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मणिपुर के आतंकी संगठन का मुखिया अपने साथी के साथ हुआ गिरफ्तार, दिल्ली था अगला ठिकाना

मणिपुर के प्रतिबंधित आतंकी संगठन कंगलिपक कम्युनिस्ट पार्टी-पीपुल्स वार ग्रुप के चेयरमैन लाइशराम मंगोलजाओ सिंह उर्फ लामिंबा खुमान और उसके साथी हिजबुर रहमान उर्फ इत्तेमा लोचन को दिल्ली पुलिस की स्पेशल सेल ने  गिरफ्तार किया है।

पांच मुकदमे दर्ज हैं पहले से 

राजधानी में ठिकाना बनाने के लिए जगह की तलाश में आए थे दोनों आतंकी। इनके खिलाफ मणिपुर में हत्या, गोलीबारी, बम फेंकने और फिरौती मांगने के पांच मुकदमे दर्ज हैं। लाइशराम मणिपुर के मुख्यमंत्री एन बीरेन सिंह को जान से मारने की धमकी देने के मामले में भी आरोपी है। उस पर एक लाख रुपये का इनाम घोषित है। हालिया हिंसा में इनकी भूमिका की भी जांच हो रही है।

स्पेशल सेल के डीसीपी संजीव कुमार यादव ने बताया कि मणिपुर पुलिस ने इस के बारे में सूचना दी थी। एक मार्च को पता चला कि लाइशराम मंगोलजाओ सिंह और हिजबुर रहमान बुराड़ी इलाके में आने वाले हैं। पुलिस टीम ने बुराड़ी स्थित निरंकारी सत्संग मैदान के समीप से दोनों को गिरफ्तार कर लिया। दोनों के पास से आतंकी संगठन केसीपी का लेटरहेड और मोबाइल बरामद हुए।

कई चरमपंथी समूहों को मिलाकर पीपुल्स वार ग्रुप का हुआ था गठन 

पुलिस अधिकारी ने बताया कि पीपुल्स वार ग्रुप (केसीपी) का गठन लाइशराम रंजीत मीतेई द्वारा कई चरमपंथी समूहों को मिलाकर किया गया था। लाइशराम मंगोलजाओ सिंह वर्तमान में इसका चेयरमैन है। वहीं, हिजबुर उसका सहयोगी है। दोनों गिरफ्तारी से बचने के लिए गत पांच वर्ष से नेपाल में रह रहे थे। आरोपियों ने स्वीकार किया है कि वे देश-विरोधी गतिविधियों को अंजाम देने के लिए दिल्ली में अपना बेस बनाना चाहते थे।

10वीं पास है, लाइशराम मंगोलजाओ

मणिपुर का रहने वाला लाइशराम मंगोलजाओ 10वीं पास है। पढ़ाई छोड़ने के बाद वह लाइबामाचा मनोटोन के संपर्क में आकर केसीपी-लबीमचा गुट में शामिल हो गया था। वर्ष 2006 में लाइबामचा मनोटोन की आतंकी समूहों के बीच झड़प के दौरान मौत हो गई थी। इसके बाद लाइशराम इसका चेयरमैन बन गया था। वहीं, मणिपुर का रहने वाला हिजबुर रहमान पांचवी तक पढ़ा है। गांव में कुछ लोगों से झगड़ा हो गया था, जिन्हें सबक सिखाने के लिए वह आतंकी संगठन में शामिल हो गया था। वह बेंगलुरु में काम करता था।

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रागनीति डेस्क-1

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