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इस Shiva मंदिर के सामने से न कोई अर्थी गुजरती है न कोई डोली

झारखण्ड के खूंटी जिले के तोरपा में विराजमान एक प्राचीन शिव मंदिर जो भक्‍तों के बीच अपनी पौराणिक मान्‍यताओं के कारण काफी चर्चा चर्चा में है। तोरपा के इस प्राचीन शिव मंदिर के बारे में मान्यता है कि मंदिर के सामने से आज तक न कोई अर्थी निकली न कोई डोली। ग्रामीणों का यह मानना है कि कोई डोली या कोई अर्थी मंदिर के सामने से गुजरने पर संबंधित लोगों पर बड़ी विपत्ति आ जाती है। 

तोरपा के उकड़ीमाड़ी ग्राम पंचायत के ईचा लुदमकेल गांव आदिवासी बाहुल्य गाँव है। इस इलाके में आदिवासियों को छोड़कर किसी अन्‍य जाति या उपजाति के घर नहीं हैं। गांव वाले इसे भी किसी अनहोनी से जोड़कर ही देखते हैं। हाल ही में इस मंदिर का जीर्णोद्धार कराया गया है, इससे पहले यह मंदिर खपरैलनुमा था। बतातें है कि यह शिव मंदिर सैंकड़ों वर्ष पुराना गया है।

इस शिव मंदिर में महाशिवरात्रि के मौके पर भक्‍त दूर-दूर से पहुंचते हैं। यहां सच्‍चे मन से मांगी जाने वाली मन्‍नतें जरूर पूरी होती है। 

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Last modified on Saturday, 22 February 2020 13:36
रागनीति डेस्क-1

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