BJP के छत्तीसगढ़ के प्रदेश अध्यक्ष पद पर कौन विराजमान होगा ? सभी को इस बात का बेसब्री से इंतज़ार है। इसके लिए बीजेपी के वरिष्ठ नेता कई बार दिल्ली में भी अपनी हाजरी लगा रहे हैं। लेकिन अभी तक आलाकमान ने किसी एक के नाम की मुहर नहीं लगाई है।
छत्तीसगढ़ के प्रदेश प्रभारी रह चुके बीजेपी के वर्तमान राष्ट्रीय अध्यक्ष जेपी नड्डा अच्छी तरह से जानते हैं कि छत्तीसगढ़ में बीजेपी के प्रदेश अध्यक्ष की कुर्सी के लिए कौन उचित है। बीजेपी के नए प्रदेश अध्यक्ष के लिए जिन नामों की चर्चा है, उनमें सबसे आगे पूर्व केंद्रीय राज्यमंत्री विष्णुदेव साय बताए जा रहे हैं।
साय पहले भी बीजेपी के छत्तीसगढ़ प्रदेश अध्यक्ष रह चुके हैं। इनके बाद राजनांदगांव के सांसद संतोष पांडेय और दुर्ग सांसद विजय बघेल के नामों की चर्चा है। पार्टी के अनुसूचित जनजाति मोर्चा के राष्ट्रीय अध्यक्ष और राज्यसभा सदस्य रामविचार नेताम, पूर्व मंत्री महेश गागड़ा, नारायण चंदेल, बिलासपुर सांसद अस्र्ण साव का नाम भी शामिल है। कांग्रेस ने बीजेपी पर
विपक्ष की भूमिका निभा पाने असफल : शैलेष नितिन त्रिवेदी
प्रदेश अध्यक्ष का नाम तय न कर पाने पर तंज कसते हुए छत्तीसगढ़ पीसीसी महामंत्री शैलेष नितिन त्रिवेदी ने कहा कि बीजेपी विपक्ष की भूमिका निभा पाने में असफल रही है। कांग्रेस के प्रदेश प्रवक्ता विकास तिवारी ने कहा कि बीजेपी का आदिवासी चेहरा खुल कर सामने आ रहा है।
उनका कहना था कि प्रदेश में लगातार संपन्न हुए विधानसभा चुनाव, नगरीय निकाय और पंचायत चुनाव में बुरी तरह से हार मिलने के बाद पूर्व सीएम रमन सिंह धरम लाल कौशिक ने ठीकरा आदिवासी नेता विक्रम उसेंडी पर फोड़ दिया है। अगर हार ही प्रदेश अध्यक्ष के बदलाव का पैमाना है तो विधानसभा की करारी हार के पूर्व सीएम और तत्कालीन प्रदेश अध्यक्ष नेता प्रतिपक्ष को दोनों को सन्यास ले लेना चाहिए।
इसके अलावा कांग्रेस प्रवक्ता विकास तिवारी ने मांग की है कि आदिवासी नेतृत्व विक्रम उसेंडी को अपना कार्यकाल पूरा करने का मौका दिया जाना चाहिए।