०० रनिंग वाटर कार्य में जिला से नहीं मिल रहा राशि।
०० कार्य को लेकर इंजीनियरों का दिख रहा उदासीनता।
०० सत्यापन मूल्यांकन में अधिकारी कर्मचारी नहीं दिखा रहे रुचि।
०० पंचायतों को घुमाया जा रहा अधिकारी कर्मचारी।
०० आजकल के चक्कर में भुगतान के लिए बीते कई महीने।
इन दिनों पूरे राजनांदगांव जिले के ग्राम पंचायतों में वाटर रनिंग का कार्य पंचायतों में प्रशासन के द्वारा कराया जा रहा हैं। ग्राम पंचायतों के संपूर्ण शासकीय भवनों में पेयजल की व्यवस्था के लिए वाटर रनिंग का कार्य कराया जा रहा है वही खैरागढ़ विकासखंड सहित बाजार अतरिया क्षेत्र के ग्राम पंचायतो द्वारा वाटर रनिंग के कार्य में रुचि नहीं दिखा रहे है क्योंकि वाटर रनिंग के कार्य में प्रशासनिक के सुस्त रवैए के चलते यह कार्य ठंडे बस्ते में है पंचायत के सरपंच, सचिव एक दूसरे के पंचायत को देख रहे हैं कि किस तरह और कितना विलंब में भुगतान होता है अभी तक एक भी ग्राम पंचायतों के हो रहे रनिंग वाटर के निर्माण कार्य का भुगतान नहीं हो पाया है जिसके चलते पंचायत रनिंग वाटर का कार्य कराने में रुचि नहीं दिखा रहे हैं। वाटर रनिंग के कार्य कराने के लिए पंचायत में फंड के अभाव व सत्यापन, मूल्यांकन में लेट लतीफ के चलते वाटर रनिंग का कार्य कछुआ गति से चल रहा है वहीं जिला प्रशासन से लेकर विकासखंड स्तर पर प्रशासनिक अधिकारियों द्वारा काम में तेजी लाने व काम जल्दी पूर्ण कराने को कहा जा रहा है लेकिन फंड का अभाव के चलते यह कार्य रुका हुआ है वहीं विभिन्न पंचायतों में रनिंग वाटर का काम पूरा कर लिया गया है जिसमे ग्राम पंचायत धनगांव, अछोली, चिंगली, कुकुरमुडा, सोनपुरी, रगरा व बफरा सहित और भी कुछ पंचायतों का कार्य पूर्ण हो चुका है बावजूद अभी तक उनका सत्यापन, मूल्यांकन नहीं होने के चलते सरपंच, सचिव जनपद के चक्कर काट काट कर परेशान हो गया है |
वही टाइट फंड में राशि नहीं होने के चलते के सरपंच सचिव विभाग के चक्कर काटकर थक गए हैं लेकिन अधिकारी कर्मचारियों के चलते ना तो सत्यापन हो रहा है और न ही मूल्यांकन जिसके वजह से जिस दुकान से सामग्री खरीदा गया है उन्हें भुगतान नहीं कर पा रहे हैं। वही दुकानदार भी लगातार 2 वर्षों से कोरोना काल की मार झेल रहे हैं आर्थिक स्थिति दयनीय हो चुकी है छह – छह माह से पंचायतों में सामग्री दिया हुआ है जिसका अभी तक भुगतान नहीं किया जा रहा है।
कार्य पूर्ण के उपरांत क्या है भुगतान की प्रक्रिया।
जल जीवन मिशन के तहत हो रहे रनिंग वाटर का निर्माण कार्य पूर्ण कराने के बाद खैरागढ़ जनपद के सब इंजीनियर द्वारा सत्यापन, मूल्यांकन किया जाना है जिसके बाद टाईट फंड से भुगतान किया जा सकता है लेकिन जिस पंचायत में टाईट फंड नहीं है उसके लिए फाइल बनाकर जनपद सीईओ द्वारा राशि की मांग पीएचई विभाग से किया जाना है जो की जल जीवन मिशन के तहत राशि पंचायत के खाता में आना है लेकिन जिन पंचायत के 15 वे वित्त के टाइट फंड में राशि है वहां सत्यापन, मूल्यांकन के पश्चात बिल लगाकर दुकानदार को भुगतान कर सकता है लेकिन अधिकारियों के सुस्त रवैया के चलते सत्यापन, मूल्यांकन व भुगतान की प्रक्रिया में देरी किया जा रहा है।
