए चेक द्वारा वापस किया। चेक लेने के बाद हिसाब किताब करने पर परिवादी को ज्ञात हुआ कि हाउसिंग बोर्ड ने परिवादी को ब्याज के रूप में कम राशि प्रदान की है, जिस पर परिवादी ने लिखित आवेदन द्वारा बकाया ब्याज की मांग की तो अनावेदकगण ने परिवादी को उसके बकाया ब्याज की राशि वापस नहीं की ना ही कोई जवाब दिया।
छत्तीसगढ़ गृह निर्माण मंडल का जवाब
छत्तीसगढ़ हाउसिंग बोर्ड ने प्रकरण में उपस्थित होकर कहा कि भवन का अंतिम मूल्य निर्धारण करने के लिए हाउसिंग बोर्ड पूर्ण रूप से स्वच्छंद है। परिवादी ने स्वेच्छा से पूर्ण रकम ब्याज सहित वापस पाने हेतु निवेदन किया जिस पर कार्रवाई करते हुए उसे पूर्ण संतुष्टि में रकम वापस की जा चुकी है।
फोरम का फैसला
प्रकरण में प्रस्तुत दस्तावेजों एवं प्रमाणों के आधार पर जिला उपभोक्ता फोरम के अध्यक्ष लवकेश प्रताप सिंह बघेल, सदस्य राजेन्द्र पाध्ये व लता चंद्राकर ने उपभोक्ता के प्रति छत्तीसगढ़ हाउसिंग बोर्ड द्वारा सेवा में निम्नता का कृत्य किया जाना प्रमाणित पाया। फोरम ने विचारण के दौरान यह पाया कि हाउसिंग बोर्ड ने जमा बुकिंग रकम लौटते समय परिवादी द्वारा दी गई संतुष्टि अथवा सहमति संबंधी कोई दस्तावेज अथवा प्रमाण प्रकरण में प्रस्तुत नहीं किया और ना ही ब्याज की गणना संबंधी ऐसा कोई प्रपत्र या दस्तावेज प्रस्तुत किया है जिसमें परिवादी ने संतुष्टि स्वरूप अपने हस्ताक्षर किए हो। हाउसिंग बोर्ड ने ब्याज गणना संबंधी कार्यवाही में परिवादी की सहमति अथवा संतुष्टि उसके हस्ताक्षर द्वारा प्राप्त करना आवश्यक नहीं समझा और एकपक्षीय रूप से ब्याज की गणना करते हुए राशि का भुगतान किया। फोरम ने यह प्रमाणित पाया कि हाउसिंग बोर्ड ने परिवादी को मकान बुकिंग की जमा राशि पर 127929 रुपए कम ब्याज दिया है।
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हर्जाना राशि
जिला उपभोक्ता फोरम के अध्यक्ष लवकेश प्रताप सिंह बघेल, सदस्य राजेन्द्र पाध्ये व लता चंद्राकर ने संयुक्त रूप से फैसला सुनाते हुए छत्तीसगढ़ गृह निर्माण मंडल के दुर्ग प्रक्षेत्र के संपदा अधिकारी, धमतरी प्रक्षेत्र के संपदा अधिकारी एवं रायपुर के मुख्य संपदा अधिकारी पर 1 लाख 54 हजार रुपए हर्जाना लगाया, जिसके तहत कम भुगतान किए गए ब्याज की राशि रुपए 127939, मानसिक पीड़ा की क्षतिपूर्ति स्वरूप 25000 रुपए तथा वाद व्यय के रुप में 1000 रुपए देना होगा।
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