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शराब चीज ही ऐसी है कि.. न रही जाए ✍️जितेंद्र शर्मा

फाइल फोटो फाइल फोटो

शराब चीज ही ऐसी है कि.. न रही जाए ✍️जितेंद्र शर्मा

छत्तीसगढ़ में शराब का ये मामला बहुत गोलमाल है। कुछ समझ में ही नहीं आता। कांग्रेस जब तक सत्ता में नहीं थी, शराबबंदी की बात कर रही थी और अब जब भाजपा के हाथों से सत्ता सरक गई है, वह शराबबंदी के लिए हल्ला मचा रही है। इस खेल को बुझना बड़ा कठिन हो जा रहा है। भई छत्तीसगढ़ की कांग्रेस सरकार ने कोरोना महामारी के चलते लॉकडाउन का पालन किसके निर्देश पर किया? केंद्र के निर्देश पर ही न। और लॉकडाउन के तीसरे दौर में ढील किसने दी? केंद्र की सरकार ने ही न। इस ढील में शराब दुकानों का भी नाम था न? तो इस मामले में भी प्रदेश की सरकार ने केंद्र के ही इशारे पर काम किया तो क्या गलत किया। और केंद्र में तो भाजपा की सरकार है, जो प्रदेश में विपक्ष में बैठी है। मतलब यह भी हो सकता है कि छत्तीसगढ़ के भाजपाई प्रदेश की भाजपा सरकार के कंधे पर बंदूक रखकर निशाना साध रहे हैं। पर किस पर? .. छोड़ो ये मामला पेचिदा है। इससे तो दूर रहने में ही भलाई है।

अब बात करते हैं छत्तीसगढ़ में मदिरा प्रेम की। इस प्रेम रोग ने किसे नहीं जकड़ा है? लॉकडाउन में जब प्रदेश में शराब दुकानें बंद थीं, लोग अवैध शराब लाकर पी रहे थे। नहीं मिला तो स्प्रिट तक पी गए। बात राजधानी की ही है। इससे तीन लोगों की मौत तक हो गई थी। मानवता को झकझोर देने वाली घटना थी वह। इसीलिए तो प्रदेश सरकार ने तत्काल लगभग निर्णय ले लिया था कि प्रदेश में शराब की दुकानें खोल दी जाएं। इसके लिए एक कमेटी का भी गठन कर दिया गया था। लेकिन पता नहीं फिर क्या हुआ निराश होना पड़ा प्रेमियों को। अब जाकर सिगनल मिलने पर जब ट्रेन पटरी पर आई है। प्रेमियों की प्यास बुझनी शुरू हुई है, जलने वालों ने सारा जहां हाथ पर उठा लिया है। मतलब यही हुआ न कि आप करो तो प्रेम और कोई दूसरा करे तो छेड़छाड़। ये गलत है। अलबत्ता इसकी फिक्र किसे है कि अभी शराब की बिक्री शुरू हुए 2-3 दिन हुए नहीं हैं कि खबर आने लगी है कि ज्यादा पीने से राजधानी में ही एक युवक की मौत हो गई। जांजगीर जिले में एक व्यक्ति ने नशे में अपनी पत्नी को इतना पीटा कि वह भाग गई। इसके बाद उसने अपनी जननी को ही मार डाला। जशपुर में एक ही रात में चोरी की कई घटनाएं हो गईं। लोगों का मानना है कि शराब दुकान खुलने के बाद ही ऐसी घटनाएं हो रही हैं। क्योंकि  काम धंधा तो है नहीं लोगों के पास। और शराब के लिए पैसे चाहिए ही, तो कहां से लाएं। चोरी करने लगे। कुल मिलाकर शराब यह सब तो शराब का मोह ही है जिसके बिना न रही जाए।

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Last modified on Wednesday, 06 May 2020 22:49
रागनीति डेस्क-2

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