कई पंचायतों में फंड का आभाव, पीएचई से राशि आने करना पड़ रहा लंबा इंतज़ार।
रनिंग वाटर के कार्य को तेजी लाने के लिए अधिकारी कर्मचारी जी तोड़ जान लगा रहे हैं लेकिन वही पंचायतों में 15 वित्त के टाईट फंड का अभाव के चलते पीएचई से राशि आने का इंतजार कर रहे हैं लेकिन जनपद सीईओ द्वारा पीएचई से राशि का मांग किया जाना है जिसके बाद जल जीवन मिशन से राशि का आना है लेकिन राशि कैसे आएगा जब तक सत्यापन, मूल्यांकन होकर फाइल जिला कार्यालय नहीं जाएगा तब तक राशि का इंतजार करना पड़ रहा है ऐसा लगभग कई पंचायतों का रनिंग वाटर का निर्माण कार्य पूर्ण हो चुका है जो सत्यापन, मूल्यांकन का इंतजार कर रहे हैं और राशि आने का इंतजार कर रहे हैं ताकि जिस दुकानदार से रनिंग वाटर कार्य के लिए सामग्री खरीदे हैं उनको भुगतान कर सके।
सत्यापन मूल्यांकन में अधिकारी कर्मचारी नहीं दिखा रहे रुचि।
बाजार अतरिया क्षेत्र के कई पंचायतों का रनिंग वाटर का कार्य पूर्ण हो चुका है और फाइल भी जमा हो चुका है लेकिन जनपद के इंजीनियर व पीएचई विभाग के अधिकारी कर्मचारियों के द्वारा सत्यापन मूल्यांकन के लिए सरपंच, सचिव सम्बन्धित विभाग के चक्कर काटना पड़ रहा है सत्यापन, मूल्यांकन में अधिकारी कर्मचारी रुचि नहीं दिखा रहे हैं आखिर सत्यापन, मूल्यांकन करने में देरी क्यों हो रही है मानो ऐसा लगता है इन अधिकारी कर्मचारियों के हिस्से की मलाई नहीं मिल पाई है जिसके चलते सत्यापन, मूल्यांकन कर भुगतान करने में लेट लतीफ की जा रही है।
पंचायत द्वारा दुकानदारों को नहीं कर पा रहे भुगतान, हो रही भारी देरी।
एक तरफ पंचायतों को रनिंग वाटर का कार्य पूर्ण कराने के लिए जिला से लेकर जनपद पंचायत तक खूब प्रेशर है वहीं पंचायत द्वारा इन प्रेशर के चलते कार्य भी कराने के लिए कमर कस दी गई है लेकिन काम कराने के बावजूद भी दुकानदारों को भुगतान नहीं कर पा रहे हैं जिसका प्रमुख वजह फंड का अभाव व सत्यापन, मूल्यांकन में देरी के चलते जिन पंचायतों में फंड नहीं है उन पंचायतों में जिले से फंड आना है कार्य कराने के लिए प्रेशर तो दिया जा रहा है लेकिन सत्यापन, मूल्यांकन कर भुगतान की प्रक्रिया में काम नही हो रहा है अधिकारी कर्मचारी शांत बैठे हुए हैं ऐसे में पंचायत द्वारा दुकानदारों को भुगतान नहीं कर पा रहे हैं।
"मामले को लेकर हमारे प्रतिनिधि द्वारा जनपद पंचायत सीईओ, पीएचई एडीओ सहित आरईएस एसडीओ से बात किया गया लेकिन किसी ने संतोषप्रद जवाब नहीं दिया जनपद पंचायत सीईओ का कहना है कि आरईएस एसडीओ बात करो पीएचई विभाग एसडीओ से कहना है कि जनपद पंचायत का कार्य है अब मामला यहां समझ में नहीं आ रहा है कि आखिर यह रनिंग वाटर का कार्य पूर्ण होने के पश्चात आखिर भुगतान करने में देरी क्यों हो रही है।"