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BAMS है झोलाछाप डॉक्टर, कर रहा था इलेक्ट्रोहोम्योपैथी की भी प्रैक्टिस… और दोनों को मान्यता नहीं Featured

BAMS है झोलाछाप डॉक्टर, कर रहा था इलेक्ट्रोहोम्योपैथी की भी प्रैक्टिस… और दोनों को मान्यता नहीं फाइल फोटो

क्लिनिक में मिलीं महिलाओं की समस्या से जुड़ी दवाएं भी… इसके बाद भी जांच में ढिलाई बरत रहा खैरागढ़ प्रशासन।

खैरागढ़ में 14 दिन पहले जिस झोलाछाप डॉक्टर के गलत इलाज से 32 वर्षीय युवक की जान गई, उसके पास BAMS यानी बैचलर ऑफ अल्टरनेटिव मेडिसिन एंड सर्जरी की डिग्री मिली है। इसके अलावा क्लिनिक से इलेक्ट्रोहोम्योपैथी से जुड़ी दवाएं भी मिली हैं। बताया गया कि उसके पास इसकी भी डिग्री है।

केवल यही नहीं एएसआई एआर साहू द्वारा जब्त कर लाई गई दवाओं में महिलाओं से जुड़ी समस्याओं से संबंधित दवाएं भी हाथ लगी हैं। वरिष्ठ चिकित्सक डॉ. पीएस परिहार ने इसकी पुष्टि की है। इससे स्पष्ट है कि वह अपनी क्लिनिक में महिलाओं का भी इलाज किया करता था। आसपास के लोग भी बता रहे हैं कि झोलाछाप डॉक्टर देवीलाल भवानी के पास महिला मरीज भी आया करते थे।

बीएमओ डॉ. विवेक बिसेन ने बताया कि बैचलर ऑफ अल्टरनेटिव मेडिसिन एंड सर्जरी की डिग्री मान्यता प्राप्त नहीं है। इसी तरह इलेक्ट्रोहोम्योपैथी की डिग्री भी अमान्य है। इधर जांच के पहले दिन क्लिनिक को सील कर अकेले दस्तखत करने वाले नायब तहसीलदार लीलाधर कंवर का कहना है कि पुलिस जांच कर रही है, उन्होंने अपनी तरफ से कोई रिपोर्ट नहीं बनाई है।

पीएम रिपोर्ट में डॉक्टर ने नहीं लिखा ओपिनियन

मृतक आदर्श की मौत गलत इलाज से हुई। झोलाछाप डॉक्टर देवीलाल भवानी और अरुण भारद्वाज ने उसका इलाज किया। मौत के बाद मेडिकल फील्ड से जुड़े जिस तीसरे व्यक्ति ने उसका शव देखा वह पोस्टमार्टम करने वाले डॉक्टर ही थे। इस लिहाज से यह अहम गवाह होंगे। एएसआई साहू का कहना है कि डॉक्टर ने शव की स्थिति के बारे में तो लिखा है, लेकिन इसमें अपना ओपिनियन नहीं दिया।

इलेक्ट्रोहोत्योपैथी कॉलेज चलाते थे अरुण भारद्वाज

बताया गया कि देवीलाल भवानी के पास जिस इलेक्ट्रोहोम्योपैथी की डिग्री मिली है, तकरीबन 15-20 साल पहले अरुण भारद्वाज उसी से संंबंधित कॉलेज चलाया करते थे। इस दौरान उन्होंने काफी लोगों को इलेक्ट्रोहोम्योपैथी डॉक्टर की डिग्री दी है, जिनमें से संभवत: ज्यादातर लोग ग्रामीण क्षेत्रों में प्रैक्टिस कर रहे हैं।

जानिए ऐसा है पूरा मामला

झोलाछाप डॉक्टर के गलत इलाज से राजफेमली निवासी 32 वर्षीय आदर्श पिता कृष्णजय सिंह की मौत 28 दिसंबर को हो गई। इसके सातवें दिन इलाज करने वाले दोनों डॉक्टरों देवीलाल भवानी और अरुण भारद्वाज के खिलाफ पुलिस ने धारा 304 ए, 34 और 12 एलसीजी के तहत मामला दर्ज किया। फिर 12वें दिन प्रशासनिक टीम ने क्लिनिक का ताला खोला, लेकिन तब मेडिकल अफसर वहां मौजूद नहीं थे।

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Last modified on Tuesday, 12 January 2021 06:12
रागनीति डेस्क-2

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